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70 हजार पेड़ों को बचाने की मुहिम, शुरू होगा चिपको आंदोलन - सड़क बनाने के लिए काटे जा रहे पेड़

मेरठ में पेड़ों को बचाने के लिए लोग चिपको आंदोलन करने वाले हैं. दरअसल मेरठ के कांवड़ मार्ग की दाहिनी पटरी पर सड़क बनाने की योजना है. इसके लिए लिए तैयारियां की जा रही हैं. इसी के चलते लोगों ने पेड़ न कटने के लिए प्रर्दशन शुरू कर दिए हैं.

मेरठ में चला चिपको आंदोलन
मेरठ में चला चिपको आंदोलन
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Published : Jan 9, 2021, 4:50 PM IST

मेरठ: मेरठ के कांवड़ मार्ग की दाहिनी पटरी पर सड़क बनाने के लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं. इसके लिए मेरठ में करीब 70 हजार पेड़ काटे जाएंगे. इन्हीं पेड़ों को बचाने के लिए अब कई संगठन सड़कों पर उतर आए हैं. मेरठ में जागरूक नागरिक एसोसिएशन के लोगों ने पेड़ों को बचाने के लिए प्रदर्शन किया.

चिपको आंदोलन से पेड़ बचाने की कोशिश

मेरठ कमिश्नरी चौराहे पर लोगों ने खुद को पेड़ बनाकर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग सड़क बनाने के लिए 70 हजार पेड़ काटने की तैयारी में है. इन पेड़ों को बचाने के लिए अब यह संगठन चिपको आंदोलन चलाएगा. इस आंदोलन का बस एक ही मकसद होगा कि किसी भी कीमत पर पेड़ नहीं कटने दिए जाएंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि ब्रिटिश काल में बनी गंग नहर का मूल स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है. सड़क को अगर दूसरी तरह से बना लिया जाए तो पेड़ भी बच जाएंगे और नहर भी बच जाएगी. साथ ही वह जीव-जंतु भी बच जाएंगे जो नहर और जंगल पर निर्भर हैं. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि किसी भी कीमत पर पेड़ नहीं कटने दिए जाएंगे.

मेरठ: मेरठ के कांवड़ मार्ग की दाहिनी पटरी पर सड़क बनाने के लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं. इसके लिए मेरठ में करीब 70 हजार पेड़ काटे जाएंगे. इन्हीं पेड़ों को बचाने के लिए अब कई संगठन सड़कों पर उतर आए हैं. मेरठ में जागरूक नागरिक एसोसिएशन के लोगों ने पेड़ों को बचाने के लिए प्रदर्शन किया.

चिपको आंदोलन से पेड़ बचाने की कोशिश

मेरठ कमिश्नरी चौराहे पर लोगों ने खुद को पेड़ बनाकर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग सड़क बनाने के लिए 70 हजार पेड़ काटने की तैयारी में है. इन पेड़ों को बचाने के लिए अब यह संगठन चिपको आंदोलन चलाएगा. इस आंदोलन का बस एक ही मकसद होगा कि किसी भी कीमत पर पेड़ नहीं कटने दिए जाएंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि ब्रिटिश काल में बनी गंग नहर का मूल स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है. सड़क को अगर दूसरी तरह से बना लिया जाए तो पेड़ भी बच जाएंगे और नहर भी बच जाएगी. साथ ही वह जीव-जंतु भी बच जाएंगे जो नहर और जंगल पर निर्भर हैं. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि किसी भी कीमत पर पेड़ नहीं कटने दिए जाएंगे.

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