महराजगंजः जिले में मनरेगा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. यहां प्रतिदिन मनरेगा मजदूरों के नाम पर फर्जी ई-मास्टर रोल तो भरा जाता है लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं दिखता है. लाॅकडाउन को लेकर सभी मनरेगा के मजदूर अपने घरों में कैद हैं और रोजगार के लिए तरस रहे हैं. वहीं कागजों में प्रतिदिन मनरेगा मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है, जो अपने आप में जांच का विषय है.
रोजाना भरा जा रहा ई-मास्टर रोल
महराजगंज जिले में कुल 12 ब्लाक और 923 ग्राम पंचायतें हैं. इन ग्राम पंचायतों में सभी मनरेगा मजदूरों को 100 दिन का रोजगार देने के लिए मनरेगा विभाग के अधिकारी प्रतिदिन ई-मास्टर रोल भरते हैं, जिसमें उन मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार कागजों में तो दिखाया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
कागज पर मिल रहा रोजगार
8 मई को जारी ई मास्टर रोल में 7138 और 9 मई को 6859 मनरेगा मजदूरों को रोजगार दिया गया है, लेकिन धरातल पर न तो काम हो रहा है और न ही किसी मनरेगा मजदूर को रोजगार मिला है. सवाल उठता है कि जब लॉकडाउन के कारण सभी लोग अपने घरों में कैद हैं और किसी भी कार्य स्थल पर कोई काम नहीं चल रहा है तो मनरेगा के जिम्मेदार अधिकारी मजदूरों को रोजगार कैसे दे रहे हैं.
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मामले की होगी जांच
इस सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि मामला गंभीर है. पहली बार यह मामला उनके संज्ञान में आया है. इसकी जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.