लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अलीगढ़ मंडल की विकास योजनाओं की समीक्षा करते हुए जनहित से जुड़े कार्यों को पूरी तत्परता के साथ पूरा करने के सख्त निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि शासन की नीतियों का लाभ जनता तक हर हाल में पहुंचना चाहिए. निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समय सीमा और मानक का पूरा ध्यान रखा जाए.
मंडलीय समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर तत्काल कार्यवाही की जाए. सभी विकास कार्यों के साथ जनप्रतिनिधियों की संबद्धता अवश्य रहे. कोई भी प्रशासकीय अधिकारी शिलान्यास अथवा लोकार्पण का कार्य न करे. यह समस्त कार्य जनप्रतिनिधियों द्वारा संपन्न कराया जाए. ज्ञात हो कि कई बार जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को उठाया है. विधायकों की शिकायत रही है कि जिलों में अधिकारी खुद से लोकार्पण और शिलान्यास का कार्यक्रम कर लेते हैं. जनप्रतिनिधियों को बुलाया भी नहीं जाता है. मुख्यमंत्री ने उनकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अफसरों को यह निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी पटल पर तीन दिन से अधिक पत्रावली लंबित न रहे. विभागीय मुख्यालय में पत्रावलियां सात दिन से अधिक लंबित न रहें, देरी पर जवाबदेही तय की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने अलीगढ़ में प्रस्तावित राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना को शासन की शीर्ष प्राथमिकता में बताया. अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं रखा जाए. राजा महेंद्र प्रताप के सामाजिक अवदान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय इतिहास के एक विशिष्ट नायक के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन है.
अलीगढ़ के मंडलायुक्त के साथ ही अलीगढ़, हाथरस, कासगंज और एटा के जिलाधिकारियों से जिलों में संचालित विभिन्न शासकीय योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त कर मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों को तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस संबंध में किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा उदासीनता बरती जाने पर जवाबदेही तय की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने ओडीओपी उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए नियोजित भाव से कार्य करने पर भी जोर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि अलीगढ़ हार्डवेयर का हब है. यहां रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. जनप्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात समाप्त हो चुकी है. सड़कों के गड्ढा मुक्ति का अभियान प्रारंभ किया जाए. अलीगढ़ स्मार्ट सिटी परियोजना की भी मुख्यमंत्री ने गहनता से समीक्षा की. एटा में नगर सीवरेज योजना और अलीगढ़ पुनर्गठन पेयजल योजना को मार्च 2021 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने एटा में निर्माणाधीन 100 बेड वाले मैटरनिटी विंग के निर्माण में विलंब न होने के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया है. साथ ही एटा के तरंगवा में राजकीय महाविद्यालय का निर्माण कार्य दिसंबर 2020 तक पूर्ण करने के भी निर्देश दिए.
सीएम योगी ने दी हिदायत, अधिकारी न करें शिलान्यास-लोकार्पण - अलीगढ़ मंडल की विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को हिदायत दी है कि वे शिलान्यास और लोकार्पण न करें. जनप्रतिनिधियों की शिकायत के बाद की उन्हें विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास में बुलाया तक नहीं जाता और अधिकारी खुद ही कार्यक्रम कर लेते हैं.
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अलीगढ़ मंडल की विकास योजनाओं की समीक्षा करते हुए जनहित से जुड़े कार्यों को पूरी तत्परता के साथ पूरा करने के सख्त निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि शासन की नीतियों का लाभ जनता तक हर हाल में पहुंचना चाहिए. निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समय सीमा और मानक का पूरा ध्यान रखा जाए.
मंडलीय समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर तत्काल कार्यवाही की जाए. सभी विकास कार्यों के साथ जनप्रतिनिधियों की संबद्धता अवश्य रहे. कोई भी प्रशासकीय अधिकारी शिलान्यास अथवा लोकार्पण का कार्य न करे. यह समस्त कार्य जनप्रतिनिधियों द्वारा संपन्न कराया जाए. ज्ञात हो कि कई बार जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को उठाया है. विधायकों की शिकायत रही है कि जिलों में अधिकारी खुद से लोकार्पण और शिलान्यास का कार्यक्रम कर लेते हैं. जनप्रतिनिधियों को बुलाया भी नहीं जाता है. मुख्यमंत्री ने उनकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अफसरों को यह निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी पटल पर तीन दिन से अधिक पत्रावली लंबित न रहे. विभागीय मुख्यालय में पत्रावलियां सात दिन से अधिक लंबित न रहें, देरी पर जवाबदेही तय की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने अलीगढ़ में प्रस्तावित राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना को शासन की शीर्ष प्राथमिकता में बताया. अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं रखा जाए. राजा महेंद्र प्रताप के सामाजिक अवदान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय इतिहास के एक विशिष्ट नायक के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन है.
अलीगढ़ के मंडलायुक्त के साथ ही अलीगढ़, हाथरस, कासगंज और एटा के जिलाधिकारियों से जिलों में संचालित विभिन्न शासकीय योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त कर मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों को तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस संबंध में किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा उदासीनता बरती जाने पर जवाबदेही तय की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने ओडीओपी उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए नियोजित भाव से कार्य करने पर भी जोर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि अलीगढ़ हार्डवेयर का हब है. यहां रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. जनप्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात समाप्त हो चुकी है. सड़कों के गड्ढा मुक्ति का अभियान प्रारंभ किया जाए. अलीगढ़ स्मार्ट सिटी परियोजना की भी मुख्यमंत्री ने गहनता से समीक्षा की. एटा में नगर सीवरेज योजना और अलीगढ़ पुनर्गठन पेयजल योजना को मार्च 2021 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने एटा में निर्माणाधीन 100 बेड वाले मैटरनिटी विंग के निर्माण में विलंब न होने के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया है. साथ ही एटा के तरंगवा में राजकीय महाविद्यालय का निर्माण कार्य दिसंबर 2020 तक पूर्ण करने के भी निर्देश दिए.