मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बुधवार को अलग-अलग कॉलेजों के सैकड़ों छात्र विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार को बंद करके धरने पर बैठ गए. धरना देने वाले छात्र छात्राएं बीएससी द्वितीय वर्ष के हैं. छात्रों का आरोप है कि उन्हें गलत तरीके लापरवाही बरतते हुए फेल कर दिया गया है. छात्रों ने शाम को विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को बंद करके खूब नारेबाजी की है. दरअसल, बीएससी द्वितीय वर्ष में करीब 70 फीसदी छात्र इस बार फेल हुए हैं.
नाराज छात्र बुधवार को आक्रोश मार्च निकालते हुए सीसीएसयू परिसर पहुंचे. छात्रों ने नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन के समक्ष अपनी परेशानी रखी. उधर होमगार्ड ने 4 छात्रों के खिलाफ मेडिकल थाने में FIR दर्ज कराई.
बुधवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में बीएससी द्वितीय वर्ष में फेल छात्र छात्राओं ने खूब हंगामा किया. छात्रों का आरोप है कि लापरवाही बरतते हुए उनकी कॉपी चेक की गई हैं, जिस वजह से 75 फीसदी छात्र-छात्राएं बीएससी में फेल हुए हैं.
दरअसल, बीएससी में इस बार खासतौर से द्वितीय वर्ष के छात्रों का उत्तीर्ण होने का प्रतिशत बेहद ही कम है, जिसके बाद से छात्र और छात्राओं के द्वारा कॉपी चेक करने वाले प्रोफेसरों पर तमाम गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं.
बीएससी में असफल छात्रों का आज उस वक्त गुस्सा फूट पड़ा. जब सुबह से शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे छात्रों की सुध किसी ने नहीं ली. इसके बाद तो छात्र विश्वविद्यालय के गेट को बंद करके रास्ते में बैठ गए और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
छात्रों ने बताया कि उन्हें गलत तरीके से फेल कर दिया गया है. छात्रों की संतुष्टि के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों में से 5 छात्र-छात्राओं को उनकी परीक्षा कॉपी दिखाने के लिए बुलाया. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने बताया कि जो भी 5 छात्र अंदर गए. उन्हें उनकी परीक्षा कॉपी दिखाई गईं. मौके पर छात्रों ने पाया कि उन्होंने जितना जवाब दिया है उसी हिसाब से कॉपी में उन्हें अंक मिले हुए थे, लेकिन जब वो 5 छात्र धरना दे रहे छात्रों के पास पहुंचे तो विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ हो हल्ला करने लगे. छात्रों का कहना है कि उनकी उन्हें लापरवाही पूर्ण रवैये से फेल किया है.
बीएससी द्वितीय वर्ष में फेल विद्यार्थियों की कॉपियों का पुनः मूल्यांकन भी हो चुका, लेकिन उसके बावजूद भी जो स्टूडेंट असफल थे वो असफल ही पाए गए हैं. रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि कुछ छात्रों को उनकी कॉपी दिखाई गईं थीं, लेकिन छात्र छात्राएं सिर्फ एक ही मांग पर अड़े रहे कि बिना कोई शुल्क लिए उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन हो.
रजिस्ट्रार धीरेन्द कुमार ने कहा कि छात्र विश्वविद्यालय में अनुशासन हीनता कर रहे हैं जो कि बर्दाश्त योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने छात्रों को एक और अवसर दिया है. जो भी छात्र छात्राएं संतुष्ट नहीं है वह आरटीआई के तहत अपनी कॉपी 2 रुपये प्रतिपेज के हिसाब से निकलवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि कहीं कोई चूक नहीं हुई. जो छात्र फेल हैं वो फेल ही रहेंगे. छात्र दवाब बनाकर पास हो जाएंगे तो ऐसा नहीं हो सकता. अगर फिर भी छात्र -छात्राओं को लगता है कि उनके नंबर कम दिए गए हैं तो वह स्कूटनी के तहत आगे की प्रक्रिया में प्रतिभाग कर सकते हैं, लेकिन बेवजह का माहौल अगर छात्रों के द्वारा खराब किया जाएगा तो विश्वविद्यालय द्वारा एक्शन लिया जाएगा.
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