मेरठः अनोखे शौक की जिद और कुछ अलग करने के जुनून के बल पर जीवन सिंह बिष्ट के नाम को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है. नाम दर्ज यूं तो किसी एक खास वजह से भी हो सकता है, लेकिन यह ऐसे भारतीय हैं जिन्हें अनेकों एंटीक चीजें सहेजने के लिए यह सम्मान मिला है. मेरठ के शताब्दीनगर में जीवन सिंह बिष्ट सपरिवार रहते हैं. वह आयकर विभाग से सेवानिवृत्त हैं, लेकिन कई दशक से वह ऐसी चीजों वस्तुओं का संग्रह करते आ रहे हैं. आज की पीढ़ी ने वो चीजें नहीं देखीं और एक समय में उन चीजों का काफी प्रचलन था. जीवन सिंह बिष्ट ने अपने शौक को पूरा करने के लिए अपने घर के एक हिस्से को अनूठा संग्रहालय बनाया हुआ है.
एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराकर सभी को चकित करने वाले जीवन ने बताया कि उन्होंने 100 से अधिक एंटीक चीजों का संग्रह करके संग्रहालय बनाया हुआ है. वह बताते हैं कि पहले उनका नाम पिछले साल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया था और अब एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी उनका नाम दर्ज हो चुका है. उनके संग्रहालय में 14 हजार डाक टिकट हैं. दस हजार सिक्कों का संग्रह भी जीवन सिंह ने किया हुआ है. स्वतंत्रता सेनानियों के 5 हजार से अधिक दुर्लभ चित्र भी उनके संग्रहालय में हैं. उसी तरह फाउंटेन पेन, ग्लास, भिन्न-भिन्न प्रकार की मोमबत्तियों का संग्रह भी है. जीवन सिंह बिष्ट के इस खास संग्रहालय में 18 वीं शताब्दी से लेकर 2022 तक के तमाम तरह के सिक्के मौजूद हैं.
आखिर यह प्रेरणा उन्हें कैसे मिली इसके बारे में उन्होंने बताया कि उन्हें घर में ही अपने पिता का पुराना पर्स मिला था और उस पर्स में कुछ दुर्लभ सिक्के रखे हुए थे. बस तभी से उन्होंने यह निश्चय कर लिया कि पिताजी के द्वारा रखी गई इस अमूल्य धरोहर को बढ़ाना है. इसके बाद अपनी धुन में अपने इस शौक को पूरा करने की लगन के साथ अब तक जुड़े हुए हैं. उनके संग्रहालय में ऐसे लोगों के भी चित्र हैं, जो सौ वर्ष या उससे भी अधिक समय तक जीवित रहे हैं. अनेकों कैलेंडर भिन्न-भिन्न समय पर हुईं घटनाओं से संबंधित न्यूजपेपर भी उन्होंने सहेजकर रखे हुए हैं.
जीवन सिंह बिष्ट ने बताया कि उन्हें अलग-अलग चीजों को संग्रह करने का बेहद ही शौक है. 35 साल से वह ऐसा ही करते आ रहे हैं. जीवन सिंह ने बताया कि जब लोगों को उनके इस शौक के बारे में पता चला तो लोग भी उन्हें उपहार के तौर पर दुर्लभ चीजें दे देते थे. अपने संग्रहालय के लिए अनोखी चीजों को वह हमेशा खोजा करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने इसके लिए लंबी लंबी यात्राएं भी की हैं. गलियों, चौराहों, कस्बों से लेकर और कबाड़ियों से संपर्क करके अपने जरूरत का कोई भी सामान मिला, तो उन्होंने उसे तुरंत खरीद लिया.
जीवन सिंह बिष्ट का कहना है कि उनका लक्ष्य है कि अब उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो जाए और उसी के लिए अब वह कोशिश करेंगे. यह संग्रहालय बेहद ही अद्भुत है और इसे देखने के लिए लोग भी अब तो यहां आने लगे हैं. जो भी लोग आते हैं उन्हें वह पूरी जानकारी देते हैं और लोगों को भी ऐसी दुर्लभ चीजों को देखकर अच्छा लगता है, जो उन्होंने कभी देखी ही नहीं हैं या जिनके बारे में सिर्फ सुना होता है.
ऐसे दुर्लभ स्टांप पेपर भी अपने म्यूजियम में उन्होंने संजोकर रखे हैं. इन पर अंकित रकम को पढ़कर ही लोग दांतों तले अंगुली दबा लेंगे. एक आना दो आना से लेकर साढ़े चार सौ रुपये तक के डाक टिकट इनके संग्रहालय में 13 हजार डाक टिकट मौजूद हैं. अलग-अलग स्टांप पेपर का भी उनके पास दुर्लभ संग्रह है.
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