लखनऊ : केंद्र सरकार के स्तर पर सहारा व अन्य फाइनेंस कंपनियों में फंसे लोगों का पैसा वापस दिलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सुविधा शुरू की गई थी. हालांकि इससे बहुत कम पैसे ही लोगों के वापस करने का काम शुरू हुआ. अब उत्तर प्रदेश सरकार भी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तर प्रदेश के 20 लाख से अधिक लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा वापस करने की बड़ी पहल शुरू की है. राज्य सरकार के दिशा निर्देशन में चीफ सेक्रेटरी ने एक कमेटी बनाई है जो सेबी की मदद से उत्तर प्रदेश के निवासियों का फंसा पैसा वापस करने का काम करेगी. इसमें संस्थागत वित्त विभाग की निगरानी में काम किया जाएगा.
शिकायतों के बाद उठाया कदम : दरअसल पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने तमाम जिलों में जिलाधिकारी और पुलिस कप्तानों के स्तर पर लगातार जनता द्वारा मिल रहीं पैसे वापसी की शिकायतों के मद्देनजर यह कदम उठाया है. इससे पहला राज्य सरकार ने एक एक्ट को भी मंजूरी प्रदान की है. राज्य सरकार ने अनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी एक्ट मंजूर किया है. इसे मंजूरी प्रदान करने के लिए अब केंद्र सरकार को भी भेजा है. यूपी के तमाम जिलों के लोगों ने उत्तर प्रदेश में सहारा फाइनेंस लिमिटेड व पीएसीएल सहित अन्य कई चिट फंड कंपनियों में पैसा लगाया था, लेकिन निवेशकों का पैसा वापस नहीं हो पा रहा है. सहारा व सेबी के बीच चल रहे विवाद को लेकर भी पैसा वापस होना पूरी तरह से फंस चुका है.
अनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी एक्ट में कड़े प्रावधान : चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्र ने सहारा व अन्य फाइनेंस कंपनियों में फंसे पैसे को वापस दिलाने के लिए संस्थागत वित्त विभाग के महानिदेशक शिव सिंह यादव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. जिसके माध्यम से लोगों के फैंस पैसे वापस दिलाने की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी. शिव सिंह यादव ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि शासन स्तर से हम लोगों को दिशा निर्देश मिले हैं. हम सेबी के अधिकारियों से मिलकर जिन निवेशकों के पैसे फंसे हैं उन्हें वापस दिलाने के लिए बात करेंगे और इसको लेकर किन-किन लोगों के कितने पैसे फंसे हैं. उसके दस्तावेज जमा पैसों की रसीद आधार कार्ड व अन्य तरह की जानकारी जुटाए जाने का काम शुरू कर दिया गया है.