मेरठ : आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर गुरुवार को मेरठ में भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने 15 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें 18 से 19 वर्ष के युवा मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए विश्वविद्यालयों, तकनीकी एवं मेडिकल कालेजों, आईटीआई, पालीटेक्निक आदि शैक्षिक संस्थाओं में विशेष कैंप लगाने के निर्देश दिए गए.
मेरठ में हुई पांचवीं बैठक : भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के द्वारा उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के पुनरीक्षण संबंधी कार्यों की समीक्षा की जा रही है. इसी क्रम में गुरुवार को मेरठ में स्थित ऊर्जा भवन सभागार में 15 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों की बैठक हुई. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों द्वारा आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन के दृष्टिगत प्रदेश के सभी जनपदों के निर्वाचन अधिकारियों व जिलाधिकारियों के साथ निर्वाचक नामावलियों की विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यों की समीक्षा बैठक होनी है. भारत निर्वाचन आयोग की टीम द्वारा अब तक प्रदेश में चार समीक्षा बैठक कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा में की जा चुकी है. 5वीं समीक्षा बैठक आज मेरठ में हुई.
जिलेवार हुई चर्चा : गुरुवार को वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नितेश व्यास की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें मेरठ के अलावा बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, अमरोहा, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, पीलीभीत तथा बदायूं के जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी शामिल हुए. बैठक में निर्वाचन की तैयारियों के परिप्रेक्ष्य में मतदाता सूची की तैयारियों के संबंध में विस्तार से जिलेवार चर्चा की गई.
किसी भी मतदाता का नाम न छूटने पाए : बैठक में मतदाता सूची को बिल्कुल ठीक करने के लिए पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज करने, मृत मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने, ईपी एवं जेंडर रेशियो सुधारने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए. अधिकारियों ने जिलाधिकारियों/जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रयास किया जाए कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज होने से न रह जाए. 18 से 19 वर्ष के युवा मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए शैक्षणिक संस्थाओं में विशेष कैंप लगाने के निर्देश दिए गए.
कम मतदान प्रतिशत वाले बूथ होंगे चिन्हित : बैठक में यह भी निर्देश दिये गए कि पूर्व के वर्षो में लोकसभा/विधानसभा सामान्य निर्वाचन में कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों को चिन्हित किया जाए, वहां मतदान प्रतिशत बढ़ाए जाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. राजनीतिक दलों के साथ निरन्तर बैठकें आयोजित कर मतदाता सूची को शुद्ध बनाने में उनके भी सुझाव लिए जाएं. आगामी दिनांक 27 अक्टूबर, 2023 से प्रारंभ होे रहे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान के लिए कार्ययोजना बनाने को भी कहा गया.मतदाता फोटो पहचान पत्रों की समय से छपाई एवं वितरण कराए जाने के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए गये हैं. बैठक में निदेशक दीपाली मासिरकर, सचिव पवन दीवान, अवर सचिव प्रफुल्ल अवस्थी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश नवदीप रिणवा, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी रत्नेश सिंह और सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनीता सिंह मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें : गोरखपुर में लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू, मतदाता सूची को लेकर हुआ मंथन
लोकसभा चुनाव 2024 में पहली बार कानपुर की 997 सेक्स वर्कर करेंगी वोट, बनेगा इतिहास