मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंसा के मास्टरमाइंड के रूप में PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) जैसे संगठनों के नाम सामने आए हैं. मेरठ पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष समेत अब तक इन दोनों संगठनों के चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. अब एसपी क्राइम के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है. ये टीम पूरे मामले की जांच करेगी.
हिंसा फैलाने वालों की होगी गिरफ्तारी
20 दिसंबर को सीएए के विरोध प्रदर्शन में मेरठ हिंसा की चपेट में आ गया था. उपद्रवियों ने शहर में उपद्रव फैलाने की कोशिश की थी. इस हिंसा के दौरान पांच लोगों की मौत भी हो गई. पुलिस जांच में हिंसा की साजिश रचने वालों के नाम सामने आए हैं. एसएसपी अजय साहनी का मानना है कि पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों से कई और गिरफ्तारी की जाएंगी.
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लोगों को भ्रमित किया गया
आरोप है कि प्रतिबंधित संगठन PFI और SDPI के कार्यकर्ताओं ने देश के हर शहर में CAA के खिलाफ लोगों को उकसाया. लोगों के बीच आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री बांटी, जिससे लोग आक्रोशित होकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए.
संगठनों के चार आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष नूर हसन और उसके ड्राइवर अब्दुल मुईद हासमी को गिरफ्तार कर लिया. वहीं इससे पहले पुलिस ने पीएफआई के दो सदस्यों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो एसडीपीआई, पीएफआई, सिमी समेत करीब ऐसे 14 संगठनों पर नजर रखी गई है.
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