मिर्जापुर: मिर्जापुर सिटी विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय भोरसर में 197 बच्चे पंजीकृत हैं, जहां लगभग 140 बच्चे प्रतिदिन पढ़ने आते हैं. विद्यालय में कमरा न होने की वजह से एक कमरे में 60-60 बच्चों को बैठाकर पढ़ाना पड़ता है. एक ही कमरे में इतनी संख्या में भीड़ होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते शिक्षक और बच्चों दोनों का ही बड़ा नुकसान हो रहा है.
पढ़ाई के लिये जगह की नहीं है व्यवस्था -
मिर्जापुर सिटी विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय भोरसर में पढ़ाने के लिए उचित रुप से कमरे की व्यवस्था नहीं है. बच्चे ज्यादा हैं और क्लास रुम केवल दो. चार अध्यापकों वाले इस विद्यालय में एक ही कमरे में दो-दो क्लासें चलाई जाती हैं. जिस वजह से जब एक क्लास के बच्चे पढ़ते हैं तो दूसरे क्लास के बैठे रहते हैं या शोर मचाते रहते हैं. अध्यापकों का कहना है कि अगर यहां पांच कक्षाएं चलती हैं तो कमरे भी कम से कम पांच होने चाहिए. चार शिक्षकों के होने के बावजूद भी यहां पर अच्छी पढ़ाई नहीं हो पा रही है.
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बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकार करोड़ों रुपए बच्चों के लिए हर वर्ष खर्च कर रही है. बावजूद इसके जिले के इस स्कूल में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिरकार इस तरह से देश के भविष्य को कैसे संवारा जाएगा.