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बदहाल है जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था, एक ही बेड पर किया जा रहा तीन-चार बच्चों का इलाज - उत्तर प्रदेश खबर

यूपी के महराजगंज जिले में बाढ़ के हटते ही बुखार, उल्टी, डायरिया और झटके के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. पीएचसी और सीएचसी सहित जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था का पोल खुलती नजर आ रही है.

बदहाल है जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था
बदहाल है जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था
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Published : Sep 10, 2021, 1:49 PM IST

महराजगंज: प्रदेश में बुखार, उल्टी, डायरिया के मरीजों की संख्यां में लगातार इजाफा हो रहा है. महराजगंज के जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. जिसके बाद एक ही बेड पर यहां तीन से चार बच्चों का इलाज किया जा रहा है. मरीजों के साथ आए परिजन हॉस्पिटल में फर्श पर बैठने के लिए मजबूर हैं.

महराजगंज जिले बाढ़ हटते ही तेजी से बच्चों में बुखार के मामले सामने आ रहे है. इसके बावजूद जिला अस्पताल संसाधनों के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है. जिला संयुक्त चिकित्सालय के नवजात शिशु देखभाल इकाई में रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. तेज बुखार, उल्टी, डायरिया और झटके के मरीज जिला अस्पताल लगातार आ रहे हैं. जनपद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में बेड का भारी अभाव देखने को मिल रहे हैं. एक बेड पर तीन से चार बच्चों को भर्ती किया गया है. इसमें एक संक्रमित बच्चे से दूसरे बच्चे में संक्रमण का खतरा हो सकता है और चिकित्सक चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं.

बदहाल है जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था
पिछले एक हफ्ते की बात की जाए तो लगभग चार सौ से ज्यादा बच्चों का इलाज जिला अस्पताल से हो चुका है. ऐसे में महराजगंज जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था कामचलाऊ कही जा सकती है. महराजगंज जिला दिमागी बुखार के नजरिए से भी संवेदनशील रहा है. बारिश के मौसम के बाद बच्चों में अचानक से तेज बुखार की शिकायत बढ़ने लगती है. जुलाई से लेकर अक्टूबर तक बच्चों में दिमागी बुखार के मामले भी ज्यादा देखने को मिलते हैं. इसके बावजूद जिला अस्पताल के नवजात शिशु देखभाल इकाई में बेड की संख्या मरीजों की तुलना में बेहद कम है.अपने परिजनों से जिला अस्पताल मिलने आए आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच नन्हे बच्चों का इस तरीके से इलाज होना सरकार की असफलता है. अभी कोरोना पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, ऐसे में जिला अस्पताल की व्यवस्था बच्चों को लेकर की गई तैयारी नाकाफी है. पिछले तीन दिनों से अपने बच्चे का इलाज करा रहे परिजन जितेंद्र यादव का कहना है कि उनका बच्चा ऑक्सीजन पर है और एक बेड पर तीन बच्चों को सुलाया गया है.

वहीं, जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. ए.के. राय का कहना है कि कम बेड और अन्य सुविधाओं का अभाव तो है लेकिन इसी में बेहतर किया जा रहा है.

महराजगंज: प्रदेश में बुखार, उल्टी, डायरिया के मरीजों की संख्यां में लगातार इजाफा हो रहा है. महराजगंज के जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. जिसके बाद एक ही बेड पर यहां तीन से चार बच्चों का इलाज किया जा रहा है. मरीजों के साथ आए परिजन हॉस्पिटल में फर्श पर बैठने के लिए मजबूर हैं.

महराजगंज जिले बाढ़ हटते ही तेजी से बच्चों में बुखार के मामले सामने आ रहे है. इसके बावजूद जिला अस्पताल संसाधनों के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है. जिला संयुक्त चिकित्सालय के नवजात शिशु देखभाल इकाई में रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. तेज बुखार, उल्टी, डायरिया और झटके के मरीज जिला अस्पताल लगातार आ रहे हैं. जनपद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में बेड का भारी अभाव देखने को मिल रहे हैं. एक बेड पर तीन से चार बच्चों को भर्ती किया गया है. इसमें एक संक्रमित बच्चे से दूसरे बच्चे में संक्रमण का खतरा हो सकता है और चिकित्सक चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं.

बदहाल है जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था
पिछले एक हफ्ते की बात की जाए तो लगभग चार सौ से ज्यादा बच्चों का इलाज जिला अस्पताल से हो चुका है. ऐसे में महराजगंज जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था कामचलाऊ कही जा सकती है. महराजगंज जिला दिमागी बुखार के नजरिए से भी संवेदनशील रहा है. बारिश के मौसम के बाद बच्चों में अचानक से तेज बुखार की शिकायत बढ़ने लगती है. जुलाई से लेकर अक्टूबर तक बच्चों में दिमागी बुखार के मामले भी ज्यादा देखने को मिलते हैं. इसके बावजूद जिला अस्पताल के नवजात शिशु देखभाल इकाई में बेड की संख्या मरीजों की तुलना में बेहद कम है.अपने परिजनों से जिला अस्पताल मिलने आए आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच नन्हे बच्चों का इस तरीके से इलाज होना सरकार की असफलता है. अभी कोरोना पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, ऐसे में जिला अस्पताल की व्यवस्था बच्चों को लेकर की गई तैयारी नाकाफी है. पिछले तीन दिनों से अपने बच्चे का इलाज करा रहे परिजन जितेंद्र यादव का कहना है कि उनका बच्चा ऑक्सीजन पर है और एक बेड पर तीन बच्चों को सुलाया गया है.

वहीं, जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. ए.के. राय का कहना है कि कम बेड और अन्य सुविधाओं का अभाव तो है लेकिन इसी में बेहतर किया जा रहा है.

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