मेरठ: जिले में मंगलवार को नगर निगम की महिला सफाईकर्मी की तबीयत उस वक्त बिगड़ गई, जब नगर आयुक्त ने उसे बिना नोटिस के नौकरी से निकाल दिया. परिजनों ने उसे इलाज के लिए आनन- फानन में निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जानकारी होने पर अस्पताल पहुंचे बड़ी संख्या में आक्रोशित सफाईकर्मियों ने नगर निगम के खिलाफ हंगामा करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया. सूचना पर एसपी सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह महिला सफाईकर्मी को वापस रखने की मांग पर अड़े रहें. वहीं कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने नगर आयुक्त का घेराव कर महिला को वापस नौकरी पर रखने के साथ इलाज में पूरा खर्च उठाने की मांग की.
जानकारी के अनुसार वार्ड- 47 में निशा आउटसोर्सिंग के तहत सफाई कर्मचारी के पद तैनात थी. 18 दिसंबर को नगर आयुक्त मनीष बंसल के औचक निरीक्षण के दौरान निशा समेत 12 आउटसोर्सिंग सफाईकर्मी अनुपस्तिथ मिले, जिस पर नगर आयुक्त ने सभी की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए.
नौकरी जाने पर आया हार्ट अटैक
जानकारी के मुताबिक नौकरी से बर्खास्तगी की सूचना मिलते की महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई. परिजनों ने उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि अचानक हार्ट अटैक आने से महिला की तबीयत खराब हो गई थी. महिला का आईसीयू में इलाज चल रहा है. परिजनों का आरोप है कि महिला कोनगर आयुक्त की कार्रवाई के बाद हार्ट अटैय आया. महिला को मंगलवार को सुबह 6 बजे आर्ट अटैक आया.
सफाई व्यवस्था रही ठप
आक्रोशित सफाईकर्मियों ने इस दौरान शहर की सफाई व्यवस्थआ को ठप कर दिया. सभी कर्मचारियों ने चौराहे पर पहुंच कर सड़क जाम कर जमकर हंगामा किया.हालांकि नगर आयुक्त के आश्वसन के बाद कर्मचारियों ने जाम खोल दिया.
सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए दिए गए सख्त निर्देश
नगर आयुक्त मनीष बंसल ने बताया कि सफाई व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए सभी सफाईकर्मियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. समय पर सफाईकर्मी ड्यूटी पर आ रहे हैं या नहीं इसके लिए चेकिंग अभियान चलाया गया है. जिस दौरान निशा समेत 12 आउटसोर्सिंग सफाईकर्मी ड्यूटी पर नहीं पाए गए, जिस कारण सभी पर विभागीय कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि सफाई कमर्चारी नेताओं के साथ बैठक के बाद मामला शांत करा दिया गया है.