मेरठः बीते साल 30 दिसंबर को नगर निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों में हंगामे के बीच मारपीट का मामला सामने आया था. इस मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में आरोप है कि प्रदेश सरकार के एक मंत्री और बीजेपी के एमएलसी ने विपक्ष के पार्षदों के साथ मारपीट की. विपक्ष के हंगामे के बीच बीजेपी भी अपने मंत्री और एमएलसी के बचाव में उतर आई है. गुरुवार को बीजेपी के पार्षदों ने महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में मेरठ एसएसपी से मुलाकात करने पहुंचे. यहां कार्रवाई की मांग को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक के दौरान पार्षदों के साथ हुई हाथापाई के मामले में बीजेपी को विपक्ष लगातार घेर रही है. इस घटनाक्रम के बाद विपक्षी एकजुटता भी देखने को मिल रही है. जहां आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी, आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने बीजेपी के मंत्री और एमएलसी के वीडियो में होने का आरोप लगाकर लगातार कार्रवाई की मांग उठा रही है. विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश सरकार के एक मंत्री और बीजेपी के एक एमएलसी द्वारा विपक्ष के पार्षदों के साथ मारपीट की गई थी.
वहीं, बीजेपी अपने राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर और एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज के बचाव में सड़क पर उतर आई है. बीजेपी की महिला पार्षदों का आरोप है कि विपक्ष के 3 पार्षदों ने उनके साथ बदसलूकी की थी. इस मामले को लेकर बीजेपी के पार्षदों ने महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में महिला पार्षदों के साथ मेरठ एसएसपी से मुलाकात करने पहुंचे. इस दौरान पार्षदों ने एसएसपी का घेराव करते हुए मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की. इसके साथ ही सड़क पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
विपक्ष के हंगामे की बीच अब भाजपा भी सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. बीजेपी के दलित महिला पार्षदों ने आरोप लगाया है कि विपक्ष के पार्षदों ने उनके साथ जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर बदसलूकी की थी. इस वजह से मारपीट की नौबत आ गई थी. बता दें कि बीते दिनों बीजेपी के जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष ने पार्टी के दलित पार्षदों के साथ आईजी से मुलाकात कर विपक्ष के पार्षदों के खिलाफ मुकदमा लिखवाने के लिए तहरीर दी थी. इसके साथ ही बुधवार को डीएम दफ्तर में बीजेपी की महिला पार्षदों ने हंगामा काटा था. अब बीजेपी की दलित महिला पार्षदों ने जाति सूचक शब्द बोलने का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की है.
पार्षदों के बीच मारपीट और हंगामे का मामला बढ़ता ही जा रहा है. विपक्ष की तरफ से 10 जनवरी को एक महापंचायत के आयोजन का निर्णय लिया गया है, लेकिन अभी स्थान का चयन नहीं किया गया है. वहीं, अब बीजेपी की तरफ से भी लगातार सड़कों पर आंदोलन कर कार्रवाई की मांग की जा रही है.
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