मथुरा: वृंदावन थाना क्षेत्र स्थित नगर पंचायत चौमुहां में कराए गए विकास कार्यों में लाखों रुपये के गबन की शिकायत लखनऊ लोकायुक्त में की गई थी. शिकायतकर्ता चौमुहां निवासी ऊदल सिंह का आरोप है कि नगर पंचायत अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी ने मिलीभगत कर विकास कार्यों के नाम पर सरकारी पैसे गबन किए. इस पर जब अधिकारी जांच करने पहुंचे तो उनके सामने ही शिकायतकर्ता और चेयरमैन समर्थक आपस में भिड़ गए, जिन्हें पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग कर शांत कराया गया.
नगर पंचायत चौमुहां में कराए गए विकास कार्यों की शिकायत कस्बा निवासी ऊदल सिंह ने लखनऊ लोकायुक्त में की थी. जिस पर लखनऊ लोकायुक्त ने नगर पंचायत चौमुहां में विकास कार्यों की जांच के लिए अधिकारियों की टीम भेजी. शिकायती पत्र में नगर पंचायत पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर लाखों रुपये गबन का आरोप लगाया गया था.
शिकायतकर्ता ने जांच करने आए अधिकारियों को बताया कि नगर पंचायत अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी ने मिलीभगत कर एक इंटरलॉकिंग खड़ंजा का दो बार भुगतान करा लिया है. पीडब्ल्यूडी की भूमि पर बगैर विभाग की अनुमति के नगर पंचायत ने इंटरलॉकिंग सड़क बनवा दी है. साथ ही कई दर्जनों घरों में नगर पंचायत की निधि से इंटरलॉकिंग खड़ंजे लगाव दिए गए हैं, जो नियम के विरुद्ध हैं. इसके अलावा नगर पंचायत सीमा क्षेत्र से बाहर काम कराएं गए. काम में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है.
लखनऊ लोकायुक्त द्वारा गठित अधिकारियों की टीम ने नगर पंचायत क्षेत्र में शिकायतकर्ता के साथ एक-एक जगह पर जाकर बारीकी से जांच की. इस दौरान लोकायुक्त के अधिकारियों के सामने ही शिकायतकर्ता और चेयरमैन के समर्थक आपस में भिड़ गए. समर्थक एक-दूसरे से गाली-गलौज करने लगे. देखते ही देखते दोनों पक्ष हाथापाई तक उतर आए, लेकिन किसी तरह से चौमुहां अंडरपास के नीचे ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने मामले को संभाला. इस झगड़े के दौरान अधिकारियों ने जांच को बीच में ही रोक दिया और पुलिस को फोन कर फोर्स आने पर दौबारा जांच शुरू की गई. पुलिस ने सभी लोगों को मौके से खदेड़ दिया.
वहीं जांच अधिकारी एडीएम प्रोटोकॉल पुष्पराज सिंह ने बताया कि ऊदल सिंह की शिकायत पर लोकायुक्त लखनऊ के आदेश पर नगर पंचायत में कराए गए सभी विकास कार्यों की जांच की है, जिसकी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजेंगे.
शिकायतकर्ता ने कुल 14 जगहों का निरीक्षण कराया है. इन जगहों का बारीकी से निरीक्षण किया गया है, जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है, उनको भी अपना पक्ष रखने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. वह भी एक हफ्ते के अंदर साक्ष्य पेश कर अपनी बात रख सकते हैं.
-पुष्पराज सिंह, एडीएम प्रोटोकॉल