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मऊ: देर से स्कूल आने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई - मऊ में शिक्षकों को दिए निर्देश

यूपी के मऊ जिले में शिक्षकों के समय पर विद्यालय न पहुंचने को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग सख्त हो गया है. बीएसए ने जिले के सभी शिक्षकों को समय पर विद्यालयों में पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं. परिषदीय विद्यालय 1 जुलाई से शिक्षकों के लिए खुलने लगे हैं.

जानकारी देते बेसिक शिक्षा अधिकारी
जानकारी देते बेसिक शिक्षा अधिकारी
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Published : Jul 4, 2020, 4:38 PM IST

मऊ: जिल में कोरोना संक्रमण के चलते बंद चल रहे परिषदीय विद्यालय 1 जुलाई से शिक्षकों के लिए खुल गए हैं. स्कूलों में समय पर पहुंचने में लापरवाही करने वाले शिक्षकों पर प्रशासन शिकंजा भी कस रहा है. शिक्षकों के समय से न पहुंचने की शिकायतें मिलने के बाद विभाग ने निगरानी शुरू कर दी है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से टेलीफोन से शिक्षक से लोकेशन पूछी जा रही है, जिसका लोकेशन विद्यालय में नहीं मिल रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. बीएसए ओपी त्रिपाठी शिक्षकों ने कड़ी चेतावनी देते हुए कार्यप्रणाली में सुधार लाने या दंडात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है.

कैसी रही ऑनलाइन क्लास
बीएसए ओपी त्रिपाठी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई से दूर रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था कराई गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों ने रुचि ली. अधिक संख्या में प्राथमिक छात्रों के अभिभावकों के पास एंड्रायड मोबाइल सेट की उपलब्धता न होने के कारण बच्चे ऑनलाइन क्लास का लाभ नहीं उठा पाए. ऐसे में प्रत्येक प्राथमिक शिक्षक की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने विद्यालय पर जाएं और बच्चों के घरों तक जाकर उन्हें पढ़ने-लिखने की प्रेरणा दें.

बीएसए ने दिए निर्देश
उन्होंने कोरोना वायरस से बचने के उपाय भी बताए. बीएसए ने कहा कि अगले सप्ताह से निरीक्षण शुरू कर दिया जाएगा. इससे सभी प्रधानाध्यापकों, सहायक अध्यापकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों की विद्यालय में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी.

छात्रों को दिया जा रहा निःशुल्क ड्रेस और पुस्तक
कोरोना संक्रमण के बीच ही छात्रों की पढ़ाई को देखते हुए स्कूल खोल दिए गए हैं, लेकिन इस दौरान केवल शिक्षक ही स्कूल में आएंगे. बच्चों को पढ़ाई के लिए निःशुल्क किताब और ड्रेस वितरित किए जा रहे हैं. पांच-पांच छात्रों को विद्यालय बुलाकर यह सामग्रियां दी जा रही हैं और पढ़ने-लिखने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. बेसिक शिक्षा विभाग ये मॉडल अपनाकर गरीब बच्चों को सुचारू रूप से शिक्षा प्रदान करना चाह रहा है.

मऊ: जिल में कोरोना संक्रमण के चलते बंद चल रहे परिषदीय विद्यालय 1 जुलाई से शिक्षकों के लिए खुल गए हैं. स्कूलों में समय पर पहुंचने में लापरवाही करने वाले शिक्षकों पर प्रशासन शिकंजा भी कस रहा है. शिक्षकों के समय से न पहुंचने की शिकायतें मिलने के बाद विभाग ने निगरानी शुरू कर दी है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से टेलीफोन से शिक्षक से लोकेशन पूछी जा रही है, जिसका लोकेशन विद्यालय में नहीं मिल रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. बीएसए ओपी त्रिपाठी शिक्षकों ने कड़ी चेतावनी देते हुए कार्यप्रणाली में सुधार लाने या दंडात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है.

कैसी रही ऑनलाइन क्लास
बीएसए ओपी त्रिपाठी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई से दूर रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था कराई गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों ने रुचि ली. अधिक संख्या में प्राथमिक छात्रों के अभिभावकों के पास एंड्रायड मोबाइल सेट की उपलब्धता न होने के कारण बच्चे ऑनलाइन क्लास का लाभ नहीं उठा पाए. ऐसे में प्रत्येक प्राथमिक शिक्षक की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने विद्यालय पर जाएं और बच्चों के घरों तक जाकर उन्हें पढ़ने-लिखने की प्रेरणा दें.

बीएसए ने दिए निर्देश
उन्होंने कोरोना वायरस से बचने के उपाय भी बताए. बीएसए ने कहा कि अगले सप्ताह से निरीक्षण शुरू कर दिया जाएगा. इससे सभी प्रधानाध्यापकों, सहायक अध्यापकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों की विद्यालय में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी.

छात्रों को दिया जा रहा निःशुल्क ड्रेस और पुस्तक
कोरोना संक्रमण के बीच ही छात्रों की पढ़ाई को देखते हुए स्कूल खोल दिए गए हैं, लेकिन इस दौरान केवल शिक्षक ही स्कूल में आएंगे. बच्चों को पढ़ाई के लिए निःशुल्क किताब और ड्रेस वितरित किए जा रहे हैं. पांच-पांच छात्रों को विद्यालय बुलाकर यह सामग्रियां दी जा रही हैं और पढ़ने-लिखने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. बेसिक शिक्षा विभाग ये मॉडल अपनाकर गरीब बच्चों को सुचारू रूप से शिक्षा प्रदान करना चाह रहा है.

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