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मेरठ: सीएए हिंसा में संलिप्त PFI और SDPI के चार सदस्य गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने PFI और SDPI संगठनों के चार सदस्यों को हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. एसएसपी ने बताया कि एसपी क्राइम के नेतृत्व में दोनों संगठनों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है.

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मीडिया से बातचीत करते एसएसपी अजय साहनी.
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Published : Jan 2, 2020, 5:16 PM IST

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंसा के मास्टरमाइंड के रूप में PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) जैसे संगठनों के नाम सामने आए हैं. मेरठ पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष समेत अब तक इन दोनों संगठनों के चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. अब एसपी क्राइम के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है. ये टीम पूरे मामले की जांच करेगी.

मीडिया से बातचीत करते एसएसपी अजय साहनी.

हिंसा फैलाने वालों की होगी गिरफ्तारी

20 दिसंबर को सीएए के विरोध प्रदर्शन में मेरठ हिंसा की चपेट में आ गया था. उपद्रवियों ने शहर में उपद्रव फैलाने की कोशिश की थी. इस हिंसा के दौरान पांच लोगों की मौत भी हो गई. पुलिस जांच में हिंसा की साजिश रचने वालों के नाम सामने आए हैं. एसएसपी अजय साहनी का मानना है कि पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों से कई और गिरफ्तारी की जाएंगी.

इसे भी पढ़ें:- मेरठ: सीएए हिंसा में मारे गए लोगों के घर पहुंचा वकीलों का प्रतिनिधिमंडल, मदद का आश्वासन

लोगों को भ्रमित किया गया
आरोप है कि प्रतिबंधित संगठन PFI और SDPI के कार्यकर्ताओं ने देश के हर शहर में CAA के खिलाफ लोगों को उकसाया. लोगों के बीच आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री बांटी, जिससे लोग आक्रोशित होकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए.

संगठनों के चार आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष नूर हसन और उसके ड्राइवर अब्दुल मुईद हासमी को गिरफ्तार कर लिया. वहीं इससे पहले पुलिस ने पीएफआई के दो सदस्यों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो एसडीपीआई, पीएफआई, सिमी समेत करीब ऐसे 14 संगठनों पर नजर रखी गई है.

इसे भी पढ़ें:- स्वच्छता सर्वेक्षण : देश के 50 बड़े शहरों में 39वें स्थान पर मेरठ

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंसा के मास्टरमाइंड के रूप में PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) जैसे संगठनों के नाम सामने आए हैं. मेरठ पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष समेत अब तक इन दोनों संगठनों के चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. अब एसपी क्राइम के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है. ये टीम पूरे मामले की जांच करेगी.

मीडिया से बातचीत करते एसएसपी अजय साहनी.

हिंसा फैलाने वालों की होगी गिरफ्तारी

20 दिसंबर को सीएए के विरोध प्रदर्शन में मेरठ हिंसा की चपेट में आ गया था. उपद्रवियों ने शहर में उपद्रव फैलाने की कोशिश की थी. इस हिंसा के दौरान पांच लोगों की मौत भी हो गई. पुलिस जांच में हिंसा की साजिश रचने वालों के नाम सामने आए हैं. एसएसपी अजय साहनी का मानना है कि पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों से कई और गिरफ्तारी की जाएंगी.

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लोगों को भ्रमित किया गया
आरोप है कि प्रतिबंधित संगठन PFI और SDPI के कार्यकर्ताओं ने देश के हर शहर में CAA के खिलाफ लोगों को उकसाया. लोगों के बीच आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री बांटी, जिससे लोग आक्रोशित होकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए.

संगठनों के चार आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष नूर हसन और उसके ड्राइवर अब्दुल मुईद हासमी को गिरफ्तार कर लिया. वहीं इससे पहले पुलिस ने पीएफआई के दो सदस्यों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो एसडीपीआई, पीएफआई, सिमी समेत करीब ऐसे 14 संगठनों पर नजर रखी गई है.

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Intro:पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंसा के मास्टरमाइंड के रुप में पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठन के नाम सामने आए है.


Body:पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंसा के मास्टरमाइंड के रुप में पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठन के नाम सामने आए है. मेरठ पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष समेत अब तक इन दोनों संगठनों के चार लोगों को जेल भेज दिया है. जिसके बाद एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन करके इन संगठनों के और गुर्गों को खंगाला जा रहा है माना जा रहा है कि कई और गिरफ्तारियां इन्हीं संगठन के कार्यकर्ताओं की की जाएंगी. दरअसल बीस दिसम्बर को मेरठ हिंसा की चपेट में आ गया था. उपद्रवियों ने शहर को आग लगाने की कोशिश की इसी हिंसा के दौरान पांच लोगों की मौत भी हो गई. पुलिसिया जांच में कई खुलासे भी हुए जिसके बाद मेरठ में हिंसा की साजिश रचने वाले लोगों का नाम भी सामने आ गया है. प्रतिबंधित संगठन पिप्ल्स फंट ऑफ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं की कारगुजारियां सामने आई है. पुलिस अधिकारियों की मानें तो इन्हीं संगठनों के पदाधिकारियों ने लोगों को उकसाने का काम किया. उनके बीच आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री बांटी जिससे लोग आक्रोशित हो गए और सड़कों पर उतर कर हिंसक बन गए. पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष नूर हसन और उसके ड्राइवर अब्दुल मुईद हासमी को गिरफ्तार कर लिया. वहीं इससे पहले पुलिस ने पीएफआई के दो सदस्यों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. इन सभी पर भड़काऊ सामग्री तैयार करने और उसे बांटने का आरोप लगा है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो एसडीपीआई, पीएफआई, सिम्मी समेत करीब ऐसे 14 संगठनों पर नजर रखी गई है. हिंसा के दौरान कॉल रिकॉर्ड्स और एफआईयू की रिपोर्ट पर इन तथ्यों का खुलासा हुआ जिसके बाद पुलिस प्रशासन सरगरमी से इस तरह के लोगों की तलाश में जुटा हुआ है. अभी तक मेरठ के नौचंदी और लिसाड़ी गेट क्षेत्र से ही चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है.............. बाईट- अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ............


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