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'दुश्मन के घर में घुसकर लेंगे दोस्त की शहादत का बदला'

महराजगंज में चन्द्रबदन शर्मा की शहादत से उनके मित्र बहुत आहत हैं. उनके दोस्तों का कहना है कि हम अपने दोस्त की शहादत को बेकार नहीं जाने देंगे. हम दुश्मन के घर में जाकर बदला लेंगे.

शहीदों के परिजनों का बुरा हाल
शहीदों के परिजनों का बुरा हाल
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Published : Feb 6, 2021, 3:39 PM IST

महराजगंज: दोस्ती के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं. अपनी दोस्ती के लिए हम जान दे भी सकते हैं और जान ले भी सकते हैं. ऐसा ही कुछ देखने को मिला महराजगंज के एक गांव में. जहां पर चन्द्रबदन शर्मा के दोस्त उनकी शहादत से बहुत आहत हैं. उनके दोस्तों का कहना है कि हम अपने दोस्त की शहादत का बदला दुश्मनों के घर में घुस कर लेंगे. हम अपने दोस्त की शहादत को बेकार नहीं जाने देंगे.

दोस्त की शहादत का लेंगे बदला

दुश्मन के घर में घुसकर लेंगे बदला

शहीद के मित्र उनकी शहादत की खबर से बहुत आहत हैं. उनके ज्यादातर मित्र सेना की तैयारियों में लगे हुए हैं. उनके मित्रों का कहना है कि हम अपने मित्र की शहादत का बदला दुश्मन के घर में घुस कर लेंगे. आज हम सभी अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि हमारे मित्र ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

चन्द्रबदन शर्मा सन 2017 में सेना में हुए थे भर्ती

सदर कोतवाली क्षेत्र के सिसवनियां निवासी चन्द्रबदन शर्मा सन 2017 में सेना में भर्ती हुए थे. उन्होंने भर्ती प्रक्रिया के दौरान तीसरी रैंक हासिल की थी. उनके साथियों ने बताया कि वह तेज धावक और बहुत ही मेधावी थे. उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के 10 इन्फेंट्री अखनूर सेक्टर में जीडी के पद पर हुई थी. ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सिसवनियां सुदामा प्रसाद ने बताया कि शनिवार सुबह उनके पास सेना के अधिकारियों का फोन आया. उन्होंने बताया कि उनके गांव के रहने वाले चन्द्रबदन शर्मा शुक्रवार रात करीब दो बजे शहिद हो गए. यह जानकारी उन्होंने शहीद के परिजनों को दी. देखते ही देखते उनके घर पर भीड़ उमड़ पड़ी. चन्द्रबदन शर्मा की माता का निधन बचपन में ही हो गया था. इससे वह मातृछाया से वंचित रहे. उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने किया. शहीद का एक छोटा भाई भी है, जो अभी घर पर रह कर पढ़ाई करता है. उनकी एक बहन भी है. वह भी अभी स्कूली शिक्षा ले रही है.

महराजगंज: दोस्ती के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं. अपनी दोस्ती के लिए हम जान दे भी सकते हैं और जान ले भी सकते हैं. ऐसा ही कुछ देखने को मिला महराजगंज के एक गांव में. जहां पर चन्द्रबदन शर्मा के दोस्त उनकी शहादत से बहुत आहत हैं. उनके दोस्तों का कहना है कि हम अपने दोस्त की शहादत का बदला दुश्मनों के घर में घुस कर लेंगे. हम अपने दोस्त की शहादत को बेकार नहीं जाने देंगे.

दोस्त की शहादत का लेंगे बदला

दुश्मन के घर में घुसकर लेंगे बदला

शहीद के मित्र उनकी शहादत की खबर से बहुत आहत हैं. उनके ज्यादातर मित्र सेना की तैयारियों में लगे हुए हैं. उनके मित्रों का कहना है कि हम अपने मित्र की शहादत का बदला दुश्मन के घर में घुस कर लेंगे. आज हम सभी अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि हमारे मित्र ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

चन्द्रबदन शर्मा सन 2017 में सेना में हुए थे भर्ती

सदर कोतवाली क्षेत्र के सिसवनियां निवासी चन्द्रबदन शर्मा सन 2017 में सेना में भर्ती हुए थे. उन्होंने भर्ती प्रक्रिया के दौरान तीसरी रैंक हासिल की थी. उनके साथियों ने बताया कि वह तेज धावक और बहुत ही मेधावी थे. उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के 10 इन्फेंट्री अखनूर सेक्टर में जीडी के पद पर हुई थी. ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सिसवनियां सुदामा प्रसाद ने बताया कि शनिवार सुबह उनके पास सेना के अधिकारियों का फोन आया. उन्होंने बताया कि उनके गांव के रहने वाले चन्द्रबदन शर्मा शुक्रवार रात करीब दो बजे शहिद हो गए. यह जानकारी उन्होंने शहीद के परिजनों को दी. देखते ही देखते उनके घर पर भीड़ उमड़ पड़ी. चन्द्रबदन शर्मा की माता का निधन बचपन में ही हो गया था. इससे वह मातृछाया से वंचित रहे. उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने किया. शहीद का एक छोटा भाई भी है, जो अभी घर पर रह कर पढ़ाई करता है. उनकी एक बहन भी है. वह भी अभी स्कूली शिक्षा ले रही है.

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