लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार की सुबह बुलाई गई कैबिनेट बैठक में छह अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली है. वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी, भांग का ठेका और गोरखपुर चिड़ियाघर से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी है.
योगी सरकार के मंत्री और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि यूपी आबकारी की भांग की फुटकर दुकानों के प्रतिस्थापन को लेकर प्रस्ताव पास. भांग की फुटकर दुकानों की नियमावली को मंजूरी दी गयी. नीलामी ऑनलाइन होगी. अभी तक केवल शासनादेश के सहारे चलती थी. अब टेंडरों, नीलामी की जगह भांग की दुकानें ऑनलाइन आवेदन से होंगी.
वेतन और भत्तों को लेकर प्रस्ताव पास
एक नवंबर 2012 से लागू होगा भत्ता. भत्ता 100 के स्थान पर 200, 200 के स्थान पर 300, 300 के स्थान पर 430 और 400 के स्थान पर 600 रुपये कर दिया गया है. भत्ता बढ़ाने से राज्य सरकार पर सालाना 20 करोड़ का अतिरिक्त व्यय भार आएगा. इसमें लेखपाल, स्वास्थ्य कर्मचारी, वन कर्मचारी, लेखा परीक्षक जैसे कर्मचारी लाभान्वित होंगे. इससे करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान के निर्माण के संबंध में प्राणी उद्यान की स्थापना का उद्देश्य वन्य जीवों का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाना है. उत्तर प्रदेश में अभी तक दो प्राणी उद्यान कानपुर एवं लखनऊ स्थापित हैं. शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान गोरखपुर की स्थापना 2008-2009 में प्रस्तावित की गई थी. गोरखपुर में प्राणी उद्यान की स्थापना होने से पर्यटक स्थल के रूप में क्षेत्र का विकास होगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गोरखपुर की पहचान होगी. परियोजना में 234 करोड़ की लागत है. इसका अनुमोदन प्राप्त किया गया है. 121 एकड़ क्षेत्रफल में निर्माण होगा.पर्यटकों के आवागमन को बढ़ावा मिलेगा.
योगी सरकार के मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि प्रयागराज में पीएचसी को सीएचसी बनाया जाएगा. उसके ध्वस्तीकरण कराने के लिए 27 लाख खर्च आ रहे हैं। इस पीएचसी का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने किया था. कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की पहल पर पीएचसी भवन को तोड़कर और सीएचसी बनाया जा रहा है. पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में इसे बंद कर दिया गया था, लेकिन अब योगी सरकार ने पीएचसी को संचालित करके और फिर इसका सीएचसी में बदलाव किया जा रहा है.
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में छात्रों के लिए रहने की व्यवस्था है.आने वाले समय में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी होने वाली है. अनुमान किया गया कि भविष्य में आने वाले छात्रों के लिए रहने की कमी होगी. इसलिए 200 बेड का छात्रावास निर्माण कराया जाना है. जी प्लस सिक्स. 12.15 करोड़ रुपये का खर्च लगेगा.
जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय की जगह अब जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट में तब्दील किया गया है. अब जहां पर विकलांग लिखा हुआ था उन स्थानों पर दिव्यांग लिखा जाएगा. पहले इसे सरकारी सहायता नहीं मिल रही थी. अब सरकारी सहायता विश्वविद्यालय को मिल सकेगा.