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Lok Sabha Question Hour में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने पूछा, ऑनलाइन जुए से आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा क्या सरकार के पास है

लोकसभा में प्रश्न काल (Question Hour in Lok Sabha) के दौरान ऑनलाइन जुआ खेले जाने के कारण पैसा गंवाने के पश्चात कंपनियों द्वारा परेशान किए जाने के संबंध में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल (MP Rajendra Agarwal) ने प्रश्न उठाया.

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Published : Feb 8, 2023, 11:00 PM IST

मेरठ: लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान बुधवार को मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने ऑनलाइन जुए की वजह से अवसाद में आकर होने वाली आत्महत्याओं को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार के पास ऐसे जान गंवाने वाले लोगों की कोई सूची तैयार की जा रही है या नहीं.

  • आज #लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान ऑनलाइन जुआ खेले जाने के कारण पैसा गंवाने के पश्चात कंपनियों द्वारा परेशान किये जाने के बाद उत्पन्न स्थिति के परिणामस्वरूप होने वाली आत्महत्याओं तथा इस प्रकार के अवैध कृत्य में शामिल कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही के सम्बंध में प्रश्न उठाया। pic.twitter.com/IrOTWjDphf

    — Rajendra Agrawal (@MP_Meerut) February 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने बुधवार को लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान ऑनलाइन जुआ खेले जाने के कारण पैसा गंवाने के पश्चात कंपनियों द्वारा परेशान किए जाने के मुद्दे को उठाया. सांसद ने पूछा कि ऑनलाइन जुआ खेलते हुए पैसा गंवाने के बाद उत्पन्न स्थिति के परिणामस्वरूप होने वाली आत्महत्याओं तथा इस प्रकार के अवैध कृत्य में शामिल कंपनियों के विरुद्ध किस तरह की कार्रवाई की जा रही है. सांसद ने कहा कि वह यह जानना चाहते हैं कि अलग अलग क्षेत्रों के चाहे अभिनेता हों या फिर खिलाड़ी, जो ऑनलाइन जुआ या सट्टे का प्रचार करते हैं. इनसे आकर्षित होकर नौजवान पीढ़ी इस जुए के अंदर इन्वॉल्व हो जाती है. बाद में इस लत में फंसकर निराश होकर आत्महत्या कर रहे हैं. सांसद ने पूछा कि वह यह जानना चाहते हैं कि भले ही वह साइबर अपराध की श्रेणी में न आता हो. लेकिन, क्या इस प्रकार की कोई गणना रखने की कोशिश हो रही है या इस प्रकार का कोई आंकड़ा सरकार के पास है.

सांसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौधौगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि राज्य पुलिस और प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट किये गए डेटा के आधार पर साइबर अपराध सहित अपराधों से संबंधित डेटा राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (NCRB) द्वारा रखा जाता है. सांसद के पूछे प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि “सट्टेबाजी और जुआ” संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची में प्रविष्टि 34 है. इसलिए संविधान के अनुच्छेद 246 के प्रावधानों के अनुसार राज्य विधानमंडल के पास सट्टेबाजी और जुए से सम्बंधित मामलों पर कानून बनाने की विशेष शक्ति है.


मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसके अलावा अनुच्छेद 162 के प्रावधानों के अनुसार सट्टेबाजी और जुए से सम्बंधित मामले राज्यों की कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत आते हैं. इसके अलावा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अनुसार संज्ञेय अपराधों की रोकथाम और जांच पुलिस द्वारा की जाती है. उन्होंने कहा कि संविधान की सांतवीं अनुसूची के तहत यह राज्य का विषय है. उन्होंने कहा कि अवैध सट्टेबाजी और जुए पर कार्रवाई के लिए रोकथाम, जांच आदि के लिए राज्य मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं. राज्य पुलिस विभाग अवैध सट्टेबाजी और जुए के संबंध में कानून के अनुसार निवारक और दंडात्मक कार्रवाई करते हैं.

यह भी पढ़ें- Meerut Road Accident: थार से दो लोगों को कुचलने के आरोपी भाजपा नेता पर इनाम घोषित, पत्नी और मां धरने पर बैठी

मेरठ: लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान बुधवार को मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने ऑनलाइन जुए की वजह से अवसाद में आकर होने वाली आत्महत्याओं को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार के पास ऐसे जान गंवाने वाले लोगों की कोई सूची तैयार की जा रही है या नहीं.

  • आज #लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान ऑनलाइन जुआ खेले जाने के कारण पैसा गंवाने के पश्चात कंपनियों द्वारा परेशान किये जाने के बाद उत्पन्न स्थिति के परिणामस्वरूप होने वाली आत्महत्याओं तथा इस प्रकार के अवैध कृत्य में शामिल कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही के सम्बंध में प्रश्न उठाया। pic.twitter.com/IrOTWjDphf

    — Rajendra Agrawal (@MP_Meerut) February 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने बुधवार को लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान ऑनलाइन जुआ खेले जाने के कारण पैसा गंवाने के पश्चात कंपनियों द्वारा परेशान किए जाने के मुद्दे को उठाया. सांसद ने पूछा कि ऑनलाइन जुआ खेलते हुए पैसा गंवाने के बाद उत्पन्न स्थिति के परिणामस्वरूप होने वाली आत्महत्याओं तथा इस प्रकार के अवैध कृत्य में शामिल कंपनियों के विरुद्ध किस तरह की कार्रवाई की जा रही है. सांसद ने कहा कि वह यह जानना चाहते हैं कि अलग अलग क्षेत्रों के चाहे अभिनेता हों या फिर खिलाड़ी, जो ऑनलाइन जुआ या सट्टे का प्रचार करते हैं. इनसे आकर्षित होकर नौजवान पीढ़ी इस जुए के अंदर इन्वॉल्व हो जाती है. बाद में इस लत में फंसकर निराश होकर आत्महत्या कर रहे हैं. सांसद ने पूछा कि वह यह जानना चाहते हैं कि भले ही वह साइबर अपराध की श्रेणी में न आता हो. लेकिन, क्या इस प्रकार की कोई गणना रखने की कोशिश हो रही है या इस प्रकार का कोई आंकड़ा सरकार के पास है.

सांसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौधौगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि राज्य पुलिस और प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट किये गए डेटा के आधार पर साइबर अपराध सहित अपराधों से संबंधित डेटा राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (NCRB) द्वारा रखा जाता है. सांसद के पूछे प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि “सट्टेबाजी और जुआ” संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची में प्रविष्टि 34 है. इसलिए संविधान के अनुच्छेद 246 के प्रावधानों के अनुसार राज्य विधानमंडल के पास सट्टेबाजी और जुए से सम्बंधित मामलों पर कानून बनाने की विशेष शक्ति है.


मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसके अलावा अनुच्छेद 162 के प्रावधानों के अनुसार सट्टेबाजी और जुए से सम्बंधित मामले राज्यों की कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत आते हैं. इसके अलावा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अनुसार संज्ञेय अपराधों की रोकथाम और जांच पुलिस द्वारा की जाती है. उन्होंने कहा कि संविधान की सांतवीं अनुसूची के तहत यह राज्य का विषय है. उन्होंने कहा कि अवैध सट्टेबाजी और जुए पर कार्रवाई के लिए रोकथाम, जांच आदि के लिए राज्य मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं. राज्य पुलिस विभाग अवैध सट्टेबाजी और जुए के संबंध में कानून के अनुसार निवारक और दंडात्मक कार्रवाई करते हैं.

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