मथुरा: जिले में 41 साल पहले 1978 में आई बाढ़ का खतरा अब मथुरा में सताने लगा है, क्योंकि हरियाणा के हथिनी कुंड से लगातार पानी छोड़ने के बाद मथुरा नगरी बाढ़ की चपेट में आ सकती है. साढ़े आठ लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में 23 तारीख की सुबह तक पहुंच जाएगा, जिसको लेकर अधिकारी पूरी तरह से अलर्ट हैं. 1978 में आई बाढ़ के चलते शहर में चारों तरफ नाव चलने लगी .
- 1978 के सितंबर माह में आई भयानक बाढ़ के चलते मथुरा नगरी में चारों तरफ नाव चलने लगी थी.
- पानी घरों से लेकर दुकान-सड़कों तक भर गया था.
- बाढ़ का खतरा अब लोगों को फिर सताने लगा है.
- शहर के विश्राम घाट मंदिर में सात सीढ़ियां बनी हुई हैं, लेकिन पांच पानी में डूब चुकी हैं और दो शेष बची हैं.
सन 1978 में भयानक बाढ़ आई थी और शहर के द्वारकाधीश मंदिर में तीन से चार फीट पानी पहुंच गया था. वहीं हरियाणा के हथिनी कुंड से जो पानी छोड़ा गया है, वो 23 तारीख को मथुरा यमुना नदी पहुंचेगा और बाढ़ की आशंका सताने लगी है.
-योगेंद्र नाथ चतुर्वेदी, स्थानीय निवासी