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आधा सेशन बीत गया मगर मेरठ के सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंचीं नई किताबें - किताबों की किल्लत

उत्तर प्रदेश सरकार भले ही सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई को लेकर बड़े बड़े दावे करती है, मगर मेरठ के सरकारी स्कूलों में बच्चे आज भी किताबों का इंतजार कर रहे हैं. बेसिक शिक्षा विभाग को शासन से नई किताबें नहीं मिल (new books in government schools) पाई हैं.

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मेरठ के सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंचीं नई किताबें
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Published : Sep 7, 2022, 4:46 PM IST

Updated : Sep 7, 2022, 6:34 PM IST

मेरठ : प्रदेश में सरकारी स्कूलों में सेशन कई महीने पहले शुरू हो चुका है, मगर मेरठ में किताबों की किल्लत बच्चों के लिए बनी हुई है. मेरठ के सरकारी स्कूलों में 6 लाख किताबें ही पहुंची हैं. बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक, अभी भी विभिन्न विषयों के 5 लाख किताबों की जरूरत है. हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि किताबों की कमी के कारण स्टूडेंट्स को दिक्कत नहीं होने दी जा रहीं है.

टीचर मीरा यादव ने बताया कि छात्रों ने सेशन खत्म होने के बाद अपनी पुरानी किताबें स्कूल में जमा करा दी थीं. इसका फायदा यह मिला कि शासन की ओर से नई किताब आने में देरी के बावजूद क्लासेज चल रही हैं. बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि मेरठ के एक हजार से भी अधिक सरकारी स्कूलों में बिना रुकावट पढ़ाई जारी है.

मेरठ के सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंचीं नई किताबें

बीएसए योगेंद्र कुमार का कहना है कि सभी स्कूलों में 10 सितंबर नई किताबें पहुंचा दिया जाएगा. अब तक जिले में लगभग 60 फ़ीसदी किताबें पहुंच चुकी हैं, जिन्हें स्कूलों के हिसाब से वितरित किया गया है. बता दें कि मेरठ में कुल 1072 परिषदीय स्कूल हैं, जिनमें से 637 प्राथमिक, 171 उच्च प्राथमिक, 264 कम्पोजिट स्कूल हैं. इनमें कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. इन विद्यार्थियों के लिए विभिन्न सब्जेक्ट्स के कुल 51 किताबें निर्धारित की गई हैं. टीचर मीरा यादव का कहना है कि स्कूलों में बिना किसी अवरोध के पढाई जारी है, बच्चों को सभी किताबें समय से सरकार मुहैया करा दें तो अधिक अच्छा रहे.

पढ़ें : ढाई लाख के इनामी बद्दो के करीबी डिपिन सूरी का फ्लैट जब्त

मेरठ : प्रदेश में सरकारी स्कूलों में सेशन कई महीने पहले शुरू हो चुका है, मगर मेरठ में किताबों की किल्लत बच्चों के लिए बनी हुई है. मेरठ के सरकारी स्कूलों में 6 लाख किताबें ही पहुंची हैं. बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक, अभी भी विभिन्न विषयों के 5 लाख किताबों की जरूरत है. हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि किताबों की कमी के कारण स्टूडेंट्स को दिक्कत नहीं होने दी जा रहीं है.

टीचर मीरा यादव ने बताया कि छात्रों ने सेशन खत्म होने के बाद अपनी पुरानी किताबें स्कूल में जमा करा दी थीं. इसका फायदा यह मिला कि शासन की ओर से नई किताब आने में देरी के बावजूद क्लासेज चल रही हैं. बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि मेरठ के एक हजार से भी अधिक सरकारी स्कूलों में बिना रुकावट पढ़ाई जारी है.

मेरठ के सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंचीं नई किताबें

बीएसए योगेंद्र कुमार का कहना है कि सभी स्कूलों में 10 सितंबर नई किताबें पहुंचा दिया जाएगा. अब तक जिले में लगभग 60 फ़ीसदी किताबें पहुंच चुकी हैं, जिन्हें स्कूलों के हिसाब से वितरित किया गया है. बता दें कि मेरठ में कुल 1072 परिषदीय स्कूल हैं, जिनमें से 637 प्राथमिक, 171 उच्च प्राथमिक, 264 कम्पोजिट स्कूल हैं. इनमें कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. इन विद्यार्थियों के लिए विभिन्न सब्जेक्ट्स के कुल 51 किताबें निर्धारित की गई हैं. टीचर मीरा यादव का कहना है कि स्कूलों में बिना किसी अवरोध के पढाई जारी है, बच्चों को सभी किताबें समय से सरकार मुहैया करा दें तो अधिक अच्छा रहे.

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Last Updated : Sep 7, 2022, 6:34 PM IST
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