लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में काम कर रहे संविदा कर्मियों के लिए अच्छी खबर है. शासन ऐसे संविदा कर्मियों को विनियमित करने की तैयारी में है. पहले चरण में 31 दिसंबर 2001 तक के संविदा कर्मियों की सूची परिवहन निगम से मांगी गई है. इनमें वही संविदा चालक-परिचालक शामिल होंगे, जिनका कोई मामला न्यायालय में विचाराधीन नहीं है.
मांगा गया ब्यौरा
परिवहन निगम ने प्रदेशभर के डिब्बों से 31 दिसंबर 2001 के बाद संविदा पर तैनात कर्मियों का ब्यौरा मांगा है. संविदा कर्मियों का यह ब्यौरा शासन के अनुरोध पर मांगा गया है, क्योंकि 2001 के पहले संविदा पर तैनात ड्राइवर कंडक्टर को नियमित करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा सके. इस संबंध में जीएम कार्मिक ने क्षेत्रीय प्रबंधकों को एक पत्र भी लिखा है.
साढे़ पांच सौ चालक व डेढ़ सौ परिचालकों को मिलेगा फायदा
प्रधान प्रबंधक (कार्मिक) डीबी सिंह बताते हैं कि 31 दिसंबर 2001 तक के करीब 700 ड्राइवर कंडक्टरों के नाम सामने आए हैं, जिनमें साढ़े पांच सौ के करीब चालक व डेढ़ सौ के करीब परिचालक हैं. शासन की मंशा है कि इन कर्मियों को नियमित कर दिया जाए. ऐसा करने पर परिवहन निगम के ऊपर ज्यादा भार नहीं पड़ेगा. क्योंकि चिन्हित चालक परिचालकों में अधिकांश को 17 हजार रुपये का वेतन मिल रहा है.
बांदा के प्रभारी आरएम निलंबित
बता दें कि भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी की टीम ने बांदा क्षेत्र के एआरएम (वित्त) व चित्रकूट धाम के प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव कुमार अग्रवाल को मंगलवार को रिश्वत लेते पकड़ा गया था. इस मामले में परिवहन निगम के एमडी धीरज साहू ने बुधवार को चित्रकूट के प्रभारी आरंभ को निलंबित करने का आदेश जारी किया है.