मथुरा. जनपद के मगोर्रा थाना क्षेत्र में 3 साल पहले एक नाबालिग किशोरी का अपहरण कर लिया था. महाराष्ट्र के एक होटल में नाबालिग के साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया. आरोपी युवक को अदालत ने विशेष पोक्सो एक्ट (POCSO Act) में बलात्कार का आरोपी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास सहित अर्थदंड की सजा सुनाई है. मगोर्रा थाना क्षेत्र के एक गांव में 3 साल पहले आरोपी ने पड़ोस में रहने वाली 14 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर लिया गया था. महाराष्ट्र ले जाकर उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया था. घटना को अंजाम देकर आरोपी आगरा रेलवे स्टेशन पर पीड़िता को छोड़कर फरार हो गया था.
शासकीय अधिवक्ता ने जानकारी दी
शासकीय अधिवक्ता अलका उपमन्यु ने बताया पीड़िता की उम्र 14 वर्ष है. 29 अगस्त 2019 को जब पीड़िता की मां बाहर काम करने गई थी, पीड़िता अपने घर में अकेली थी. इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला रॉकी पीड़िता के घर गया और उससे बोला की तुम्हारी सहेली बुला रही है. पीड़िता जब बाहर गई तो पहले से एक कार बाहर खड़ी थी जिसमें अभियुक्त ने पीड़िता को धक्का देकर जबरन बैठा लिया. उसे पानी पिलाया जिसमें नशीला पदार्थ मिला हुआ था. इसे पीकर पीड़िता बेहोश हो गई. जब पीड़िता को होश आया तो उसने अपने आप को एक ट्रेन के अंदर पाया.
जब पीड़िता ने अभियुक्त से पूछा कि तुम मुझे कहां ले जा रहे हो तो अभियुक्त ने कहा कि अगर तुमने ज्यादा कुछ बोला तो मैं तुम्हें जान से मार दूंगा. इसके बाद अभियुक्त पीड़िता को महाराष्ट्र के औरंगाबाद ले गया. यहां पर एक होटल में अभियुक्त ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया. इसके बाद अभियुक्त पीड़िता को अपने साथ आगरा लेकर आया और आगरा रेलवे स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गया. पीड़िता बमुश्किल स्थानीय लोगों की सहायता से अपने घर पहुंची जहां उसने परिजनों को अपने साथ हुई सारी घटना के बारे में जानकारी दी. पीड़िता की मां ने थाना मगोर्रा पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
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आरोपी को अर्थ दंड सहित 20 साल की सजा
शासकीय अधिवक्ता अलका उपमन्यु ने बताया कि 363, 366 ,376 और 3/4 पोक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज हुई थी. इसमें पूरी कार्रवाई हुई. सारे बयान हुए आईओ ने अपनी चार्जशीट दाखिल की. पीड़िता का मेडिकल हुआ जिसमें बलात्कार की पुष्टि हुई. इसके बाद चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई. चार्जशीट आने के बाद में पीड़िता की मां सहित सब के बयान हुए.
जज हरविंद्र सिंह जी ने जजमेंट दिया. आईपीसी की धारा 363 जिसमें 7 वर्ष का कठोर कारावास है और 5 हजार अर्थदंड के हैं. धारा 366 में 10 वर्ष का कारावास है और 10 हजार अर्थदंड के हैं. पाक्सो एक्ट की धारा 4 के अनुसार 20 वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार अर्थदंड के हैं. अगर अर्थदंड नहीं दिया जाएगा तो एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास बढ़ जाएगा. यह सारी सजाएं एक साथ चलेंगी. अर्थदंड में से 20 हजार पीड़िता को दिए जाएंगे और राज्य सरकार की तरफ से जो भी धनराशि पीड़िता को दी जाती है, वह भी दी जाएगी.
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