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ऊर्जा मंत्री के आवास के बाहर इस वजह से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे निष्कासित कर्मचारी...

मथुरा में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आवास के बाहर निष्कासित कर्मचारी बेमियादी धरने पर बैठ गए. इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की.

ऊर्जा मंत्री के आवास पर बिजली कर्मचारियों का धरना.
ऊर्जा मंत्री के आवास पर बिजली कर्मचारियों का धरना.
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Published : Dec 25, 2021, 3:13 PM IST

मथुराः प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आवास के बाहर शनिवार को उत्तर प्रदेश कॉरपोरेशन पावर लिमिटेड के निष्कासित कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू हुआ. उन्होंने नारेबाजी करते हुए सेवा बहाली की मांग की. साथ ही कहा कि सेवा बहाली होने तक धरना जारी रहेगा.

उनका कहना है कि बिजली विभाग में तीन साल की सेवा पूर्ण कर चुके हैं. हाईकोर्ट के आदेश पर समायोजन किया जाना था लेकिन सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है.

ऊर्जा मंत्री के आवास के बाहर धरने पर बैठे कर्मचारी.

ये भी पढ़ेंः अटल बिहारी वाजपेयी जयंती: सीएम योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को बांटे टैबलेट

बिजली विभाग के 603 निष्कासित कर्मचारी हैं. विभाग में ये अपनी तीन साल की सेवा पूर्ण कर चुके हैं. विभाग के खाली पदों पर इनका समायोजन होना था. इनका आरोप है कि उनके साथ दुर्व्यवहार करके निकाला गया है. अब जब तक उनकी सेवा बहाली नहीं हो जाती है तब तक यह धरना जारी रहेगा.

निष्कासित कर्मचारी ने बताया कि बिजली विभाग में हमने अपनी तीन साल की सेवा पूर्ण की है जिसको हाईकोर्ट ने मुख्य आरक्षी मानते हुए रिक्त पदों पर समायोजन करने की जाने की इच्छा जताई है. विभाग द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं तब तक बेमियादी धरना जारी रहेगा.

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मथुराः प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आवास के बाहर शनिवार को उत्तर प्रदेश कॉरपोरेशन पावर लिमिटेड के निष्कासित कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू हुआ. उन्होंने नारेबाजी करते हुए सेवा बहाली की मांग की. साथ ही कहा कि सेवा बहाली होने तक धरना जारी रहेगा.

उनका कहना है कि बिजली विभाग में तीन साल की सेवा पूर्ण कर चुके हैं. हाईकोर्ट के आदेश पर समायोजन किया जाना था लेकिन सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है.

ऊर्जा मंत्री के आवास के बाहर धरने पर बैठे कर्मचारी.

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बिजली विभाग के 603 निष्कासित कर्मचारी हैं. विभाग में ये अपनी तीन साल की सेवा पूर्ण कर चुके हैं. विभाग के खाली पदों पर इनका समायोजन होना था. इनका आरोप है कि उनके साथ दुर्व्यवहार करके निकाला गया है. अब जब तक उनकी सेवा बहाली नहीं हो जाती है तब तक यह धरना जारी रहेगा.

निष्कासित कर्मचारी ने बताया कि बिजली विभाग में हमने अपनी तीन साल की सेवा पूर्ण की है जिसको हाईकोर्ट ने मुख्य आरक्षी मानते हुए रिक्त पदों पर समायोजन करने की जाने की इच्छा जताई है. विभाग द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं तब तक बेमियादी धरना जारी रहेगा.

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