मथुराः महंत बालमुकुंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. एसपी सिटी ने बताया कि बालमुकुंद के ड्राइवर उमेश पाठक उर्फ मोनू ने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था. उमेश ने महंत को मारकर उसकी जगह लेने, रुपये और आश्रम हड़पने की योजना बनाई थी. आरोपी उमेश ने सबसे पहले महंत को नशे की गोली देकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करा लिए. उसके बाद रस्सी से गला घोटा और फिर चेहरे पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.
जानें क्या है महंत बालमुकुंद हत्याकांड का मामला
- 12 जून को महंत बालमुकुंद शरण शास्त्री लापता हुए थे.
- ड्राइवर उमेश पाठक ने संपत्ति की लालच में महंत बालमुकुंद की हत्या कर दी.
- वारदात को अंजाम देने के लिए उमेश का साथी जितेंद्र, जितेंद्र का भाई ललित, मामा भूमेश, पत्नी प्रीती और मां मीरा देवी शामिल थीं.
- उमेश महंत को जितेंद्र के घर लेकर गया, वहां मीरा देवी ने लस्सी बनाई और पत्नी ने नींद की गोलियां लस्सी में मिला महंत को पिला दी.
- महंत से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराने के बाद रस्सी से गला घोटकर मार दिया.
- शव कि पहचान छुपाने के लिए चेहरे पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और फरार हो गए.
- बता दें अभी तक मामले का प्रमुख आरोपी उमेश पाठक फरार है.