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मथुरा: 'अन्नदाता' को नहीं पता किस पार्टी का कौन है प्रत्याशी

आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में किसान चुनावी चर्चाओं से बहुत दूर हैं. अन्नदाता को यह भी नहीं पता है कि किस पार्टी से कौन प्रत्याशी खड़ा हुआ है. वहीं महिला किसानों का कहना है कि उन्हें वर्षों से राशन तक नहीं मिला तो फिर वोट क्यों दें?

महिला किसानों ने वोट देने से किया इनकार
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Published : Apr 7, 2019, 7:32 PM IST

मथुरा: देश में चुनावी बिगुल बज चुका है. फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में किसान आज भी चुनावी चर्चाओं से बहुत दूर दिखाई दे रहे हैं. यहां तक की अन्नदाता को यह भी नहीं पता है कि किस पार्टी से कौन प्रत्याशी खड़ा हुआ है. वहीं महिला किसानों ने तो वोट डालने से इनकार भी किया. गेहूं काट रही महिला किसानों को नहीं पता है कि उनके क्षेत्र में कौन सा चुनाव हो रहा है और किस पार्टी से कौन सा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है?

महिला किसानों ने वोट देने से किया इनकार

इस दौरान जब महिलाओं से बात की गई तो महिलाओं ने बताया कि अगर वो चुनाव को देखेंगी तो फिर उनका काम कौन करेगा? महिलाओं ने कहा कि सरकार आती-जाती रहती है, लेकिन किसानों के लिए अब तक किसी ने कुछ नहीं किया. महिलाओं का कहना है कि उन्हें वर्षों से राशन तक नहीं मिला तो फिर वोट क्यों दें. इससे यही जाहिर होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग मतदान के प्रति जागरूक नहीं हैं. इसका यही कारण है कि किसानों को हो रहे नुकसान की कोई भरपाई नहीं हो रही है.

मथुरा: देश में चुनावी बिगुल बज चुका है. फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में किसान आज भी चुनावी चर्चाओं से बहुत दूर दिखाई दे रहे हैं. यहां तक की अन्नदाता को यह भी नहीं पता है कि किस पार्टी से कौन प्रत्याशी खड़ा हुआ है. वहीं महिला किसानों ने तो वोट डालने से इनकार भी किया. गेहूं काट रही महिला किसानों को नहीं पता है कि उनके क्षेत्र में कौन सा चुनाव हो रहा है और किस पार्टी से कौन सा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है?

महिला किसानों ने वोट देने से किया इनकार

इस दौरान जब महिलाओं से बात की गई तो महिलाओं ने बताया कि अगर वो चुनाव को देखेंगी तो फिर उनका काम कौन करेगा? महिलाओं ने कहा कि सरकार आती-जाती रहती है, लेकिन किसानों के लिए अब तक किसी ने कुछ नहीं किया. महिलाओं का कहना है कि उन्हें वर्षों से राशन तक नहीं मिला तो फिर वोट क्यों दें. इससे यही जाहिर होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग मतदान के प्रति जागरूक नहीं हैं. इसका यही कारण है कि किसानों को हो रहे नुकसान की कोई भरपाई नहीं हो रही है.

Intro:अन्नदाता को नहीं पता है कि किस पार्टी से कौन प्रत्याशी खड़ा हुआ है वहीं महिला किसानों ने वोट डालने से इनकार किया। देश में भले ही चुनावी बिगुल बज चुका हो ग्रामीण क्षेत्रों में किसान आज भी चुनावी चर्चाओं से बहुत दूर दिखाई दे रहे हैं। यहां गेहूं काट रही महिला किसानों को नहीं पता है कि उनके क्षेत्र में कौन सा चुनाव हो रहा है और किस पार्टी से कौन सा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है।


Body:इस दौरान जब महिलाओं से बात की गई तो महिलाओं ने बताया कि अगर हम चुनाव को देखें तो फिर हमारा काम कौन करेगा। महिलाओं ने कहा कि सरकार आती जाती रहती है लेकिन किसानों के लिए अभी तक किसी ने कुछ नहीं किया। यहां की महिलाओं का कहना था कि उन्हें वर्षों से राशन तक नहीं मिला तो फिर वोट क्यों ना लें। हमें अपना काम खुद ही करना पड़ेगा हमारा काम कौन करेगा। सरकार किसी को कुछ नहीं देती खुद का काम खुद को ही करना पड़ेगा।


Conclusion:इससे कहीं ना कहीं जाहिर होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग मतदान के प्रति जागरूक नहीं दिखाई दे रहे हैं। इसका यही कारण है कि किसानों को हो रहे नुकसान की कोई भरपाई नहीं हो पा रही। वहीं अब सवाल इस बात का भी है कि अगर किसान इस तरह अपने कामों में लगा रहा तो मतदान का प्रतिशत कहीं ना कहीं कम होने की संभावना हो सकती है। यहां लोग आज भी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए नजर आ रहे हैं।
बाइट -महिला किसान पूनम
बाइट- महिला किसान इंदिरा
काउंटर बाइट -किरण
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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