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मंत्रिमंडल विस्तार पर योगी की चुप्पी से कई नेताओं की टूट रही आस

उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की बार-बार अफवाह उड़ने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुप्पी से भाजपा के कई नेताओं की आस टूटने लगी है. पिछले 6 महीने में 4 बार मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोर पकड़ चुकी है लेकिन अभी तक यह सिर्फ अफवाह ही साबित हुई.

मंत्रिमंडल विस्तार पर योगी की चुप्पी.
मंत्रिमंडल विस्तार पर योगी की चुप्पी.
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Published : Sep 15, 2021, 3:38 PM IST

लखनऊ: नौकरशाह रहे अरविंद कुमार शर्मा, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए जितिन प्रसाद, निषाद पार्टी के संजय निषाद सहित भाजपा के कई नेताओं को उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार है. करीब छह महीने में 4 बार मंत्रिमंडल में फेरबदल की अफवाहें उड़ चुकी हैं. आखिरी बार यह अफवाह 25 और 26 अगस्त को उड़ाई गई थी, जब सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) से मुलाकात की थी. लेकिन 20 दिन बीतने के बावजूद अब तक विस्तार या फेरबदल का कोई भी संकेत नहीं है.

योगी मंत्रिमंडल विस्तार पर सस्पेंस.

मंत्रिमंडल विस्तार के अफवाहों का सिलसिला करीब छह माह पहले तब शुरू हुआ था, जब गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी और मऊ के रहने वाले अरविंद कुमार शर्मा ने नौकरी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी. अरविंद शर्मा को यूपी में अहम मंत्रालय दिए जाने की चर्चा थी. इन चर्चाओं ने तब और तेजी पकड़ ली थी जब उनको एमएलसी बनाया गया. अरविंद शर्मा को डिप्टी सीएम, गृहमंत्री तक बनाए जाने की बातें की गई थीं. लेकिन बाद में उनको संगठन में महामंत्री बनाकर मामला शांत कर दिया गया.

उधर, तराई बेल्ट में मजबूत पकड़ रखने वाले और कभी राहुल गांधी की कोर टीम के सदस्य रहे जितिन प्रसाद का भी इंतजार खासा लम्बा होता जा रहा है. उनको बतौर ब्राह्मण चेहरा भाजपा में शामिल किया गया था लेकिन तीन माह बाद भी उनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. जितिन प्रसाद ने करीब एक सप्ताह पहले परिवार के साथ पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. जिसके बाद कहा जा रहा है कि भविष्य में जितिन प्रसाद को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. लेकिन जिम्मा कब मिलेगा ये बड़ा सवाल है. सूत्रों का कहना है जितिन प्रसाद को हाल ही में खाली हुईं चार एमएलसी सीट में से एक दी जाएगी. यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनको विधानसभा चुनाव में टिकट पाने का इंतजार करना होगा.

इसे भी पढ़ें-योगी सरकार का बड़ा तोहफा : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 1500 तक बढ़ा मानदेय, सितंबर की एक तारीख से लागू

मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल पर अपना दल और निषाद पार्टी की भी निगाह लगी हुई है. हाल ही में निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने मंत्री पद के संबंध में अपनी बात खुलकर कही थी. दूसरी ओर अपना दल सुप्रीमो अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री बना दी गई हैं. लेकिन उनको इंतजार है कि उनके पार्टी के एक विधायक को मंत्री बनाया जाए, ताकि वे और मजबूती से विधानसभा चुनाव में उतर सकें.

भाजपा के विधायकों की भी इस पूरे मसले पर सांस अटकी हुई है. अनेक प्रभावशाली विधायकों को इंतजार था कि वे मंत्रिमंडल में शामिल किये जा सकते हैं. मंत्री बनने के बाद उनके लिए अपने विधानसभा में जाकर लड़ना और आसान हो जाएगा. वे अपने आपको और बड़े नेता के तौर पर पेश कर सकेंगे. वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल सरकार की एक सामान्य प्रक्रिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी ठीक समझेंगे वे बदलाव करेंगे.

लखनऊ: नौकरशाह रहे अरविंद कुमार शर्मा, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए जितिन प्रसाद, निषाद पार्टी के संजय निषाद सहित भाजपा के कई नेताओं को उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार है. करीब छह महीने में 4 बार मंत्रिमंडल में फेरबदल की अफवाहें उड़ चुकी हैं. आखिरी बार यह अफवाह 25 और 26 अगस्त को उड़ाई गई थी, जब सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) से मुलाकात की थी. लेकिन 20 दिन बीतने के बावजूद अब तक विस्तार या फेरबदल का कोई भी संकेत नहीं है.

योगी मंत्रिमंडल विस्तार पर सस्पेंस.

मंत्रिमंडल विस्तार के अफवाहों का सिलसिला करीब छह माह पहले तब शुरू हुआ था, जब गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी और मऊ के रहने वाले अरविंद कुमार शर्मा ने नौकरी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी. अरविंद शर्मा को यूपी में अहम मंत्रालय दिए जाने की चर्चा थी. इन चर्चाओं ने तब और तेजी पकड़ ली थी जब उनको एमएलसी बनाया गया. अरविंद शर्मा को डिप्टी सीएम, गृहमंत्री तक बनाए जाने की बातें की गई थीं. लेकिन बाद में उनको संगठन में महामंत्री बनाकर मामला शांत कर दिया गया.

उधर, तराई बेल्ट में मजबूत पकड़ रखने वाले और कभी राहुल गांधी की कोर टीम के सदस्य रहे जितिन प्रसाद का भी इंतजार खासा लम्बा होता जा रहा है. उनको बतौर ब्राह्मण चेहरा भाजपा में शामिल किया गया था लेकिन तीन माह बाद भी उनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. जितिन प्रसाद ने करीब एक सप्ताह पहले परिवार के साथ पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. जिसके बाद कहा जा रहा है कि भविष्य में जितिन प्रसाद को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. लेकिन जिम्मा कब मिलेगा ये बड़ा सवाल है. सूत्रों का कहना है जितिन प्रसाद को हाल ही में खाली हुईं चार एमएलसी सीट में से एक दी जाएगी. यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनको विधानसभा चुनाव में टिकट पाने का इंतजार करना होगा.

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मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल पर अपना दल और निषाद पार्टी की भी निगाह लगी हुई है. हाल ही में निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने मंत्री पद के संबंध में अपनी बात खुलकर कही थी. दूसरी ओर अपना दल सुप्रीमो अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री बना दी गई हैं. लेकिन उनको इंतजार है कि उनके पार्टी के एक विधायक को मंत्री बनाया जाए, ताकि वे और मजबूती से विधानसभा चुनाव में उतर सकें.

भाजपा के विधायकों की भी इस पूरे मसले पर सांस अटकी हुई है. अनेक प्रभावशाली विधायकों को इंतजार था कि वे मंत्रिमंडल में शामिल किये जा सकते हैं. मंत्री बनने के बाद उनके लिए अपने विधानसभा में जाकर लड़ना और आसान हो जाएगा. वे अपने आपको और बड़े नेता के तौर पर पेश कर सकेंगे. वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल सरकार की एक सामान्य प्रक्रिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी ठीक समझेंगे वे बदलाव करेंगे.

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