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गुरु की याद में साधु-संतों ने किया 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन, कराया मुंडन

यूपी के मथुरा में साधु-संतों ने गुरु की याद में 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया. गौड़ीय मठ के सनातन धर्म के साधु-संतों ने गुरु पूर्णिमा पर्व से एक दिन पूर्व अपने गुरु की याद में मुंडन कराया.

500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन.
500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन.
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Published : Jul 23, 2021, 10:50 PM IST

मथुरा: जिले के गोवर्धन में गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. गौड़ीय मठ के सनातन धर्म के साधु-संतों ने गुरु पूर्णिमा पर्व से एक दिन पूर्व अपने गुरु की याद में मुंडन कराकर 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया. गुरु पूर्णिमा के दिन साधु-संत गोवर्धन के राधा श्याम मंदिर से मानसी गंगा तक परिक्रमा लगाते हैं, लेकिन इस बार कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए साधु संतों की संख्या बेहद कम होगी. इस शोभा यात्रा में देश नहीं, विदेशों से भी हजारों श्रद्धालु गोवर्धन पहुंचते हैं.

गोवर्धन के राधा श्याम मंदिर के साधु संतों ने अपने गुरु की याद में 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया. गुरु पूर्णिमा पर्व से एक दिन पूर्व गुरु की याद में सनातन धर्म के संतों ने अपने सिर के बाल मुंडवाए. गुरु पूर्णिमा के दिन सनातन धर्म के साधु-संत राधा श्याम मंदिर से मानसी गंगा तक परिक्रमा लगाते नजर आएंगे. गुरु की भक्ति में सराबोर होते हुए ढोल, नगाड़े, मृदंग, झांझ की धुन पर नाचते हुए कस्बे में शोभायात्रा निकाली जाएगी.

500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने पिछले साल की तरह इस बार भी गुरु पूर्णिमा मेला निरस्त कर दिया है. श्रद्धालुओं के प्रवेश वर्जित किए गए हैं तो वहीं दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु गोवर्धन नहीं पहुंच रहे हैं. सनातन धर्म के गौड़िया मठ संतों की शोभा यात्रा 24 जुलाई को सुबह 10 बजे गोवर्धन कस्बे में निकाली जाएगी. इस शोभायात्रा में कोविड 19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए साधु-संतों की संख्या भी बेहद कम रहेगी.महंत राम किशन दास ने बताया कि गौड़ीय संप्रदाय के पूज्य पाद सनातन गोस्वामी 1556 में गोलोक धाम पधार गए थे, उन्हीं की याद में गौड़ीय संत भजन-कीर्तन करते हुए गोवर्धन के राधा श्याम मंदिर से परिक्रमा लगाते हुए मानसी गंगा तक जाते हैं. गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.


उन्होंने बताया कि गोवर्धन में मुड़िया पूर्णिमा मेला हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हमारे पूज्यनीय संत गोलोक धाम पधार गए थे. उन्हीं की याद में आज राधा श्याम सुंदर मंदिर मुंडन संस्कार कराया गया. शनिवार को गोवर्धन कस्बे में मंदिर से पूजनीय संत का प्रतीक डोली में बैठाकर शोभा यात्रा निकाली जाएगी. मानसी गंगा तक परिक्रमा लगाई जाएगी. पिछले साल की तरह इस बार भी कोविड-19 की वजह से मुड़िया मेला निरस्त कर दिया गया है. बाहर के श्रद्धालु शोभा यात्रा में नहीं आएंगे. सनातन धर्म के साधु संत ही इस शोभा यात्रा में शामिल होंगे और सभी गाइडलाइंस का पालन करते नजर आएंगे.

पढ़ें- चढ़ा मुड़िया मेले के निरस्त होने पर निर्भर लोगों में छाई मायूसी

मथुरा: जिले के गोवर्धन में गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. गौड़ीय मठ के सनातन धर्म के साधु-संतों ने गुरु पूर्णिमा पर्व से एक दिन पूर्व अपने गुरु की याद में मुंडन कराकर 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया. गुरु पूर्णिमा के दिन साधु-संत गोवर्धन के राधा श्याम मंदिर से मानसी गंगा तक परिक्रमा लगाते हैं, लेकिन इस बार कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए साधु संतों की संख्या बेहद कम होगी. इस शोभा यात्रा में देश नहीं, विदेशों से भी हजारों श्रद्धालु गोवर्धन पहुंचते हैं.

गोवर्धन के राधा श्याम मंदिर के साधु संतों ने अपने गुरु की याद में 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया. गुरु पूर्णिमा पर्व से एक दिन पूर्व गुरु की याद में सनातन धर्म के संतों ने अपने सिर के बाल मुंडवाए. गुरु पूर्णिमा के दिन सनातन धर्म के साधु-संत राधा श्याम मंदिर से मानसी गंगा तक परिक्रमा लगाते नजर आएंगे. गुरु की भक्ति में सराबोर होते हुए ढोल, नगाड़े, मृदंग, झांझ की धुन पर नाचते हुए कस्बे में शोभायात्रा निकाली जाएगी.

500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने पिछले साल की तरह इस बार भी गुरु पूर्णिमा मेला निरस्त कर दिया है. श्रद्धालुओं के प्रवेश वर्जित किए गए हैं तो वहीं दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु गोवर्धन नहीं पहुंच रहे हैं. सनातन धर्म के गौड़िया मठ संतों की शोभा यात्रा 24 जुलाई को सुबह 10 बजे गोवर्धन कस्बे में निकाली जाएगी. इस शोभायात्रा में कोविड 19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए साधु-संतों की संख्या भी बेहद कम रहेगी.महंत राम किशन दास ने बताया कि गौड़ीय संप्रदाय के पूज्य पाद सनातन गोस्वामी 1556 में गोलोक धाम पधार गए थे, उन्हीं की याद में गौड़ीय संत भजन-कीर्तन करते हुए गोवर्धन के राधा श्याम मंदिर से परिक्रमा लगाते हुए मानसी गंगा तक जाते हैं. गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.


उन्होंने बताया कि गोवर्धन में मुड़िया पूर्णिमा मेला हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हमारे पूज्यनीय संत गोलोक धाम पधार गए थे. उन्हीं की याद में आज राधा श्याम सुंदर मंदिर मुंडन संस्कार कराया गया. शनिवार को गोवर्धन कस्बे में मंदिर से पूजनीय संत का प्रतीक डोली में बैठाकर शोभा यात्रा निकाली जाएगी. मानसी गंगा तक परिक्रमा लगाई जाएगी. पिछले साल की तरह इस बार भी कोविड-19 की वजह से मुड़िया मेला निरस्त कर दिया गया है. बाहर के श्रद्धालु शोभा यात्रा में नहीं आएंगे. सनातन धर्म के साधु संत ही इस शोभा यात्रा में शामिल होंगे और सभी गाइडलाइंस का पालन करते नजर आएंगे.

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