मेरठ: जिले में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और प्रशानिक अधिकारी सिक्किम में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए कैप्टन श्रेयांश के घर पहुंचे. जहां उन्होंने शहीद परिजनों को न सिर्फ सांत्वना दी बल्कि सरकार की ओर से 50 लाख के मुआवजे का चेक भी सौंपा. इसके साथ ही योगी सरकार का पत्र और मुआवजे की राशि ट्रांसफर के आरटीजीएस के दस्तावेज भी परिजनों को सौंपे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से शहीद के परिजनों को से हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिया है.
सिक्किम में हुए थे शहीद
आपको बता दें कि मेरठ के थाना दौराला इलाके के गांव मटौर निवासी गोविंद सिंह के 23 वर्षीय पुत्र श्रेयांश कश्यप सेना में कैप्टन के पद पर तैनात थे. कैप्टन श्रेयांश की पोस्टिंग सिक्किम में 108 इंजीनियरिंग बटालियन में थी. जानकारी के मुताबिक 28 मई को पहाड़ी इलाके में ड्यूटी के दौरान श्रेयांश को हार्टअटैक आ गया था. जिससे उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई. आनन फानन में सैन्य अधिकारियों ने उनको सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. रविवार को शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा, जहां सेना एवं स्थानीय प्रशानिक अधिकारियों की मौजूदगी में सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.
केंद्रीय मंत्री ने परिजनों को सौंपा मुआवजे का चेक
मंगलवार को केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान शहीद के घर पहुंचे. उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया और सरकार से हर संभव मदद का भरोसा दिया. केंद्रीय मंत्री ने परिजनों को प्रदेश सरकार की घोषणाओं के बारे में बताया और योगी सरकार का पत्र शहीद कैप्टन श्रेयांश कश्यप के परिजनों को दिया. संजीव बालियान ने सीएम की घोषणा के बाद सरकार द्वारा भेजे गए पचास लाख रुपये के आरटीजीएस के कागाजात परिजनों को सौंपे हैं. सीएम योगी द्वारा भेजे पत्र में परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और जिले की किसी एक सड़क का शहीद के नाम पर रखने की बात कही गई है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि परिवार के जिस सदस्य की नौकरी लगनी है उसके जरूरी दस्तावेज स्थानीय अधिकारियों को दे दें. शहीद श्रेयांश के पिता गोविंद सिंह ने मुआवजा और मदद का भरोसा मिलने पर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है. हालांकि इस दौरान बेटे के चले जाने के गम में आंखे नम थी.