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जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर घटाएगा यूपी का यह पहला इंस्टीट्यूट, विदेशी शिक्षक देंगे ट्रेनिंग - मेरठ मेडिकल कॉलेज

उत्तर प्रदेश में जच्चा-बच्चा की मृत्युदर को कम कैसे किया जाए, इस पर शोध और प्रशिक्षण के लिए मेरठ में प्रदेश का पहला नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खुला है. इसका उद्घाटन शुक्रवार को डीएम ने किया.

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मेरठ में खुला नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट.
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Published : Jun 24, 2022, 7:30 PM IST

Updated : Jun 24, 2022, 9:49 PM IST

मेरठः जिले में यूपी के पहले नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (NIMT) का उद्घाटन डीएम दीपक मीणा ने किया. इस मौके पर उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जच्चा-बच्चा की मृत्युदर को और कम कैसे किया जाए इस पर यहां शोध होगा, साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. डीएम दीपक मीणा ने बताया कि देश में ऐसे करीब 6 सेंटर बनाए जा रहे हैं. मेरठ में यूपी का पहला सेंटर खुला है.

मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरसी गुप्ता ने बताया कि यह कॉन्सेप्ट अमेरिका से लिया गया है. जच्चा और बच्चा की मृत्यु दर को कैसे कम किया जाए, इसे लेकर इस सेंटर में प्रशिक्षण दिया जाएगा. यहां खास प्रशिक्षण देने के लिए सरकार की ओर से पांच राष्ट्रीय और तीन अंतरराष्ट्रीय ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस सेंटर में 18 महीने का खास प्रशिक्षण दिया जाएगा. यहां से प्रशिक्षित लेने वाले दूसरों को प्रशिक्षण दे सकेंगे. NIMT के उप अधीक्षक डॉ. दिनेश राणा ने बताया कि 4 राज्यों से 27 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए चुना गया है.

मेरठ में खुला नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट.

NIMT मेरठ की कॉर्डिनेटर डॉक्टर नमिता का कहना है कि अब इस ओर ध्यान दिया जा रहा है. इससे एक माता को सही सलाह मिल सकेगी. इससे जच्चा और बच्चा की सुरक्षा बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इस ट्रेनिंग के बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्री और आशा वर्कर खुद जच्चा-बच्चा की मौत रोकने में प्रशिक्षित होंगी. इस ट्रेनिंग के बाद नर्सों की पहचान नर्स प्रैक्टिशनर्स मिडवाईफस के रूप में होगी. यह उनकी विशेष योग्यता होगी. डॉक्टरों का कहना है कि जिस तरह से सिजेरियन और आपरेशन की संख्य़ा बढ़ती जा रही है, उसे कम करना ही इस प्रशिक्षण का मकसद है.

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मेरठः जिले में यूपी के पहले नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (NIMT) का उद्घाटन डीएम दीपक मीणा ने किया. इस मौके पर उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जच्चा-बच्चा की मृत्युदर को और कम कैसे किया जाए इस पर यहां शोध होगा, साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. डीएम दीपक मीणा ने बताया कि देश में ऐसे करीब 6 सेंटर बनाए जा रहे हैं. मेरठ में यूपी का पहला सेंटर खुला है.

मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरसी गुप्ता ने बताया कि यह कॉन्सेप्ट अमेरिका से लिया गया है. जच्चा और बच्चा की मृत्यु दर को कैसे कम किया जाए, इसे लेकर इस सेंटर में प्रशिक्षण दिया जाएगा. यहां खास प्रशिक्षण देने के लिए सरकार की ओर से पांच राष्ट्रीय और तीन अंतरराष्ट्रीय ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस सेंटर में 18 महीने का खास प्रशिक्षण दिया जाएगा. यहां से प्रशिक्षित लेने वाले दूसरों को प्रशिक्षण दे सकेंगे. NIMT के उप अधीक्षक डॉ. दिनेश राणा ने बताया कि 4 राज्यों से 27 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए चुना गया है.

मेरठ में खुला नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट.

NIMT मेरठ की कॉर्डिनेटर डॉक्टर नमिता का कहना है कि अब इस ओर ध्यान दिया जा रहा है. इससे एक माता को सही सलाह मिल सकेगी. इससे जच्चा और बच्चा की सुरक्षा बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इस ट्रेनिंग के बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्री और आशा वर्कर खुद जच्चा-बच्चा की मौत रोकने में प्रशिक्षित होंगी. इस ट्रेनिंग के बाद नर्सों की पहचान नर्स प्रैक्टिशनर्स मिडवाईफस के रूप में होगी. यह उनकी विशेष योग्यता होगी. डॉक्टरों का कहना है कि जिस तरह से सिजेरियन और आपरेशन की संख्य़ा बढ़ती जा रही है, उसे कम करना ही इस प्रशिक्षण का मकसद है.

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Last Updated : Jun 24, 2022, 9:49 PM IST
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