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महोबा जिला अस्पताल में तीन माह से बंद पड़ा है ऑक्सीजन प्लांट, मरीजों को नहीं मिल पा रही सुविधा - ऑक्सीजन की कमी

महोबा जिला अस्पताल में कोरोना काल के दौरान लगाया गया ऑक्सीजन प्लांट तीन महीने से खराब है. स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निरीक्षण के बाद भी अभी तक प्लांट सही नहीं किया गया है. ऐसे में मरीजों को ऑक्सीजन के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

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महोबा जिला अस्पताल
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Published : Apr 4, 2023, 4:55 PM IST

Updated : Apr 4, 2023, 8:35 PM IST

डॉ. पवन कुमार अग्रवाल

महोबाः महोबा जिला अस्पताल में कोरोना काल के दौरान लगाया गया ऑक्सीजन प्लांट सफेद हाथी बनकर रह गया है. बीते 17 जनवरी से जिला अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट खुद बीमार है. फिलहाल इसका इलाज कर पाना जिला अस्पताल प्रबंधन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. जिला अस्पताल में प्राइवेट संस्था से ऑक्सीजन की सप्लाई करवाई जा रही है, जिसकी वजह से अस्पताल के बेड में पाइप के जरिये मिलने वाली ऑक्सीजन सिलेण्डर के माध्यम से मरीजों को बमुश्किल उपलब्ध हो पा रही है.

बता दें कि प्रदेश के डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का दौरा भी ऑक्सीजन प्लांट सही नहीं करा पाया. इसे अस्पताल प्रशासन की नाकामी कहें या फिर लापरवाही लगभग तीन माह से खराब पड़े ऑक्सीजन प्लांट को सही कराने के लिए जिम्मेदार प्लांट जल्द सही कराने की बात कहकर टालते नजर आ रहे हैं.

दरअसल, कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोरोना पीड़ित लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इसके बाद महोबा के लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन के निर्देश पर महोबा जिले के दोनों जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना कराई गई थी. ऑक्सीजन प्लांटों द्वारा पाइपलाइन के माध्यम से जरूरतमंद मरीज को उनके बेड पर ही ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही थी, जिससे लोगों को शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑक्सीजन प्लांट से लोगों को बेहतर लाभ मिलता दिखाई दे रहा था.

शासन के मंसूबों पर स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही की ऐसी नजर लगी कि बीते 17 जनवरी से ऑक्सीजन प्लांट ने काम करना ही बंद कर दिया, जिसकी वजह से जिला अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों को समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है. भले ही ऑक्सीजन प्लांट खराब हुए लगभग तीन माह का समय बीत रहा हो, लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन रोजाना ऑक्सीजन प्लांट जल्द ठीक होने का दावा करता नहीं थक रहा.

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि बीते 28 मार्च को हुआ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का दौरा भी जिला अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट को ठीक नहीं करा पाया, जिसकी वजह से अब स्थानीय लोगों में भी आक्रोश पनप रहा है.

पढ़ेंः Mahoba District Hospital : इलाज के लिए मरीजों से लिया जा रहा 1 रुपया और शौचालय के लिए 5 से 10 रुपये

डॉ. पवन कुमार अग्रवाल

महोबाः महोबा जिला अस्पताल में कोरोना काल के दौरान लगाया गया ऑक्सीजन प्लांट सफेद हाथी बनकर रह गया है. बीते 17 जनवरी से जिला अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट खुद बीमार है. फिलहाल इसका इलाज कर पाना जिला अस्पताल प्रबंधन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. जिला अस्पताल में प्राइवेट संस्था से ऑक्सीजन की सप्लाई करवाई जा रही है, जिसकी वजह से अस्पताल के बेड में पाइप के जरिये मिलने वाली ऑक्सीजन सिलेण्डर के माध्यम से मरीजों को बमुश्किल उपलब्ध हो पा रही है.

बता दें कि प्रदेश के डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का दौरा भी ऑक्सीजन प्लांट सही नहीं करा पाया. इसे अस्पताल प्रशासन की नाकामी कहें या फिर लापरवाही लगभग तीन माह से खराब पड़े ऑक्सीजन प्लांट को सही कराने के लिए जिम्मेदार प्लांट जल्द सही कराने की बात कहकर टालते नजर आ रहे हैं.

दरअसल, कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोरोना पीड़ित लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इसके बाद महोबा के लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन के निर्देश पर महोबा जिले के दोनों जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना कराई गई थी. ऑक्सीजन प्लांटों द्वारा पाइपलाइन के माध्यम से जरूरतमंद मरीज को उनके बेड पर ही ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही थी, जिससे लोगों को शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑक्सीजन प्लांट से लोगों को बेहतर लाभ मिलता दिखाई दे रहा था.

शासन के मंसूबों पर स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही की ऐसी नजर लगी कि बीते 17 जनवरी से ऑक्सीजन प्लांट ने काम करना ही बंद कर दिया, जिसकी वजह से जिला अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों को समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है. भले ही ऑक्सीजन प्लांट खराब हुए लगभग तीन माह का समय बीत रहा हो, लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन रोजाना ऑक्सीजन प्लांट जल्द ठीक होने का दावा करता नहीं थक रहा.

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि बीते 28 मार्च को हुआ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का दौरा भी जिला अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट को ठीक नहीं करा पाया, जिसकी वजह से अब स्थानीय लोगों में भी आक्रोश पनप रहा है.

पढ़ेंः Mahoba District Hospital : इलाज के लिए मरीजों से लिया जा रहा 1 रुपया और शौचालय के लिए 5 से 10 रुपये

Last Updated : Apr 4, 2023, 8:35 PM IST
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