मेरठ : निकाय चुनाव को लेकर जिले में माहौल गर्म है. राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ को पुलिस ने हिरासत में ले लिया हुआ है, वहीं पार्टी के एक पार्षद प्रत्याशी को भी हिरासत में लिया हुआ है, जिसके बाद से अब रालोद के नेताओं में उबाल है. इस मुद्दे पर रालोद नेताओं ने पुलिस और प्रशासन पर सरकार के इशारे पर चलने का आरोप लगाया है.
मेरठ में राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ को किठौर पुलिस ने हिरासत में लिया है. इसके बाद से रालोद के नेताओं में उबाल है. रालोद के वरिष्ठ नेताओं ने तत्काल रिहाई की मांग की है. बता दें कि मेरठ की किठौर नगर पालिका से रालोद जिलाध्यक्ष की पत्नी प्रत्याशी हैं. रालोद के राष्ट्रीय सचिव राजकुमार सांगवान ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि 'पुलिस और प्रशासन सरकार के इशारे पर काम कर रही है. रालोद को ये बात कतई बर्दाश्त नहीं है. राजकुमार सांगवान का आरोप है कि हम बीते कई महीने से किठौर पुलिस और प्रशासन की शिकायत अफसरों से करते आ रहे हैं कि पुलिस अफसरों का रवैय्या बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने संज्ञान तक नहीं लिया.'
रालोद के वरिष्ठ नेता राजकुमार सांगवान ने आरोप लगाया है कि 'सरकार के इशारे पर पुलिस काम कर रही है. अपने जिलाध्यक्ष पर हुई कार्रवाई को लेकर भड़के RLD के राष्ट्रीय महासचिव राजकुमार सांगवान ने पार्टी नेताओं के साथ आईजी, समेत जिले के अफसरों से जिलाध्यक्ष को छोड़ने की मांग की. रालोद नेता ने कहा कि बीजेपी सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग बीजेपी के सामने पंगु हो गया है. बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को जब चुनाव प्रक्रिया पर यकीन ही नहीं तो सरकार नॉमिनेट कर देती. राजकुमार सांगवान ने कहा कि हमने पुलिस और प्रशासन से पूछा कि उनके जिलाध्यक्ष को आख़िर हिरासत में क्यों लिया गया है? सांगवान ने आरोप लगाया जिले के अफसरों का कहना है कि रालोद जिलाध्यक्ष को इसलिए हिरासत में लिया है क्योंकि वह किठौर में चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं. रालोद के वरिष्ठ नेता सांगवान ने कहा कि इसी तरह पुलिस ने उनके वार्ड 19 के पार्षद प्रत्याशी और उनके पिता को भी रात से हिरासत में रखा है.
रालोद के वरिष्ठ नेताओं का आरोप है कि 'चुनाव हराने के लिए पुलिस ने उनके जिलाध्यक्ष को हिरासत में लिया है. उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर हर मंच पर आपत्ति दर्ज कराएंगे. रालोद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर जरूरत पडे़गी तो धरना देंगे. हाईकोर्ट तक जाएंगे. किसी को लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासन पार्टी बने ये अच्छा नहीं है.'
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