मेरठ : जिले में सीनियर अधिवक्ता ओमकार तोमर की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आत्महत्या मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज वकीलों का क्रमिक अनशन 10वें दिन भी जारी है. पुलिस कार्यशैली से खफा वकीलों ने सोमवार को केंद्रीय समिति की बैठक बुलाई है. बैठक में न सिर्फ आगे की रणनीति तय की जाएगी, बल्कि आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा. हालांकि पुलिस ने रविवार को 13 में से एक आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया है. जबकि हस्तिनापुर से बीजेपी विधायक समेत 12 लोग खुलेआम घूम रहे हैं.
जानिए, क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि थाना गंगानगर इलाके के ईशापुरम निवासी सीनियर अधिवक्ता ओमकार तोमर मेरठ अधिवक्ता परिषद में महामंत्री थे. अधिवक्ता ओमकार तोमर के परिवार का खतौली निवासी पुत्र वधु और ससुरालियों के साथ विवाद चल रहा था. जिसके चलते बेटे के ससुरालियों ने ओमकार, उनके बेटे सहित पूरे परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था. करीब ढाई साल से दोनों पक्षों का विवाद कोर्ट में चल रहा है. हालांकि कई बार समाज के जिम्मेदार लोगों की मौजूदगी में पंचायत भी हुई, लेकिन लड़की पक्ष समझौते के नाम पर मोटी रकम की मांग कर रहे थे.
इतना ही नहीं हस्तिनापुर से बीजेपी विधायक दिनेश खटीक समेत कई जनप्रतिनिधियों ने उन पर समझौते का अनावश्यक दबाव बनाया था. आरोप है कि विधायक दिनेश खटीक ने अधिवक्ता से समझौते के नाम पर 15 लाख रुपये की मांग की थी और नहीं देने पर मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जा रही थी. जबकि शादी में हुआ खर्च और गाड़ी पहले ही लड़की को वापस कर दी गई थी. लेकिन उनकी धमकी और मांग बढ़ती चली गई. जिससे ओमकार तोमर मानसिक तनाव में आ गए थे.
सुसाइड नोट लिख कर अधिवक्ता ने की आत्महत्या
14 फरवरी को ओमकार ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या से पहले अधिवक्ता ने तीन पन्नों का सुसाइड नोट लिखा है. जिसमें बीजेपी विधायक समेत कई जन प्रतिनिधियों समेत बेटे के ससुरालियों और बहू स्वाति को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुसाइड नोट को कब्जे में तो ले लिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. 16 दिन बीत जाने के बाद भी अधिवक्ता द्वारा सुसाइड नोट में नामजद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं.
अधिवक्ता एसोसिएशन ने शुरू किया अनशन
सीनियर अधिवक्ता की आत्महत्या मामले में मेरठ बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने 18 फरवरी से न सिर्फ कार्य बहिष्कार किया हुआ है, बल्कि क्रमिक अनशन पर बैठ कर प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले 10 दिनों से वकीलों का क्रमिक अनशन लगातार जारी है. अधिवक्ताओं की मांग है कि बीजेपी विधायक समेत सभी आरोपी और बहू स्वाति को गिरफ्तार किया जाए. लेकिन पुलिस इस मामले में लापरवाही बरत रही है.
अनशन के 10वें दिन केंद्रीय समिति की बुलाई बैठक
साथी की आत्महत्या मामले को लेकर सभी वकील लामबंद हो चुके हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले 10 दिनों से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. इस दौरान न्यायिक कार्यों का पूर्णत बहिष्कार किया हुआ है. इसके बावजूद नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है. जिसके चलते केंद्रीय समिति की बैठक बुलाई है. बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा. हालांकि इससे पहले धरनारत अधिवक्ता डीएम, कमिश्नर, एडीजी तक सभी अधिकारियों से मिल चुके हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है.