मिर्जापुर: जनपद के चौहान पट्टी गांव में 40 वर्षों से लोग तालाब की जमीन पर मकान बनाकर रह रहे थे. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर तहसील प्रशासन की टीम ने जेसीबी से 18 मकानों को जमींदोज कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग समय मांग रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन ने समय नहीं दिया.
अधिकारियों का कहना है कि 4 महीने पहले लोगों को नोटिस दिया गया था. बीच-बीच में रिमाइंड भी कराया गया था. ये लोग मकान नहीं खाली कर रहे थे. बुधवार को सख्ती के बाद यह कार्रवाई की गयी.
दरअसल, कोर्ट के आदेश पर पड़री थाना क्षेत्र के चौहान पट्टी गांव में ग्राम सभा के 6 बीघे 14 बिस्से तालाब की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाये गए 18 पक्के दो मंजिला मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. इस जमीन की कीमत करीब 3 करोड़ है.
ये भू-माफियाओं के खिलाफ जिले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. बुलडोजर गरजने के पहले मकान खाली करने का अवसर दिया गया था. इस मामले में चार महीने पहले नोटिस दिया गया था. मकान खाली न करने पर भारी फोर्स के साथ पांच थानों की पुलिस ने मकानों को खाली कराते हुए सभी मकानों को गिरा दिया. सख्ती होने के कारण कोई ग्रामीण विरोध नहीं कर पाया.
ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग महाजन से रजिस्ट्री कराये थे. 40 वर्षों से इस मकानों में रह रहे थे. लगभग 500 लोग हैं. कोर्ट को गुमराह कर हम लोगों का मकान तोड़ा जा रहा है. हम लोग परेशान हैं. समय मांग रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन नहीं माना. आज मकान को तोड़ दिया है. अब हम लोग बेघर हो गए हैं. बाहर रहने को मजबूर हैं. वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि 4 महीने पहले इनको नोटिस दिया गया है. माननीय कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है. 18 लोगों के मकानों को गिराया जा रहा है.