लखनऊ. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज गौरव शर्मा ने महोबा के क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में निरुद्ध कबरई के बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है. बीते 30 नवंबर को अभियुक्त ने आत्मसमर्पण किया था. उसके खिलाफ कुर्की की कार्यवाही की नोटिस भी जारी थी.
सरकारी वकील डीसी यादव ने अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया. उनका कहना था कि बतौर लोकसेवक अभियुक्त पर अवैध रकम की उगाही के साथ ही मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने का भी आरोप है. यह भी कहा गया कि इस मामले मे निरुद्ध कबरई के बर्खास्त थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला व दो अन्य अभियुक्त सुरेश सोनी और ब्रह्म दत्त तिवारी की भी जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है.
क्या है मामला
इस मामले की एफआईआर 11 सिंतबर, 2020 को मृतक के भाई रविकांत त्रिपाठी ने महोबा के थाना कबरई में दर्ज कराई थी. इसमें कबरई थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला, सिपाही अरुण कुमार यादव व अन्य के साथ ही महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार को भी नामजद किया गया था. विशेष अदालत से पाटीदार के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही की नोटिस भी जारी है.