महोबा : 'मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है'. शायर की पंक्तियों को चरितार्थ किया है जनपद की आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने. जो अपनी ड्यूटी को न सिर्फ अपना फर्ज समझकर निभाती हैं बल्कि आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले सभी बच्चों का मां की तरह ख्याल करती हैं. इसी के चलते उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.
कबरई विकास खंड के किडारी गांव में बने आंगनबाड़ी केंद्र में कुल 30 बच्चे हैं. जिनमें से लगभग पूरे बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में आते है और यहां की कार्यकत्री अंजना शर्मा बच्चों की ऐसे देखभाल करती हैं मानों उनके स्वंय के बच्चे हों.
बड़ी ही मेहनत से अंजना शर्मा बच्चों की दिनचर्या के हिसाब से उन्हें पढ़ाती लिखाती हैं. समय पर बच्चों को खाना देना खेल खिलाना यहां तक कि बच्चों को तैयार करने में संकोच नहीं करती. अंजना शर्मा इसी कार्य को देखते हुए इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
राष्ट्रीय पुरस्कार से वही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां सम्मानित होती हैं जिन्होंने नौ बिंदुओं को पूरा कर लिया हो. जिसमें टीकाकरण में सहयोग, प्री स्कूल एजुकेशन में कार्य, बच्चों का हेल्थ क्लब, एनआरसी कार्य, ग्रमीण महिलाओं को बचत के लिए प्रेरित करना, कुपोषण मुक्त क्षेत्र. इन सभी नौ बिंदुओं को पूर्ण करना जरूरी होता है जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्री अंजना शर्मा ने सफलता हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है.
हाल ही में जनवरी माह में आंगनबाड़ी कार्यकत्री को दिल्ली में बाल विकास एवं पोषहार मंत्री मेनका गांधी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने बताया कि गांव को पूरा कुपोषण से मुक्त किया गया. गर्भवती महिलाओं को समय समय पर आयरन की गोलियां दी गई और अस्पताल ले जाकर जांच कराई जाती है. सरकार की सभी योजनाओं को शत प्रतिशत महिलाओं और बच्चों तक पहुंचाया गया जिसको लेकर हमे केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया.