मिर्जापुर: कोरोना वैश्विक महामारी के चलते महानगरों से घर लौटे प्रवासी बेरोजगार युवाओं को गरीब कल्याण योजना के तहत नई राह दिखाई जा रही है. मनरेगा के तहत प्रवासी श्रमिकों को बकरी आश्रय (गोट शेड) का निर्माण कराकर दिया जा रहा है. सिटी विकासखंड के छितपुर गांव में जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने फीता काटकर इसका उद्घाटन किया. गोड शेड बनाने में एक लाख 72 हजार रुपये की लागत आई है.
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने कहा कि भारी संख्या में श्रमिक बाहर से घर लौटे हैं. उन्हें गरीब कल्याण योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. उसी में से एक है-बकरी आश्रय का निर्माण. जिलाधिकारी ने कहा कि गोट शेड से प्रवासी श्रमिक अपना बकरी पालन का रोजगार करेंगे.
कोरोना संकट में घर लौटे प्रवासी बेरोजगार युवकों का गरीब कल्याण योजना के तहत मुराद पूरी होने जा रही है. बाहर से लौटे प्रवासी बेरोजगार श्रमिकों ने अधिकारियों से संपर्क किया था और रोजगार के लिए बात की थी. गरीब कल्याण योजना के तहत मनरेगा से बकरी शेड का निर्माण कराकर प्रवासी श्रमिकों को दिया गया है. अब घर पर ही प्रवासी श्रमिकों को काम दिलाने की योजना है, जिससे उनको कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी.
बाहर से लौटे प्रवासी बेरोजगार श्रमिकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए शुरू की गई यह योजना बहुत अच्छी है. बकरी पालन के लिए मनरेगा योजना के तहत यह कार्य कराया गया है. अब हम लोग यहीं से रोजगार शुरू कर रहे हैं.
मुंबई से लौटे प्रवासी श्रमिक मोनू ने बताया कि पहले हम मुंबई में पेंटिंग का काम किया करते थे, मगर लॉकडाउन के चलते घर वापस आ गए हैं. अब हमें बकरी पालन का रोजगार मिल गया है. अब यही रोजगार करेंगे, बाहर नहीं जाएंगे.
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने बताया कि गरीब कल्याण योजना के तहत जनपद में कार्य किए जा रहे हैं. उसी में से एक है-बकरी आश्रय (गोट शेड) का निर्माण, जिसमें लोगों को मनरेगा के तहत कार्य दिया जा रहा है. यह लोग इसमें बकरी पालन करेंगे, जिससे बकरी पालन को बढ़ावा मिलेगा और इनको भी एक रोजगार मिलेगा. जिले में इसकी शुरुआत कर दी गई है.