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दिव्यांग प्रमाण पत्र की वापसी को लेकर विवाद, कंडक्टर ने नेलकटर मार युवक को किया घायल

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Published : Sep 27, 2019, 1:31 PM IST

उत्तर प्रदेश के मऊ में एक महिला का बस कंडक्टर से विवाद हो गया. महिला ने बस कंडक्टर को दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया था, जिसको वापस मांगने पर महिला का कंडक्टर से विवाद हो गया.

महिला का बस कंडक्टर से विवाद हो गया

मऊ: बलिया से आ रही आजमगढ़ रोडवेज डिपो की बस के कंडक्टर ने एक दिव्यांग महिला यात्री के पति को चाकू से वार कर घायल कर दिया. युवक के शरीर पर तीन जगह गंभीर चोटें आई हैं. कोतवाली पुलिस ने घायल का डाक्टरी मुआयना जिला अस्पताल में कराया. घायल युवक ने बस कंडक्टर के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है.

दिव्यांग प्रमाण पत्र वापस न करने पर हुआ विवाद.
क्या है पूरा मामला -
  • घटना रोडवेज मऊ परिसर की है.
  • बलिया में स्टाफ नर्स की नौकरी करने वाली एक दिव्यांग महिला यात्री रोडवेज बस से बलिया से मऊ आ रही थी.
  • रोडवेज बस कंडक्टर के मांगने पर दिव्यांग महिला ने अपना दिव्यांग प्रमाण पत्र दे दिया.
  • महिला के कई बार मांगने पर कंडक्टर ने उसका प्रमाण पत्र वापस नहीं लौटाया.
  • महिला का आरोप था कि उसके मांगने पर कंडक्टर ने बात नहीं मानी और अपनी जिद पर अड़ा रहा.
  • बस के मऊ रोडवेज पहुंचने पर इंतजार कर रहे पति को महिला ने कंडक्टर के आचरण के बारे में बताया.
  • महिला के पति ने कंडक्टर से अपनी पत्नी का प्रमाण पत्र लौटाने को कहा तो कंडक्टर तैश में आ गया.
  • इसी बीच कंडक्टर ने अपने बैग में रखा नेलकटर निकाला और उसमें लगा चाकू खोलकर महिला के पति के शरीर पर कई जगह वार कर दिया.
  • जिससे महिला का पति घायल हो गया.
  • रोडवेज परिसर में सरेआम घटी घटना से अफरा तफरी मच गई.
  • घायल युवक दिव्यांग पत्नी को लेकर कोतवाली पहुंचा और पुलिस को तहरीर दी.
  • पुलिस ने कंडक्टर को कोतवाली पर बिठा लिया था,वहीं घायल युवक का पुलिस ने डाक्टरी मुआयना कराया.

ये भी पढ़ें:-खुले में शौच को मजबूर दलित युवकों की हत्या करने वालों को मिले फांसी: मायावती

उसने कंडक्टर के मांगने पर दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया, लेकिन कंडक्टर ने वापस नहीं लौटाया. मऊ उतरने पर दोबारा मांगा तो कंंडक्टर अभद्रता कर बहस करने लगा. जिसकी सूचना मैंने अपने पति को दी. पति ने कंडक्टर से बात करने की कोशिश की तो उसने नेलकटर से हमला कर दिया.
सुषमा सिंह, दिव्यांग महिला

मऊ के आजमगढ़ मोड़ पर पहुंचते ही महिला के पति आकर मुझसे मारपीट करने लगे. इस दौरान मैंने बचाव में अपने हाथ में नेलकटर चला दिया. ये मेरा कैश बैग लेकर भागने लगे. ड्राइवर और पैसेंजर्स ने मुझे बचाने की कोशिश की. उसके बाद ड्राइवर ने गाड़ी ले जाकर रोडवेज परिसर में खड़ा किया. मैंने 100 नम्बर डायल कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस मुझे कोतवाली लेकर आई है.
राहुल सिंह, बस कंडक्टर

मऊ: बलिया से आ रही आजमगढ़ रोडवेज डिपो की बस के कंडक्टर ने एक दिव्यांग महिला यात्री के पति को चाकू से वार कर घायल कर दिया. युवक के शरीर पर तीन जगह गंभीर चोटें आई हैं. कोतवाली पुलिस ने घायल का डाक्टरी मुआयना जिला अस्पताल में कराया. घायल युवक ने बस कंडक्टर के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है.

दिव्यांग प्रमाण पत्र वापस न करने पर हुआ विवाद.
क्या है पूरा मामला -
  • घटना रोडवेज मऊ परिसर की है.
  • बलिया में स्टाफ नर्स की नौकरी करने वाली एक दिव्यांग महिला यात्री रोडवेज बस से बलिया से मऊ आ रही थी.
  • रोडवेज बस कंडक्टर के मांगने पर दिव्यांग महिला ने अपना दिव्यांग प्रमाण पत्र दे दिया.
  • महिला के कई बार मांगने पर कंडक्टर ने उसका प्रमाण पत्र वापस नहीं लौटाया.
  • महिला का आरोप था कि उसके मांगने पर कंडक्टर ने बात नहीं मानी और अपनी जिद पर अड़ा रहा.
  • बस के मऊ रोडवेज पहुंचने पर इंतजार कर रहे पति को महिला ने कंडक्टर के आचरण के बारे में बताया.
  • महिला के पति ने कंडक्टर से अपनी पत्नी का प्रमाण पत्र लौटाने को कहा तो कंडक्टर तैश में आ गया.
  • इसी बीच कंडक्टर ने अपने बैग में रखा नेलकटर निकाला और उसमें लगा चाकू खोलकर महिला के पति के शरीर पर कई जगह वार कर दिया.
  • जिससे महिला का पति घायल हो गया.
  • रोडवेज परिसर में सरेआम घटी घटना से अफरा तफरी मच गई.
  • घायल युवक दिव्यांग पत्नी को लेकर कोतवाली पहुंचा और पुलिस को तहरीर दी.
  • पुलिस ने कंडक्टर को कोतवाली पर बिठा लिया था,वहीं घायल युवक का पुलिस ने डाक्टरी मुआयना कराया.

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उसने कंडक्टर के मांगने पर दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया, लेकिन कंडक्टर ने वापस नहीं लौटाया. मऊ उतरने पर दोबारा मांगा तो कंंडक्टर अभद्रता कर बहस करने लगा. जिसकी सूचना मैंने अपने पति को दी. पति ने कंडक्टर से बात करने की कोशिश की तो उसने नेलकटर से हमला कर दिया.
सुषमा सिंह, दिव्यांग महिला

मऊ के आजमगढ़ मोड़ पर पहुंचते ही महिला के पति आकर मुझसे मारपीट करने लगे. इस दौरान मैंने बचाव में अपने हाथ में नेलकटर चला दिया. ये मेरा कैश बैग लेकर भागने लगे. ड्राइवर और पैसेंजर्स ने मुझे बचाने की कोशिश की. उसके बाद ड्राइवर ने गाड़ी ले जाकर रोडवेज परिसर में खड़ा किया. मैंने 100 नम्बर डायल कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस मुझे कोतवाली लेकर आई है.
राहुल सिंह, बस कंडक्टर

Intro:मऊ। नगर के आजमगढ़ मोड़ पर बलिया से आ रही आजमगढ़ रोडवेज डिपो की बस के कंडक्टर ने एक दिव्यांग महिला यात्री के पति को नेलकटर में लगे चाकू से प्रहार कर घायल कर दिया. युवक के शरीर पर तीन जगह गंभीर चोटें आई हैं. कोतवाली पुलिस ने घायल का डाक्टरी मुआयना जिला अस्पताल में कराया. घायल युवक ने बस कंडक्टर के विरुद्ध शहर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है.

Body:क्या है मामला -
घटना रोडवेज मऊ परिसर की है. बलिया में स्टाफ नर्स की नौकरी करने वाली एक दिव्यांग महिला यात्री रोडवेज बस से बलिया से मऊ आ रही थी. रोडवेज बस कंडक्टर के मांगने पर दिव्यांग महिला ने अपना दिव्यांग प्रमाण पत्र दे दिया. महिला के कई बार मांगने पर कंडक्टर ने उसका प्रमाण पत्र वापस नहीं लौटाया. महिला का आरोप था कि उसके मांगने पर कंडक्टर ने बात नहीं मानी और अपनी जिद पर अड़ा रहा. बस के मऊ रोडवेज पहुंचने पर इंतजार कर रहे पति को महिला ने कंडक्टर के आचरण के बारे में बताया. महिला के पति ने कंडक्टर से अपनी पत्नी का प्रमाण पत्र लौटाने को कहा तो कंडक्टर तैश में आ गया. इसी बीच कंडक्टर ने अपने बैग में रखा नेलकटर निकाला और उसमें लगा चाकू खोलकर महिला के पति के शरीर पर कई जगह वार कर दिया. जिससे महिला का पति घायल हो गया. रोडवेज परिसर में सरेआम घटी घटना से अफरा तफरी मच गई. घायल युवक दिव्यांग पत्नी को लेकर कोतवाली पहुंचा और पुलिस को तहरीर दी. पुलिस ने कंडक्टर को कोतवाली पर बिठा लिया था. वहीं घायल युवक का पुलिस ने डाक्टरी मुआयना कराया.

दिव्यांग महिला सुषमा सिंह ने बताया कि उसने कंडक्टर के मांगने पर दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया लेकिन उसने वापस नहीं लौटाया. मऊ उतरने पर दुबारा मांगा तो अभद्रता से बहस करने लगा. जिसकी सूचना मैंने अपने पति को दी. पति ने कंडक्टर से बात करने की कोशिश की तो उसने नेलकटर से हमला कर दिया.

वहीं कंडक्टर राहुल सिंह ने बताया कि मऊ के आजमगढ़ मोड़ पर पहुंचते ही महिला के पति आकर मुझसे मारपीट करने लगे. इस दौरान मैंने बचाव में अपने हाथ में नेलकटर चला दिया. ये मेरा कैश बैग लेकर भागने लगे. ड्राइवर और पैसेंजर्स ने मुझे बचाने की कोशिश की. उसके बाद ड्राइवर ने गाड़ी ले जाकर रोडवेज परिसर में खड़ा किया. मैंने 100 नम्बर डायल कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस मुझे कोतवाली किया लेकर आयी है.

बाईट - सुषमा सिंह (दिव्यांग महिला)
बाईट - राहुल सिंह (बस कंडक्टर)
Conclusion:
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