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मऊ: सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए खुलेंगी दुकानें

यूपी के मऊ में व्यपारियों की मांग पर डीएम ने दुकानों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खोलने की अनुमति दी है. वहीं, डीएम ने कहा कि अगर किसी प्रकार गड़बड़ी पाई गई, तो इसकी सारी जिम्मेदारी व्यापारियों की होगी.

dm gyanprakash tripathi
डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी
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Published : May 11, 2020, 6:31 AM IST

मऊ: लॉकडाउन के दौरान लोगों की मूलभूत जरूरत को ध्यान में रखते हुए दूकानों को खोलने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन जहां सोशल डिस्टेंस के उल्लंघन की संभावना है वहां अनुमति नहीं है. जिसे लेकर व्यपारियों ने डीएम से दुकानें खोलने की अनुमति मांगी है. डीएम ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दुकानें खोलने के लिए कहा है.

लिखित रूप में जिम्मेदारी
डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि जिले में हर प्रकार की दुकान खोली जा सकती हैं, लेकिन इसके लिए व्यापारियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने और हर एक ग्राहक का हाथ सैनिटाइज कराने की लिखित रूप से जिम्मेदारी लेनी होगी. इसके बाद अधिकारी जांच करेंगे और कहीं गड़बड़ी पाई गई, तो इसकी सारी जिम्मेदारी व्यापारियों और व्यापारी नेताओं की होगी.

लॉकडाउन से लोग महफूज
डीएम ने कहा कि लॉकडाउन के चलते ही जिले के लगभग 23 लाख लोग महफूज हैं. लोगों की मूलभूत जरूरतों के सारे सामान गांव-गांव में उपलब्ध है. काफी सारे गरीब व्यापारियों को ठेले पर अन्य जरूरी सामानों को बेचने की इजाजत दी जा रही है.

आत्मचिंतन का समय
डीएम ने कहा कि लॉकडाउन कोई सख्ती नहीं, बल्कि आत्मचिंतन का समय है. इस समय की सबसे बड़ी चुनौती मानव जीवन को सुरक्षित करना है. भीड़-भाड़ की संभावना वाली दुकानों या बाजारों को खोलना निश्चित तौर पर भारी पड़ जाएगा.

मऊ: लॉकडाउन के दौरान लोगों की मूलभूत जरूरत को ध्यान में रखते हुए दूकानों को खोलने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन जहां सोशल डिस्टेंस के उल्लंघन की संभावना है वहां अनुमति नहीं है. जिसे लेकर व्यपारियों ने डीएम से दुकानें खोलने की अनुमति मांगी है. डीएम ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दुकानें खोलने के लिए कहा है.

लिखित रूप में जिम्मेदारी
डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि जिले में हर प्रकार की दुकान खोली जा सकती हैं, लेकिन इसके लिए व्यापारियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने और हर एक ग्राहक का हाथ सैनिटाइज कराने की लिखित रूप से जिम्मेदारी लेनी होगी. इसके बाद अधिकारी जांच करेंगे और कहीं गड़बड़ी पाई गई, तो इसकी सारी जिम्मेदारी व्यापारियों और व्यापारी नेताओं की होगी.

लॉकडाउन से लोग महफूज
डीएम ने कहा कि लॉकडाउन के चलते ही जिले के लगभग 23 लाख लोग महफूज हैं. लोगों की मूलभूत जरूरतों के सारे सामान गांव-गांव में उपलब्ध है. काफी सारे गरीब व्यापारियों को ठेले पर अन्य जरूरी सामानों को बेचने की इजाजत दी जा रही है.

आत्मचिंतन का समय
डीएम ने कहा कि लॉकडाउन कोई सख्ती नहीं, बल्कि आत्मचिंतन का समय है. इस समय की सबसे बड़ी चुनौती मानव जीवन को सुरक्षित करना है. भीड़-भाड़ की संभावना वाली दुकानों या बाजारों को खोलना निश्चित तौर पर भारी पड़ जाएगा.

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