मेरठः उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के मेरठ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यालय के हाल बरसों से बेहद खराब हैं. यहां बच्चों के भविष्य से जुड़ी हजारों फाइलें बरसों से धूल फांक रहीं हैं. इसकी वजह जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे. चलिए आगे जानते हैं इस बारे में.
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के चार क्षेत्रीय कार्यालय हैं. इनमें से एक मेरठ परिक्षेत्र का कार्यालय है. मेरठ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव कमलेश ने बताया कि जब मेरठ के क्षेत्रीय कार्यालय की शुरुआत हुई थी उस वक्त यहां पर 270 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों का स्टाफ था. इसके बाद कुछ लोग स्थानांतरित होकर अन्य स्थानों पर चले गए, जबकि काफी लोग सेवा अवधि समाप्ति के बाद रिटायर हो गए. इस तरह वर्तमान में कुल 95 लोगों का ही स्टाफ बचा है.
इस स्टाफ के जिम्मे 4 मंडलों के 17 जिलों का काम है. क्षेत्रीय सचिव कमलेश बताते हैं कि यहां आखिरी भर्ती अधीनस्थ सेवा आयोग से 2017-2018 में हुई थी. उस वक्त 27 कर्मचारियों का स्टाफ विभिन्न पदों पर तैनात किया गया था. इसके बाद से अभी तक कोई भी भर्ती नहीं हुई है. हालांकि मुख्यालय को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है. मांग की गई है कि जहां भी कर्मचारी अधिक हो उनको यहां ट्रांसफर कर दिया जाए.
उनके मुताबिक चूंकि दफ्तर के जिम्मे 4 मंडलों के 17 जिले हैं, ऐसे में बड़ी संख्या में लोग यहां बच्चों की समस्याओं के निदान के लिए आते हैं. कोशिश करके उनकी परेशानी दूर की जाती है लेकिन स्टाफ कम होने की मजबूरी कहीं न कहीं काम में बाधा बन जाती है. यहां 10वीं और 12वीं के स्टूडेंड अपनी समस्याओं के हल के लिए आते हैं. वहीं, क्षेत्रीय कार्यालय में बतौर प्रशासनिक अधिकारी जिम्मा संभाल रहे भारत चौहान ने बताया कि हम कोशिश करते हैं कि जो भी लोग 17 जिलों से अपनी समस्या लेकर यहां आते हैं उन्हें बार-बार चक्कर न लगाना पड़े. वहीं, मेरठ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार कहते हैं कि इस माह उम्मीद है कि कुछ कर्मचारियों को यहां ट्रांसफर किया जाएगा. उम्मीद है कि यह समस्या दूर होगी.
अभिभावकों का दर्द
आगरा से आए अमित कुमार बताते हैं कि उनकी बहन के प्रमाणपत्रों में कुछ खामियां हैं. तीन बार अपनी बहन को लेकर आ चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकला है. प्राइवेट नौकरी करते हैं, बार-बार छुट्टी लेकर आना संभव नहीं है. इसी तरह बुलंदशहर के वीपी सिंह बताते हैं कि उनकी बेटी के अंकपत्र कहीं गुम हो गए थे. 6 माह से अधिक समय हो गया, कई बार बोर्ड ऑफिस के चक्कर लगाए लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
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