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आखिरी बजट की तैयारियों में जुटी योगी सरकार, इन मुद्दों पर रहेगा फोकस

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Published : Nov 29, 2020, 9:50 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 3:45 PM IST

2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. वहीं यूपी की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भी चुनावी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है. इसी को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार अपने आखिरी बजट (वित्तीय वर्ष 2021-22) को खास बनाने में जुटी हुई है.

वित्तीय वर्ष 2021-22
वित्तीय वर्ष 2021-22

लखनऊ: योगी सरकार ने अपने 5वें और आखिरी बजट को लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार अपने इस बजट को खास बनाने के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटी है. यूपी के वित्त विभाग की तरफ से भी सभी विभागों से बजट के अनुमानित प्रस्ताव मांगे गए हैं, जिन्हें बजट में शामिल किया जा सके और यूपी को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जाया जा सके.

देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

5वां और आखिरी बजट होगा खास
योगी सरकार का यह 5वां और आखिरी बजट होगा. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट लाए जाने की तैयारियां विभागों के स्तर पर और वित्त विभाग के स्तर पर तेजी से चल रही हैं. विभागवार वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रावधानित मदों में कितनी धनराशि खर्च हुई है? उसका भी ब्यौरा जुटाया जा रहा है, जिससे अगले साल के बजट में व्यवस्थित तरीके से धनराशि का प्रावधान करते हुए बजट लाया जाए और समग्रता के साथ उत्तर प्रदेश का विकास हो सके. योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. अब अगला बजट इससे बढ़ा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

2022 विधानसभा चुनाव पर होगा फोकस
वित्त विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने इस बजट का आकार अब तक पेश किए गए बजट के आकार से बड़ा करेगी. इस बजट को पूरी तरह से विधानसभा चुनाव पर केंद्रित रखते हुए लाया जाएगा. चुनाव पर फोकस करते हुए तमाम तरह की लोक-लुभावनी घोषणाओं को समेटे हुए यह बजट नजर आएगा.

कोरोना संकट से निपटने के करने होंगे इंतजाम
मुख्य रूप से जिस प्रकार से कोरोना वायरस का संकट है, ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने को लेकर भी राज्य सरकार के इस वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में तमाम तरह की घोषणाएं नजर आएंगी. वित्तीय प्रावधान किए जाएंगे कि स्वास्थ्य सेवाओं को किस तरह से बेहतर किया जाना है. अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर या अन्य तरह के मेडिकल इक्विपमेंट्स, बेड की संख्या बढ़ाए जाने और अत्याधुनिक सुविधाओं से अस्पतालों को लैस किए जाने को लेकर सरकार का बड़ा फोकस स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर होगा.

युवाओं की नौकरी पर होगा बड़ा फोकस
इसके अलावा सूत्रों की तरफ से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार इस बजट में राज्य सरकार विधानसभा चुनाव को देखते हुए अधिक से अधिक संख्या में युवाओं को रोजगार देने के लिए तमाम नई तरह की योजनाएं भी शुरू कर सकती है. इसके अलावा युवाओं को नौकरी दिए जाने के लिए भी बजट में बड़े स्तर पर प्रावधान किए जा सकते हैं. हालांकि बजट में किन चीजों को लाया जाना है, उसको लेकर अंतिम रूप देने के लिए सभी विभागों से अनुमान मांगे गए हैं.

जनप्रतिनिधियों की निधि हो सकती है बहाल
वित्त विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि योगी सरकार के पिछले चार बजट की तुलना में यह 5वां और आखिरी बजट काफी बड़ा बजट हो सकता है. इसके पीछे 2022 के विधानसभा चुनाव को केंद्रित रखते हुए बजट की तैयारियां की जा रही हैं. इसके अलावा जिस प्रकार से राज्य सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए जनप्रतिनिधियों की निधि समाप्त की थी, उसे इस नए बजट में शुरू करने का बड़ा प्रावधान हो सकता है.

राजस्व बढ़ाने पर भी सरकार देगी ध्यान
इसके अलावा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने, युवाओं को रोजगार देने, चिकित्सा, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी सहित तमाम अन्य सुविधाओं पर नजर रखते हुए बजट तैयार किया जाएगा. राजस्व वसूली पर ज्यादा फोकस सरकार करेगी. इसके अलावा राज्य सरकार किन विभागों से राजस्व प्राप्ति को बढ़ाकर अपने खजाने को मजबूत बनाएगी, इस पर भी सरकार का ध्यान रहेगा.

विभागों में कटौती पर अभी फैसला नहीं
इस नए बजट में किन विभागों के बजट प्रावधानों में कटौती की जाएगी, इस पर अभी सहमति नहीं बन पाई है. इस पर उच्च स्तरीय बैठक में फैसला किये जाने की तैयारी है. देखने वाली बात यह होगी कि राज्य सरकार किन प्रमुख क्षेत्रों में कटौती करती है, लेकिन यह जरूर है कि राज्य सरकार का यह 5वां और आखिरी बजट पिछले बजट की तुलना में आकार में काफी बड़ा होगा और पूरी तरह से चुनाव पर केंद्रित होगा.

अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए करने होंगे महत्वपूर्ण प्रावधान
वरिष्ठ पत्रकार अतुल चंदा कहते हैं कि कोरोना वायरस की वजह से इस समय अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. ऐसी स्थिति में सरकार अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए बजट में तमाम तरह के प्रावधान कर सकती है. सरकार का मुख्य फोकस इस पर भी होगा कि राजस्व अधिक से अधिक कैसे आए और उसके लिए क्या कुछ किया जाना है, इस पर भी सरकार का ध्यान होगा. इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर भी सरकार ध्यान देगी.

जनता पर टैक्स का बोझ डालने से भी बचना होगा
इसी तरह के प्रावधानों के साथ सरकार अपने बजट को तैयार करेगी. यह भी महत्वपूर्ण है कि यह विधानसभा चुनाव से पहले बजट आ रहा है. ऐसे में इसमें तमाम नए तरह के लोकलुभावने वादे और घोषणाएं भी शामिल हो सकती हैं. इसके अलावा सरकार को यह भी देखना होगा कि जनता पर अधिक टैक्स न लगाया जाए. इस पर भी सरकार बजट में प्रावधान करेगी.

पिछले बजट के खर्च को देखना होगा
पीएचडी चैंबर के को-चेयरमैन मनीष खेमका कहते हैं कि सरकार को यह भी देखना होगा कि पिछला जो बजट था, उसमें कितनी धनराशि खर्च हुई है और इसी आधार पर बजट के आकार को अंतिम रूप दिया जाएगा. कोरोना संकट काल में तमाम विभागों का बजट खर्च नहीं हो पाया, ऐसी जानकारी मिल रही है. ऐसे में उन विभागों के बजट को खर्च करना भी सरकार की चुनौती होगी.

चालू हो सकता है एमपी-एमएलए फंड
मनीष खेमका कहते हैं कि इसके अलावा एमपी-एमएलए फंड जो बंद किया गया था, उसे भी फिर से चालू करना होगा. राज्य को विकास के पथ पर किस प्रकार से आगे लाया जाना है, उसको लेकर सरकार बजट में नए तरह के प्रावधान कर सकती है. खास बात यह भी है कि विधानसभा चुनाव से पहले का यह बजट है. ऐसे में बजट का आकार भी बड़ा होना स्वाभाविक है. तमाम नए तरह के प्रावधान इस बजट में नजर आ सकते हैं. सरकार को यह भी देखना होगा कि जनता पर टैक्स का बोझ न बढ़े और वित्तीय संतुलन बना रहे, इस पर भी सरकार का फोकस रहना चाहिए.

लखनऊ: योगी सरकार ने अपने 5वें और आखिरी बजट को लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार अपने इस बजट को खास बनाने के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटी है. यूपी के वित्त विभाग की तरफ से भी सभी विभागों से बजट के अनुमानित प्रस्ताव मांगे गए हैं, जिन्हें बजट में शामिल किया जा सके और यूपी को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जाया जा सके.

देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

5वां और आखिरी बजट होगा खास
योगी सरकार का यह 5वां और आखिरी बजट होगा. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट लाए जाने की तैयारियां विभागों के स्तर पर और वित्त विभाग के स्तर पर तेजी से चल रही हैं. विभागवार वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रावधानित मदों में कितनी धनराशि खर्च हुई है? उसका भी ब्यौरा जुटाया जा रहा है, जिससे अगले साल के बजट में व्यवस्थित तरीके से धनराशि का प्रावधान करते हुए बजट लाया जाए और समग्रता के साथ उत्तर प्रदेश का विकास हो सके. योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. अब अगला बजट इससे बढ़ा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

2022 विधानसभा चुनाव पर होगा फोकस
वित्त विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने इस बजट का आकार अब तक पेश किए गए बजट के आकार से बड़ा करेगी. इस बजट को पूरी तरह से विधानसभा चुनाव पर केंद्रित रखते हुए लाया जाएगा. चुनाव पर फोकस करते हुए तमाम तरह की लोक-लुभावनी घोषणाओं को समेटे हुए यह बजट नजर आएगा.

कोरोना संकट से निपटने के करने होंगे इंतजाम
मुख्य रूप से जिस प्रकार से कोरोना वायरस का संकट है, ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने को लेकर भी राज्य सरकार के इस वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में तमाम तरह की घोषणाएं नजर आएंगी. वित्तीय प्रावधान किए जाएंगे कि स्वास्थ्य सेवाओं को किस तरह से बेहतर किया जाना है. अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर या अन्य तरह के मेडिकल इक्विपमेंट्स, बेड की संख्या बढ़ाए जाने और अत्याधुनिक सुविधाओं से अस्पतालों को लैस किए जाने को लेकर सरकार का बड़ा फोकस स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर होगा.

युवाओं की नौकरी पर होगा बड़ा फोकस
इसके अलावा सूत्रों की तरफ से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार इस बजट में राज्य सरकार विधानसभा चुनाव को देखते हुए अधिक से अधिक संख्या में युवाओं को रोजगार देने के लिए तमाम नई तरह की योजनाएं भी शुरू कर सकती है. इसके अलावा युवाओं को नौकरी दिए जाने के लिए भी बजट में बड़े स्तर पर प्रावधान किए जा सकते हैं. हालांकि बजट में किन चीजों को लाया जाना है, उसको लेकर अंतिम रूप देने के लिए सभी विभागों से अनुमान मांगे गए हैं.

जनप्रतिनिधियों की निधि हो सकती है बहाल
वित्त विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि योगी सरकार के पिछले चार बजट की तुलना में यह 5वां और आखिरी बजट काफी बड़ा बजट हो सकता है. इसके पीछे 2022 के विधानसभा चुनाव को केंद्रित रखते हुए बजट की तैयारियां की जा रही हैं. इसके अलावा जिस प्रकार से राज्य सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए जनप्रतिनिधियों की निधि समाप्त की थी, उसे इस नए बजट में शुरू करने का बड़ा प्रावधान हो सकता है.

राजस्व बढ़ाने पर भी सरकार देगी ध्यान
इसके अलावा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने, युवाओं को रोजगार देने, चिकित्सा, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी सहित तमाम अन्य सुविधाओं पर नजर रखते हुए बजट तैयार किया जाएगा. राजस्व वसूली पर ज्यादा फोकस सरकार करेगी. इसके अलावा राज्य सरकार किन विभागों से राजस्व प्राप्ति को बढ़ाकर अपने खजाने को मजबूत बनाएगी, इस पर भी सरकार का ध्यान रहेगा.

विभागों में कटौती पर अभी फैसला नहीं
इस नए बजट में किन विभागों के बजट प्रावधानों में कटौती की जाएगी, इस पर अभी सहमति नहीं बन पाई है. इस पर उच्च स्तरीय बैठक में फैसला किये जाने की तैयारी है. देखने वाली बात यह होगी कि राज्य सरकार किन प्रमुख क्षेत्रों में कटौती करती है, लेकिन यह जरूर है कि राज्य सरकार का यह 5वां और आखिरी बजट पिछले बजट की तुलना में आकार में काफी बड़ा होगा और पूरी तरह से चुनाव पर केंद्रित होगा.

अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए करने होंगे महत्वपूर्ण प्रावधान
वरिष्ठ पत्रकार अतुल चंदा कहते हैं कि कोरोना वायरस की वजह से इस समय अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. ऐसी स्थिति में सरकार अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए बजट में तमाम तरह के प्रावधान कर सकती है. सरकार का मुख्य फोकस इस पर भी होगा कि राजस्व अधिक से अधिक कैसे आए और उसके लिए क्या कुछ किया जाना है, इस पर भी सरकार का ध्यान होगा. इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर भी सरकार ध्यान देगी.

जनता पर टैक्स का बोझ डालने से भी बचना होगा
इसी तरह के प्रावधानों के साथ सरकार अपने बजट को तैयार करेगी. यह भी महत्वपूर्ण है कि यह विधानसभा चुनाव से पहले बजट आ रहा है. ऐसे में इसमें तमाम नए तरह के लोकलुभावने वादे और घोषणाएं भी शामिल हो सकती हैं. इसके अलावा सरकार को यह भी देखना होगा कि जनता पर अधिक टैक्स न लगाया जाए. इस पर भी सरकार बजट में प्रावधान करेगी.

पिछले बजट के खर्च को देखना होगा
पीएचडी चैंबर के को-चेयरमैन मनीष खेमका कहते हैं कि सरकार को यह भी देखना होगा कि पिछला जो बजट था, उसमें कितनी धनराशि खर्च हुई है और इसी आधार पर बजट के आकार को अंतिम रूप दिया जाएगा. कोरोना संकट काल में तमाम विभागों का बजट खर्च नहीं हो पाया, ऐसी जानकारी मिल रही है. ऐसे में उन विभागों के बजट को खर्च करना भी सरकार की चुनौती होगी.

चालू हो सकता है एमपी-एमएलए फंड
मनीष खेमका कहते हैं कि इसके अलावा एमपी-एमएलए फंड जो बंद किया गया था, उसे भी फिर से चालू करना होगा. राज्य को विकास के पथ पर किस प्रकार से आगे लाया जाना है, उसको लेकर सरकार बजट में नए तरह के प्रावधान कर सकती है. खास बात यह भी है कि विधानसभा चुनाव से पहले का यह बजट है. ऐसे में बजट का आकार भी बड़ा होना स्वाभाविक है. तमाम नए तरह के प्रावधान इस बजट में नजर आ सकते हैं. सरकार को यह भी देखना होगा कि जनता पर टैक्स का बोझ न बढ़े और वित्तीय संतुलन बना रहे, इस पर भी सरकार का फोकस रहना चाहिए.

Last Updated : Dec 1, 2020, 3:45 PM IST
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