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बसपा से पूर्व सांसद समेत पांच कार्यकर्ता निकाले गए, अनुशासनहीनता का आरोप

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों में गहमागहमी का माहौल है. पार्टियां किसी भी प्रकार की कोई चूक नहीं करना चाहती हैं. ऐसे में ताजा मामला बसपा का है जहां पार्टी से पांच कार्यकर्ताओं को तत्काल प्रभाव से निकाल दिया गया. पार्टी जिलाध्यक्ष राजीव कुमार ने पत्र जारी कर निष्कासन की घोषणा की है. ऐसे में पक्षधर लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया.

नारेबाजी करते हुए
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Published : Feb 8, 2019, 9:59 AM IST

मऊ : लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दलों में सीटों को लेकर घमासान का माहौल बना हुआ है. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा ने अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा दबाकर गठबंधन तो कर लिया है, लेकिन टिकट को लेकर दावेदारों का विरोध भी देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों जनपद मऊ की घोसी लोकसभा सीट से अतुल राय को प्रभारी बनाया गया था. जिसे लेकर कार्यकर्ताओं ने कई बैठकों में विरोध किया. अब जिलाध्यक्ष राजीव कुमार ने पत्र जारी कर पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान सहित पांच कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.

बसपा से पांच निष्कासित

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नगर स्थित होटल में आयोजित बैठक के बीच ही अतुल राय व मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार के विरोध में नारे लगाये जाने लगे. विरोध में कार्यकर्ताओं ने अतुल राय वापस जाओ और मुर्दाबाद के नारे लगाये. बात दें कि बसपा में प्रभारी को ही लोकसभा प्रत्याशी बनाने का रिकॉर्ड रहा है. लेकिन प्रभारी बनाये गए अतुल राय को जिले में पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान व उनके समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. वहीं कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध का कारण उनका दूसरे जिले का होना बताया जा रहा है. वहीं जिलाध्यक्ष राजीव कुमार राजू ने पत्र जारी कर पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान सहित पांच कार्यकर्ताओं जिनमें बैजनाथ राव, डॉ सोचन भारती, ओमप्रकाश, हरिनाथ प्रसाद एवं अमीन कुरैशी को पार्टी विरोधी गतिविधि व अनुशासनहीनता के कारण निष्कासित कर दिया गया है.

पार्टी से निष्कासित ओमप्रकाश ने बताया कि अतुल राय बाहरी हैं, इसलिए हम लोग उनके विरोध में हैं. मोहम्मदाबाद गोहना में हुई बैठक में भी हमने अतुल राय का विरोध किया था. आज आयोजित हुई बैठक में हमने मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार को पत्र दिया तो उन्होंने कहा कि पार्टी से निकाल दिया जाने की धनकी दी. इसके बाद हम लोगों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और हमारी मांग है कि लोकसभा प्रत्याशी हमारे जिले के किसी विधानसभा क्षेत्र से ही हों.

बसपा में 15 साल से काम करने का दावा करने वाली उषा देवी ने कहा कि घनश्याम खरवार ने कहा है कि बहनजी का कहना है कि आप लोग को पार्टी से निकाल दिया जाये. एक अन्य कार्यकर्ता ने बताया कि बैठक में घनश्याम खरवार ने अतुल राय को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. हालांकि अभी तक अतुल राय को घोसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाये जाने की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. बता दें कि बसपा नेता अतुल राय जेल में बंद मऊ विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाते हैं. वह विधानसभा 2017 में गाजीपुर की जमानिया सीट से पार्टी के उम्मीदवार थे और उन्होंने चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी.

मऊ : लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दलों में सीटों को लेकर घमासान का माहौल बना हुआ है. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा ने अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा दबाकर गठबंधन तो कर लिया है, लेकिन टिकट को लेकर दावेदारों का विरोध भी देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों जनपद मऊ की घोसी लोकसभा सीट से अतुल राय को प्रभारी बनाया गया था. जिसे लेकर कार्यकर्ताओं ने कई बैठकों में विरोध किया. अब जिलाध्यक्ष राजीव कुमार ने पत्र जारी कर पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान सहित पांच कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.

बसपा से पांच निष्कासित

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नगर स्थित होटल में आयोजित बैठक के बीच ही अतुल राय व मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार के विरोध में नारे लगाये जाने लगे. विरोध में कार्यकर्ताओं ने अतुल राय वापस जाओ और मुर्दाबाद के नारे लगाये. बात दें कि बसपा में प्रभारी को ही लोकसभा प्रत्याशी बनाने का रिकॉर्ड रहा है. लेकिन प्रभारी बनाये गए अतुल राय को जिले में पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान व उनके समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. वहीं कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध का कारण उनका दूसरे जिले का होना बताया जा रहा है. वहीं जिलाध्यक्ष राजीव कुमार राजू ने पत्र जारी कर पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान सहित पांच कार्यकर्ताओं जिनमें बैजनाथ राव, डॉ सोचन भारती, ओमप्रकाश, हरिनाथ प्रसाद एवं अमीन कुरैशी को पार्टी विरोधी गतिविधि व अनुशासनहीनता के कारण निष्कासित कर दिया गया है.

पार्टी से निष्कासित ओमप्रकाश ने बताया कि अतुल राय बाहरी हैं, इसलिए हम लोग उनके विरोध में हैं. मोहम्मदाबाद गोहना में हुई बैठक में भी हमने अतुल राय का विरोध किया था. आज आयोजित हुई बैठक में हमने मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार को पत्र दिया तो उन्होंने कहा कि पार्टी से निकाल दिया जाने की धनकी दी. इसके बाद हम लोगों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और हमारी मांग है कि लोकसभा प्रत्याशी हमारे जिले के किसी विधानसभा क्षेत्र से ही हों.

बसपा में 15 साल से काम करने का दावा करने वाली उषा देवी ने कहा कि घनश्याम खरवार ने कहा है कि बहनजी का कहना है कि आप लोग को पार्टी से निकाल दिया जाये. एक अन्य कार्यकर्ता ने बताया कि बैठक में घनश्याम खरवार ने अतुल राय को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. हालांकि अभी तक अतुल राय को घोसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाये जाने की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. बता दें कि बसपा नेता अतुल राय जेल में बंद मऊ विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाते हैं. वह विधानसभा 2017 में गाजीपुर की जमानिया सीट से पार्टी के उम्मीदवार थे और उन्होंने चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी.
Intro:मऊ। लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दलों में सीटों को लेकर घमासान का माहौल भी शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश में सपा बसपा ने अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाएं दबाकर गठबंधन तो कर लिया है लेकिन टिकट को लेकर दावेदारों का विरोध भी देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों जनपद मऊ की घोसी लोकसभा सीट से अतुल राय को प्रभारी बनाया गया. जिसे लेकर कार्यकर्ताओं ने कई बैठकों में विरोध किया. अब जिलाध्यक्ष राजीव कुमार द्वारा पत्र जारी कर पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान सहित पांच कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.


Body:नगर स्थित एक होटल में आयोजित बैठक के बीच ही अतुल राय व मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार के विरोध में नारे लगाए जाने लगे. विरोध में कार्यकर्ताओं ने अतुल राय वापस जाओ और मुर्दाबाद के नारे लगाए. दरअसल बसपा में प्रभारी को ही लोकसभा प्रत्याशी बनाने का रिकॉर्ड रहा है. लेकिन प्रभारी बनाए गए अतुल राय को जिले में पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान व उनके समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. वहीं कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध का कारण उनका दूसरे जिले यानी कि बाहरी होना बताया जा रहा है. वहीं जिलाध्यक्ष राजीव कुमार राजू ने पत्र जारी कर पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान सहित पांच कार्यकर्ताओं जिनमें बैजनाथ राव, डॉ सोचन भारती, ओमप्रकाश, हरिनाथ प्रसाद एवं अमीन कुरैशी को पार्टी विरोधी गतिविधि अनुशासनहीनता बरतने के कारण निष्कासित कर दिया गया है.


Conclusion:पार्टी से निकाले गए ओमप्रकाश ने बताया कि अतुल राय जिले से बाहर के हैं इसलिए हम लोग उनका विरोध कर रहे हैं. मोहम्मदाबाद गोहना में हुई बैठक में भी हमने अतुल राय का विरोध किया था. आज आयोजित हुई बैठक में हमने मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार को पत्र दिया तो उन्होंने कहा कि पार्टी से निकाल दिया जाएगा. इसलिए हमने बैठक का बहिष्कार कर दिया. हमारी मांग है कि लोकसभा प्रत्याशी हमारे जिले के किसी विधानसभा क्षेत्र से ही हो.

बसपा में 15 साल से काम करने का दावा करने वाली उषा देवी ने कहा कि घनश्याम खरवार ने कहा कि बहनजी ने कहा है कि आप लोग को पार्टी से निकाल दिया जाए. एक अन्य कार्यकर्ता ने बताया कि बैठक में घनश्याम खरवार ने बताया अतुल राय को ही प्रत्याशी घोषित कर दिया है.

बता दें कि बसपा नेता अतुल राय जेल में बंद मऊ विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाते हैं. वह विधानसभा 2017 में गाजीपुर की जमानिया सीट से पार्टी के उम्मीदवार थे. उन्होंने भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी. नगर निकाय चुनाव में भी जमानिया क्षेत्र के दो नगर निकायों के चेयरमैन की सीट बसपा के खाते में चली गई.

हालांकि अभी तक अतुल राय को घोसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने की आधिकारिक सूचना नहीं है.

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