मेरठ: एसटीएफ मेरठ और नोएडा की टीम ने अलीगढ़ जिले के बहुचर्चित पूर्व विधायक मलखान सिंह और उनके गनर के हत्याकांड केस में दोषी अभियुक्त सोनू गौतम को सोमवार देर रात दिल्ली के दिलशाद गार्डन से गिरफ्तार किया. अभियुक्त को 27 जनवरी को उम्रकैद की सजा हुई थी और वह फरार चल रहा था. उसे बुलंदशहर जेल भेजा गया है.
एसटीएफ मेरठ के प्रभारी बृजेश सिंह ने बताया कि दिल्ली से उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. अभियुक्त अलीगढ़ जिले के गोंडा थाना क्षेत्र के मदनगढ़ी का निवासी है, जोकि डी 30 गैंग का लीडर है. दिल्ली के दिलशाद गार्डन सीमापुरी शाहदरा इलाके में एक मकान से उसे एसटीएफ ने गिरफ्तार किया. एसटीएफ की तरफ से जानकारी दी गई कि उसके पास से एक कार और 6 मोबाइल फोन बरामद किए गए. वहीं, 1 लाख रुपये की नकदी, एक लाइसेंस और आधार कार्ड की फोटो प्रति भी बरामद हुई है.
एसटीएफ के मुताबिक, उसे पूछताछ के बाद बुलंदशहर कोतवाली सदर में दाखिल किया गया. वहां से उसे बुलंदशहर जेल भेजा गया. कुख्यात अपराधी सोनू गौतम पूर्व विधायक व उनके गनर की हत्या में दोषी करार दिए जाने के बाद से फरार चल रहा था. अब उसे बुलंदशहर सत्र न्यायालय द्वारा तलब कर सजा सुनाए जाने की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी. एसटीएफ द्वारा सख्ती से की गई पूछताछ में उसने बताया है कि अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के दिन वह अलीगढ़ में ही था. इसके अगले दिन वह अलीगढ़ से बाहर चला गया. कभी अलीगढ़ और कभी दिल्ली-एनसीआर में ठहरता था. सोमवार को गिरफ्तारी से पहले भी वह दिल्ली से कहीं और निकलने की तैयारी में था. इतना ही नहीं वह पूर्व विधायक मलखान सिंह के मुकदमे में पैरवी करने वाले वादी पूर्व विधायक के भाई दलवीर सिंह की हत्या की फिराक में भी था.
अभियुक्त सोनू ने बनाया था बीमारी का बहाना
अलीगढ़ के क्वार्सी के ज्ञान सरोवर-मान सरोवर कॉलोनी में वर्ष 2006 में हुए पूर्व विधायक मलखान सिंह हत्याकांड की सुनवाई हाईकोर्ट के निर्देश पर बुलंदशहर सत्र न्यायालय में हुई थी. यहां इस मामले में नामजद सभी आरोपी लगातार तारीखों पर हाजिर हो रहे थे, जबकि 27 जनवरी 2023 को आरोप तय किए जाने के लिए नियत तारीख पर सोनू हाजिर नहीं हुआ था. उसकी तरफ से तब कोर्ट में जिला अस्पताल की मेडिकल पर्ची के आधार पर कोर्ट में हाजिरी माफी लगाई गई थी और वह सजा होते ही फरार चल रहा था.
कोर्ट ने उसकी हाजिरी माफी को कर दिया था खारिज
अदालत ने उसकी हाजिरी माफी को तब खारिज करते हुए भगोड़ा घोषित कर दिया था और कुर्की नोटिस जारी किया था. पुलिस ने तब उसके घर पर कुर्की नोटिस भी चस्पा किया था. गौरतलब है कि इस हत्याकांड में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू सहित सभी 14 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. फरार होने के कारण सोनू को सजा नहीं सुनाई जा सकी थी.
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