मऊ: कोरोना संक्रमण से बचने के लिए देश में सम्पूर्ण बन्दी है. उद्योग धंधे, कल कारखाने सब बन्द हैं. लोग घरों में कैद हैं. वहीं अधिकाश लोगों का रोजगार चला गया है. इस विभीषिका के दौरान मऊ जिले के ज्योश सिंह ने अवसर की तलाश कर ली और यूट्यूब के माध्यम से घर पर ही मशरूम का उत्पादन शुरू कर दिया.
कोरोना का कहर इस प्रकार पूरे विश्व पर पड़ रहा है कि अर्थ तंत्र का चक्र टूटता जा रहा है. लाखों लोगों का रोजगार चला गया है. कितनों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. ऐसे वक्त में नए युवाओं के सामने रोजगार का संकट और भी गहरा गया है. लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में कैद होकर रोजगार को लेकर चिंतित हैं. इस दौरान वे डिजिटल दुनिया का सहारा लेकर रोजगार के अवसर खोज रहे हैं. वहीं जिले के ग्रीन जोन इलाके में रहने वाले ज्योश सिंह को यूट्यूब के माध्यम से एक उम्मीद दिखी. उन्होंने मशरूम की खेती के तरीके, इसकी मांग और रोजगार की उम्मीद को देखते हुए उत्पादन का विचार बनाया. लॉकडाउन में ही ये बीज सहित तमाम वस्तुओं की व्यवस्था कर घर पर ही मशरूम की खेती शुरू कर दी.
ज्योश बताते हैं कि लॉकडाउन उनके लिए अवसर बन गया है, क्योंकि वे स्नातक की शिक्षा लेकर रोजगार की तलाश में लगे थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान उन्हें यूट्यूब के माध्यम से मशरूम की खेती की जानकारी मिली. मशरूम प्रोटीन युक्त होता है और इसे उगाने में कोई मौसम की बाध्यता नहीं है. बन्द कमरे में इसका उत्पादन होता है. अब कोरोना जब जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है और वहीं लोग घर से बाहर कम निकलेंगे, ऐसे में घर के अंदर रहकर जीविकोपार्जन करने का यह बेहतर तरीका हो सकता है. अभी तक उन्होंने दस पौधे तैयार किए हैं और वे उसे लगातार बढ़ाते रहेंगे.