मथुरा: जिला कारागार में कैदी रखने की क्षमता 554 है, लेकिन इस समय 1,803 कैदियों को रखा गया है. वहीं जब कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए जिला कारागार पहुंचे तो उन्होंने देखा कि जेल में कैदी रखने की क्षमता से अधिक कैदी रखे गए हैं.
जानें क्या बोले कैबिनेट मंत्री-
क्षमता से अधिक जेल में कैदी रखने के सवाल पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 554 कैदियों के लिए यह जेल तब बनी थी, जब उत्तर प्रदेश की जनसंख्या मात्र आठ करोड़ थी. आज उत्तर प्रदेश की जनसंख्या बढ़कर 24 और 25 करोड़ हो गई है. जिस तरह से जनसंख्या बढ़ी है, स्वभाविक रूप से लड़ाई, झगड़े और अपराध की संख्या भी बढ़े हैं. जेलों की संख्या उतनी नहीं बढ़ पाई. मुझे भी कारागार मंत्री रहने का अवसर मिल चुका है. उस समय हमने नई जेलें भी बनाई. फिरोजाबाद में भी नई जेल बनाई थी. अंबेडकरनगर में विस्तार किया था और नई जेल भी बनाई थी.
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कैदियों को किन परेशानियों का करना पड़ता है सामना-
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जेल कोई फाइव स्टार होटल तो होता नहीं, परेशानी तो स्वभाविक रूप से होती ही है, लेकिन पहली परेशानी में और आज की परेशानी में जमीन आसमान का अंतर है. पहले यहां व्यक्ति सबसे बड़ा कष्ट आटा गूंदने को समझता था, खाना बनाना जिसे बावर्ची कहते थे. मुझे भी जब वक्त मिला इस विभाग को देखने का तो मैंने सबसे पहले मथुरा में उसका प्रयोग किया, यहां आटा गूंदने की मशीन लगवाई.
जेल प्रशासन ने संगीत का भी प्रबंध किया है. जिस तरह से उनका मनोरंजन भी होता रहे. जिस परिस्थितियों में भी उन्होंने अपराध किया हो उनकी वह प्रगति हट जाए. प्रवचन भी होते हैं माइक के द्वारा. अब जेल और कारागार वह नहीं है. अब सुधारात्मक है. अब यहां व्यक्ति को सुधार के प्रति प्रेरित किया जाता है. स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है.
- लक्ष्मी नारायण चौधरी, कैबिनेट मंत्री