ETV Bharat / state

तेजी से बढ़ रहा यमुना का जलस्तर, मथुरा वासियों को याद आई 41 साल पहले की बाढ़ - yamuna river water level increased very fast

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में 41 साल पहले 1978 में आई बाढ़ का खतरा सताने लगा है, क्योंकि हरियाणा के हथिनी कुंड से लगातार पानी छोड़ने के बाद मथुरा नगरी बाढ़ की चपेट में आ सकती है.

मथुरा वासियों को याद आई 1978 की बाढ़.
author img

By

Published : Aug 23, 2019, 9:24 AM IST

मथुरा: जिले में 41 साल पहले 1978 में आई बाढ़ का खतरा अब मथुरा में सताने लगा है, क्योंकि हरियाणा के हथिनी कुंड से लगातार पानी छोड़ने के बाद मथुरा नगरी बाढ़ की चपेट में आ सकती है. साढ़े आठ लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में 23 तारीख की सुबह तक पहुंच जाएगा, जिसको लेकर अधिकारी पूरी तरह से अलर्ट हैं. 1978 में आई बाढ़ के चलते शहर में चारों तरफ नाव चलने लगी .

मथुरा वासियों को याद आई 1978 की बाढ़.
मथुरा को याद आई 1978 की बाढ़-
  • 1978 के सितंबर माह में आई भयानक बाढ़ के चलते मथुरा नगरी में चारों तरफ नाव चलने लगी थी.
  • पानी घरों से लेकर दुकान-सड़कों तक भर गया था.
  • बाढ़ का खतरा अब लोगों को फिर सताने लगा है.
  • शहर के विश्राम घाट मंदिर में सात सीढ़ियां बनी हुई हैं, लेकिन पांच पानी में डूब चुकी हैं और दो शेष बची हैं.

सन 1978 में भयानक बाढ़ आई थी और शहर के द्वारकाधीश मंदिर में तीन से चार फीट पानी पहुंच गया था. वहीं हरियाणा के हथिनी कुंड से जो पानी छोड़ा गया है, वो 23 तारीख को मथुरा यमुना नदी पहुंचेगा और बाढ़ की आशंका सताने लगी है.
-योगेंद्र नाथ चतुर्वेदी, स्थानीय निवासी

मथुरा: जिले में 41 साल पहले 1978 में आई बाढ़ का खतरा अब मथुरा में सताने लगा है, क्योंकि हरियाणा के हथिनी कुंड से लगातार पानी छोड़ने के बाद मथुरा नगरी बाढ़ की चपेट में आ सकती है. साढ़े आठ लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में 23 तारीख की सुबह तक पहुंच जाएगा, जिसको लेकर अधिकारी पूरी तरह से अलर्ट हैं. 1978 में आई बाढ़ के चलते शहर में चारों तरफ नाव चलने लगी .

मथुरा वासियों को याद आई 1978 की बाढ़.
मथुरा को याद आई 1978 की बाढ़-
  • 1978 के सितंबर माह में आई भयानक बाढ़ के चलते मथुरा नगरी में चारों तरफ नाव चलने लगी थी.
  • पानी घरों से लेकर दुकान-सड़कों तक भर गया था.
  • बाढ़ का खतरा अब लोगों को फिर सताने लगा है.
  • शहर के विश्राम घाट मंदिर में सात सीढ़ियां बनी हुई हैं, लेकिन पांच पानी में डूब चुकी हैं और दो शेष बची हैं.

सन 1978 में भयानक बाढ़ आई थी और शहर के द्वारकाधीश मंदिर में तीन से चार फीट पानी पहुंच गया था. वहीं हरियाणा के हथिनी कुंड से जो पानी छोड़ा गया है, वो 23 तारीख को मथुरा यमुना नदी पहुंचेगा और बाढ़ की आशंका सताने लगी है.
-योगेंद्र नाथ चतुर्वेदी, स्थानीय निवासी

Intro:मथुरा।जनपद मैं 41 साल पहले 1978 में आई बाढ़ का खतरा अब मथुरा में सताने लगा है। क्योंकि हरियाणा के हथिनी कुंड से लगातार पानी छोड़ने के बाद मथुरा नगरी बाढ़ की चपेट में आ सकती है। साडे आठ लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में 23 तारीख की सुबह तक पहुंच जाएगा। जिसको लेकर अधिकारी पूरी तरह से अलर्ट है। 1978 में आई बाढ़ के चलते शहर में चारों तरफ नाव चलने लगी थी।


Body:1978 सितंबर में आई भयानक बाढ़ के चलते मथुरा नगरी मैं चारों तरफ नाव चलने लगी थी ।घरों से लेकर दुकान सड़कों तक भर गया था पानी। वही बाढ़ का खतरा अब लोगों को सताने लगा है। शहर के विश्राम घाट मंदिर में 7 सीढ़ियां बनी हुई है लेकिन पांच पानी में डूब चुकी हैं दो शेष बची है।


Conclusion:विश्राम घाट मंदिर स्थानीय निवासी योगेंद्र नाथ चतुर्वेदी ने बताया सन 1978 में भयानक बाढ़ आई थी और शहर के द्वारकाधीश मंदिर में 3 से 4 फीट पानी पहुंच गया था वहीं हरियाणा के हथिनी कुंड से जो पानी छोड़ा गया है 23 तारीख को मथुरा यमुना नदी पहुंचेगा और बाढ़ की आशंका सताने लगी है।
विश्राम घाट मंदिर पुजारी गणेश चौबे ने बताया कि यमुना नदी विश्राम घाट के पास पानी के चलते 5 सीढ़ियां डूब चुकी हैं हरियाणा से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है यमुना नदी के किनारे नाव चालकों को भी चेतावनी दी गई है गहरे पानी में नाव ना चलाएं।

वाइट योगेंद्र नाथ चतुर्वेदी स्थानीय निवासी
वाइट गणेश चौबे पुजारी विश्राम घाट मंदिर
पीटीसी प्रवीन शर्मा


mathura reporter
praveen sharma
9410271733,8979375445
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.