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नीट में मेरठ के शिवम पटेल की देशभर में 29वीं रैंक, कोरोना काल में डॉक्टर बनने का लिया था संकल्प

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Published : Jun 15, 2023, 8:10 AM IST

मेरठ के शिवम पटेल ने नीट की परीक्षा में देशभर में 29वीं रैंक हासिल की है. इससे उसके माता-पिता और लोगों में काफी खुशी है. शिवम ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उसने कोरोना काल में संकल्प लिया था कि वह डॉक्टर बनेंगे. शिवम और उनके परिजनों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

नीट पास करने वाले मेरठ के शिवम पटेल
नीट पास करने वाले मेरठ के शिवम पटेल
नीट पास करने वाले मेरठ के शिवम पटेल और उनके माता-पिता से बातचीत

मेरठ: मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) का परिणाम मंगलवार को घोषित हुआ. इसमें मेरठ के 17 वर्षीय शिवम पटेल ने देशभर में 29वीं रैंक पाई है. शिवम ने कोरोना काल में संकल्प लिया था कि वह डॉक्टर बनेंगे. बेटे की कामयाबी से जहां माता-पिता बेहद प्रसन्न हैं, वहीं लोग भी लगातार बधाइयां दे रहे हैं. शिवम पटेल ने बताया कि किस तरह से उन्होंने तैयारी की और कैसे वह इस परीक्षा में सफल हुए.

शिवम पटेल ने बताया कि वह कक्षा 11वीं से ही पढ़ाई में लगे रहते थे. कोई भी टेस्ट वह नहीं छोड़ते थे. वह कहते हैं उनका बस यही लक्ष्य रहा है कि जो भी जिस दिन क्लास में पढ़ाया जा रहा है, उसे उसी दिन रिवीजन भी करना. यही नहीं जो भी उससे जुड़े बिंदु ऐसे होते थे जोकि क्लियर नहीं हो रहे तो उन्हें उसी दिन क्लियर कर लेते थे. वह कहते हैं कि बस इसी तरह वह लगे रहे. शिवम बताते हैं कि बीच में दिक्कतें भी आईं. इसी बीच 12th की परीक्षा भी थी. बकौल शिवम हर दिन 8 से 10 घंटे तक नियमित जमकर उन्होंने पढ़ाई की. शिवम अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को देते हैं.

शिवम पटेल ने बताया कि उन्होंने ये बचपन से तय नहीं किया था कि उन्हें डॉक्टर बनना है, बल्कि उन्होंने कोरोनाकाल में देखा कि जब लोगों की जान जा रही थी, तब अगर कोई मददगार था तो डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ. जोकि लोगों की जान बचाने में सबसे आगे थे. बस वहीं से उन्होंने प्रेरणा ली और तय कर लिया था कि अब मेडिकल की पढ़ाई करके डॉक्टर बनकर ही देश में जरूरतमंदों की सेवा करनी है. वह कहते हैं कि उन्हें बेहद खुशी है कि अपने सपने को पूरा करने के लिए वह एक कदम आगे बढ़े हैं.

शिवम पटेल बताते हैं कि कई बार उनके जीवन में ऐसा भी वक्त आया है, जब वे कम नम्बर आने पर हताश हो जाते थे. लेकिन, यही सोचकर कि यात्रा अभी बहुत लंबी है, वह पुनः मेहनत करने में जुट जाते थे. शिवम का कहना है कि वह अपनी रैंकिंग से सन्तुष्ठ हैं.
अपने बेटे की इस सफलता पर उनकी मां सीमा वर्मा कहती हैं कि उन्हें बेहद खुशी हो रही है. उनके लिए ये सपने जैसा है.

बता दें कि शिवम की मां मेरठ में ही दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग में क्लर्क हैं. उनके पिता अरविंद कुमार पटेल इलेक्ट्रिकल शॉप चलाते हैं. अपने बेटे की सफलता पर कहते हैं कि उसने मेहनत की ओर उसके गुरुजनों के मार्गदर्शन में उसने सफलता पाई है. वह कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि शिवम आगे भी मेहनत से बढ़ेगा.

शिवम ने एक निजी कोचिंग सेंटर से नीट की तैयारी की थी. निजी कोचिंग संस्थान के जिम्मेदार इलियास बताते हैं कि शिवम ने कड़ी मेहनत की. वह बताते हैं कि जब भी शिवम को कहीं भी अपनी तैयारी में समस्या होती थी तो कोचिंग का स्टाफ उनकी मदद के लिए साथ होता था. वह कहते हैं कि शिवम ने शानदार प्रदर्शन किया है.

यह भी पढ़ें: NEET RESULT 2023: कानपुर की बरीरा अली को पहले प्रयास में मिली 42वीं रैंक, जानिए कैसे की तैयारी

नीट पास करने वाले मेरठ के शिवम पटेल और उनके माता-पिता से बातचीत

मेरठ: मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) का परिणाम मंगलवार को घोषित हुआ. इसमें मेरठ के 17 वर्षीय शिवम पटेल ने देशभर में 29वीं रैंक पाई है. शिवम ने कोरोना काल में संकल्प लिया था कि वह डॉक्टर बनेंगे. बेटे की कामयाबी से जहां माता-पिता बेहद प्रसन्न हैं, वहीं लोग भी लगातार बधाइयां दे रहे हैं. शिवम पटेल ने बताया कि किस तरह से उन्होंने तैयारी की और कैसे वह इस परीक्षा में सफल हुए.

शिवम पटेल ने बताया कि वह कक्षा 11वीं से ही पढ़ाई में लगे रहते थे. कोई भी टेस्ट वह नहीं छोड़ते थे. वह कहते हैं उनका बस यही लक्ष्य रहा है कि जो भी जिस दिन क्लास में पढ़ाया जा रहा है, उसे उसी दिन रिवीजन भी करना. यही नहीं जो भी उससे जुड़े बिंदु ऐसे होते थे जोकि क्लियर नहीं हो रहे तो उन्हें उसी दिन क्लियर कर लेते थे. वह कहते हैं कि बस इसी तरह वह लगे रहे. शिवम बताते हैं कि बीच में दिक्कतें भी आईं. इसी बीच 12th की परीक्षा भी थी. बकौल शिवम हर दिन 8 से 10 घंटे तक नियमित जमकर उन्होंने पढ़ाई की. शिवम अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को देते हैं.

शिवम पटेल ने बताया कि उन्होंने ये बचपन से तय नहीं किया था कि उन्हें डॉक्टर बनना है, बल्कि उन्होंने कोरोनाकाल में देखा कि जब लोगों की जान जा रही थी, तब अगर कोई मददगार था तो डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ. जोकि लोगों की जान बचाने में सबसे आगे थे. बस वहीं से उन्होंने प्रेरणा ली और तय कर लिया था कि अब मेडिकल की पढ़ाई करके डॉक्टर बनकर ही देश में जरूरतमंदों की सेवा करनी है. वह कहते हैं कि उन्हें बेहद खुशी है कि अपने सपने को पूरा करने के लिए वह एक कदम आगे बढ़े हैं.

शिवम पटेल बताते हैं कि कई बार उनके जीवन में ऐसा भी वक्त आया है, जब वे कम नम्बर आने पर हताश हो जाते थे. लेकिन, यही सोचकर कि यात्रा अभी बहुत लंबी है, वह पुनः मेहनत करने में जुट जाते थे. शिवम का कहना है कि वह अपनी रैंकिंग से सन्तुष्ठ हैं.
अपने बेटे की इस सफलता पर उनकी मां सीमा वर्मा कहती हैं कि उन्हें बेहद खुशी हो रही है. उनके लिए ये सपने जैसा है.

बता दें कि शिवम की मां मेरठ में ही दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग में क्लर्क हैं. उनके पिता अरविंद कुमार पटेल इलेक्ट्रिकल शॉप चलाते हैं. अपने बेटे की सफलता पर कहते हैं कि उसने मेहनत की ओर उसके गुरुजनों के मार्गदर्शन में उसने सफलता पाई है. वह कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि शिवम आगे भी मेहनत से बढ़ेगा.

शिवम ने एक निजी कोचिंग सेंटर से नीट की तैयारी की थी. निजी कोचिंग संस्थान के जिम्मेदार इलियास बताते हैं कि शिवम ने कड़ी मेहनत की. वह बताते हैं कि जब भी शिवम को कहीं भी अपनी तैयारी में समस्या होती थी तो कोचिंग का स्टाफ उनकी मदद के लिए साथ होता था. वह कहते हैं कि शिवम ने शानदार प्रदर्शन किया है.

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