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अंग्रेजों से लोहा लेने वाले 101 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्यासागर शुक्ला का निधन

मिर्जापुर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्यासागर शुक्ला (Freedom fighter Vidyasagar Shukla) का 101 उम्र के निधन में हो गया. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के निधन पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने भी शोक संवेदना व्यक्त किया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2023, 8:53 PM IST

मिर्जापुर: अंग्रेजों से लोहा लेने वाले 101 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्यासागर शुक्ला का निधन हो गया. लंबे समय से बीमार चल रहे महुवरिया के रहने वाले विद्यासागर ने जिला मंडलीय अस्पताल में सोमवार शाम को लगभग 4 बजे अंतिम सांस ली. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के निधन पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने भी शोक संवेदना व्यक्त किया है.

विद्यासागर शुक्ला 1939 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बांटते थे पर्चा.
विद्यासागर शुक्ला 1939 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बांटते थे पर्चा.

पहाड़ा रेलवे स्टेशन को लूटने व जलाने में निभाई थी अहम भूमिकाः बता दें कि विद्यासागर शुक्ला ने 16 साल की उम्र में ही अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था. सन 1938-39 में अंग्रेज सरकार के खिलाफ घर-घर नोटिस बांटना, विदेशी वस्त्र जलाना, घरों का नंबर मिटाने के कार्य के साथ स्वतंत्रता आंदोलन संबंधित इंदिरा गांधी द्वारा निर्मित वानरी सेना में रहकर संपादित किया करते थे. सन् 1940 में स्कूल सुपरिटेंडेंट ब्रम्हदत्त दीक्षित की अध्यक्षता में सोनभद्र के राबर्ट्सगंज चौराहे पर तिरंगा झंडा फहरने और वंदे मातरम गीत गाने पर गिरफ्तार भी हुए और पुलिस की मार भी पड़ी थी, जिससे दाढ़ी में चोट आई थी. विद्यासागर शुक्ल सन् 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भाग लिया और 13 अगस्त 1942 को अपने साथी जीत नारायण पांडेय, नरेश चंद्र श्रीवास्तव, पुष्कर पांडेय के साथ पहाड़ा रेलवे स्टेशन को लूटने व जलाने में अहम भूमिका निभाई थी.

  • महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदरणीय विद्या सागर शुक्ला जी के मंडलीय अस्पताल में उपचार के दौरान निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। आप जनपद मिर्ज़ापुर के अमूल्य धरोहर थे। उनके निधन से जनपद को अपूर्णीय क्षति हुई है। pic.twitter.com/RSPppmNtOj

    — Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) November 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पाली गांव में 1923 में हुआ था जन्मः गौरतलब है कि विद्यासागर शुक्ला मूल रूप से छानबे ब्लाक के पाली गांव में रहने वाले थे. वर्तमान में शहर के महुवरिया में रहते थे. विद्या सागर शुक्ल का जन्म 1923 में हुआ था. स्कूली शिक्षा के दौरान ही वह अपने गुरु ब्रह्मदत्त दीक्षित की अगुआई में आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे. उन्हें 1939 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पर्चा बांटते और वंदे मातरम का गीत गाते हुए राबर्टसगंज (सोनभद्र) से गिरफ्तार कर लिया गया था और जेल में डाल दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाए जा रहे आजादी अमृत महोत्सव के उत्तर प्रदेश से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के एकलौते सदस्य थे.

अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल ने दी श्रद्धांजलिः विद्यासागर शुक्ला के निधन पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने भी शोक संवेदना व्यक्त किया है.उन्होंने कहा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्या सागर शुक्ला के मंडलीय अस्पताल में उपचार के दौरान निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है. आप जनपद मिर्ज़ापुर के अमूल्य धरोहर थे. उनके निधन से जनपद को अपूर्णीय क्षति हुई है.दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ एवं शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं.

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विद्यासागर शुक्ला 1939 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बांटते थे पर्चा.
विद्यासागर शुक्ला 1939 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बांटते थे पर्चा.

पहाड़ा रेलवे स्टेशन को लूटने व जलाने में निभाई थी अहम भूमिकाः बता दें कि विद्यासागर शुक्ला ने 16 साल की उम्र में ही अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था. सन 1938-39 में अंग्रेज सरकार के खिलाफ घर-घर नोटिस बांटना, विदेशी वस्त्र जलाना, घरों का नंबर मिटाने के कार्य के साथ स्वतंत्रता आंदोलन संबंधित इंदिरा गांधी द्वारा निर्मित वानरी सेना में रहकर संपादित किया करते थे. सन् 1940 में स्कूल सुपरिटेंडेंट ब्रम्हदत्त दीक्षित की अध्यक्षता में सोनभद्र के राबर्ट्सगंज चौराहे पर तिरंगा झंडा फहरने और वंदे मातरम गीत गाने पर गिरफ्तार भी हुए और पुलिस की मार भी पड़ी थी, जिससे दाढ़ी में चोट आई थी. विद्यासागर शुक्ल सन् 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भाग लिया और 13 अगस्त 1942 को अपने साथी जीत नारायण पांडेय, नरेश चंद्र श्रीवास्तव, पुष्कर पांडेय के साथ पहाड़ा रेलवे स्टेशन को लूटने व जलाने में अहम भूमिका निभाई थी.

  • महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदरणीय विद्या सागर शुक्ला जी के मंडलीय अस्पताल में उपचार के दौरान निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। आप जनपद मिर्ज़ापुर के अमूल्य धरोहर थे। उनके निधन से जनपद को अपूर्णीय क्षति हुई है। pic.twitter.com/RSPppmNtOj

    — Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) November 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पाली गांव में 1923 में हुआ था जन्मः गौरतलब है कि विद्यासागर शुक्ला मूल रूप से छानबे ब्लाक के पाली गांव में रहने वाले थे. वर्तमान में शहर के महुवरिया में रहते थे. विद्या सागर शुक्ल का जन्म 1923 में हुआ था. स्कूली शिक्षा के दौरान ही वह अपने गुरु ब्रह्मदत्त दीक्षित की अगुआई में आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे. उन्हें 1939 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पर्चा बांटते और वंदे मातरम का गीत गाते हुए राबर्टसगंज (सोनभद्र) से गिरफ्तार कर लिया गया था और जेल में डाल दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाए जा रहे आजादी अमृत महोत्सव के उत्तर प्रदेश से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के एकलौते सदस्य थे.

अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल ने दी श्रद्धांजलिः विद्यासागर शुक्ला के निधन पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने भी शोक संवेदना व्यक्त किया है.उन्होंने कहा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्या सागर शुक्ला के मंडलीय अस्पताल में उपचार के दौरान निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है. आप जनपद मिर्ज़ापुर के अमूल्य धरोहर थे. उनके निधन से जनपद को अपूर्णीय क्षति हुई है.दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ एवं शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं.

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