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मथुरा जेल में क्षमता से अधिक कैदी, योगी के मंत्री ने कहा- जेल कोई फाइव स्टार होटल तो है नहीं

उत्तर प्रदेश के मथुरा में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी जिला कारागार के एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे. जहां जिला कारागार में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने के सवाल पर कहा कि, जब यह जेल बनी थी उस समय मथुरा की जनसंख्या बहुत कम थी.

एक कार्यक्रम में शिरकत करने जिला कारागार पहुंचे थे मंत्री.
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Published : Aug 31, 2019, 10:51 AM IST

मथुरा: जिला कारागार में कैदी रखने की क्षमता 554 है, लेकिन इस समय 1,803 कैदियों को रखा गया है. वहीं जब कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए जिला कारागार पहुंचे तो उन्होंने देखा कि जेल में कैदी रखने की क्षमता से अधिक कैदी रखे गए हैं.

एक कार्यक्रम में शिरकत करने जिला कारागार पहुंचे थे मंत्री.

जानें क्या बोले कैबिनेट मंत्री-
क्षमता से अधिक जेल में कैदी रखने के सवाल पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 554 कैदियों के लिए यह जेल तब बनी थी, जब उत्तर प्रदेश की जनसंख्या मात्र आठ करोड़ थी. आज उत्तर प्रदेश की जनसंख्या बढ़कर 24 और 25 करोड़ हो गई है. जिस तरह से जनसंख्या बढ़ी है, स्वभाविक रूप से लड़ाई, झगड़े और अपराध की संख्या भी बढ़े हैं. जेलों की संख्या उतनी नहीं बढ़ पाई. मुझे भी कारागार मंत्री रहने का अवसर मिल चुका है. उस समय हमने नई जेलें भी बनाई. फिरोजाबाद में भी नई जेल बनाई थी. अंबेडकरनगर में विस्तार किया था और नई जेल भी बनाई थी.

इसे भी पढ़ें:- सहारनपुर में कैदी की जिला जेल में मौत

कैदियों को किन परेशानियों का करना पड़ता है सामना-
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जेल कोई फाइव स्टार होटल तो होता नहीं, परेशानी तो स्वभाविक रूप से होती ही है, लेकिन पहली परेशानी में और आज की परेशानी में जमीन आसमान का अंतर है. पहले यहां व्यक्ति सबसे बड़ा कष्ट आटा गूंदने को समझता था, खाना बनाना जिसे बावर्ची कहते थे. मुझे भी जब वक्त मिला इस विभाग को देखने का तो मैंने सबसे पहले मथुरा में उसका प्रयोग किया, यहां आटा गूंदने की मशीन लगवाई.

जेल प्रशासन ने संगीत का भी प्रबंध किया है. जिस तरह से उनका मनोरंजन भी होता रहे. जिस परिस्थितियों में भी उन्होंने अपराध किया हो उनकी वह प्रगति हट जाए. प्रवचन भी होते हैं माइक के द्वारा. अब जेल और कारागार वह नहीं है. अब सुधारात्मक है. अब यहां व्यक्ति को सुधार के प्रति प्रेरित किया जाता है. स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है.
- लक्ष्मी नारायण चौधरी, कैबिनेट मंत्री

मथुरा: जिला कारागार में कैदी रखने की क्षमता 554 है, लेकिन इस समय 1,803 कैदियों को रखा गया है. वहीं जब कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए जिला कारागार पहुंचे तो उन्होंने देखा कि जेल में कैदी रखने की क्षमता से अधिक कैदी रखे गए हैं.

एक कार्यक्रम में शिरकत करने जिला कारागार पहुंचे थे मंत्री.

जानें क्या बोले कैबिनेट मंत्री-
क्षमता से अधिक जेल में कैदी रखने के सवाल पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 554 कैदियों के लिए यह जेल तब बनी थी, जब उत्तर प्रदेश की जनसंख्या मात्र आठ करोड़ थी. आज उत्तर प्रदेश की जनसंख्या बढ़कर 24 और 25 करोड़ हो गई है. जिस तरह से जनसंख्या बढ़ी है, स्वभाविक रूप से लड़ाई, झगड़े और अपराध की संख्या भी बढ़े हैं. जेलों की संख्या उतनी नहीं बढ़ पाई. मुझे भी कारागार मंत्री रहने का अवसर मिल चुका है. उस समय हमने नई जेलें भी बनाई. फिरोजाबाद में भी नई जेल बनाई थी. अंबेडकरनगर में विस्तार किया था और नई जेल भी बनाई थी.

इसे भी पढ़ें:- सहारनपुर में कैदी की जिला जेल में मौत

कैदियों को किन परेशानियों का करना पड़ता है सामना-
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जेल कोई फाइव स्टार होटल तो होता नहीं, परेशानी तो स्वभाविक रूप से होती ही है, लेकिन पहली परेशानी में और आज की परेशानी में जमीन आसमान का अंतर है. पहले यहां व्यक्ति सबसे बड़ा कष्ट आटा गूंदने को समझता था, खाना बनाना जिसे बावर्ची कहते थे. मुझे भी जब वक्त मिला इस विभाग को देखने का तो मैंने सबसे पहले मथुरा में उसका प्रयोग किया, यहां आटा गूंदने की मशीन लगवाई.

जेल प्रशासन ने संगीत का भी प्रबंध किया है. जिस तरह से उनका मनोरंजन भी होता रहे. जिस परिस्थितियों में भी उन्होंने अपराध किया हो उनकी वह प्रगति हट जाए. प्रवचन भी होते हैं माइक के द्वारा. अब जेल और कारागार वह नहीं है. अब सुधारात्मक है. अब यहां व्यक्ति को सुधार के प्रति प्रेरित किया जाता है. स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है.
- लक्ष्मी नारायण चौधरी, कैबिनेट मंत्री

Intro:एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने जिला कारागार में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने के सवाल पर कहा कि, जब यह जेल बनी थी उस समय मथुरा की जनसंख्या बहुत कम थी .लेकिन आज जनसंख्या बहुत बढ़ चुकी है, और जेल कोई फाइव स्टार होटल नहीं है .यहां कुछ समस्याएं तो स्वाभाविक रूप से होनी ही है, और सबसे बड़ी समस्या पहले आटा गूंदने की हुआ करती थी, लेकिन मेरे द्वारा आटा गूंदने, रोटी बनाने की मशीन पहले ही दे चुकी गई है ,जिससे अब कैदियों को अधिक समस्या नहीं होती.


Body:आपको बता दें कि जिला कारागार मथुरा में कैदी रखने की क्षमता 554 है, लेकिन जिला कारागार में 1803 कैदियों को रखा गया है. वही जब कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी आज एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए जिला कारागार पहुंचे, जहां क्षमता से अधिक जेल में कैदी रखने के सवाल पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि, 554 कैदियों के लिए यह जेल कब बनी थी जब उत्तर प्रदेश की जनसंख्या मात्र 8 करोड़ थी ,और आज उत्तर प्रदेश की जनसंख्या बढ़कर 24 और 25 करोड़ हो गई है. जिस तरह से जनसंख्या बढ़ी है स्वभाविक रूप से लड़ाई, झगड़े और अपराध की संख्या भी बढ़े है. जेलो की संख्या उतनी नहीं बढ़ पाई. जो नए जिले बनते गए, मुझे भी कारागार अवसर मिल चुका है .उस समय हमने नई जेलें भी बनाई, फिरोजाबाद में भी नई जेल बनाई थी, अंबेडकरनगर में विस्तार किया था और जलेबी बनाई थी.


Conclusion:वहीं कहीं ना कहीं क्षमता से अधिक कारागार में कैदियों को रखने से कैदियों को परेशानियों का सामना तो करना पड़ता होगा, के सवाल पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जेल कोई फाइव स्टार होटल तो होता नहीं ,परेशानी तो स्वभाविक रूप से होती ही है .लेकिन पहली परेशानी में और आज की परेशानी में जमीन आसमान का अंतर है .पहले यहां व्यक्ति सबसे बड़ा कष्ट आटा गूंदने को समझता था, खाना बनाना जिसे बावर्ची कहते थे. मुझे भी जब वक्त मिला इस विभाग को देखने का तो मैंने सबसे पहले मथुरा में उसका प्रयोग किया, यहां आटा गूंदने की मशीन लगवाई. नौरस होते हैं प्रत्येक रस की 24 घंटे में जरूर आवश्यकता पड़ती है, जेल प्रशासन ने संगीत का भी प्रबंध किया है, जिस तरह से उनका मनोरंजन भी होता रहे, जिस परिस्थितियों में भी उन्होंने अपराध किया हो उनकी वह प्रगति हट जाए ,प्रवचन भी होते हैं माइक के द्वारा. अब जेल और कारागार वह नहीं है अब सुधारात्मक है ,अब यहां व्यक्ति को सुधार के प्रति प्रेरित किया जाता है. स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है.
बाइट -कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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