लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से बुधवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मुलाकात कर सियासी गठबंधन पर चर्चा करते हुए रणनीति बनाई. संकल्प भागीदारी मोर्चे का नेतृत्व कर रहे ओमप्रकाश राजभर के समाजवादी पार्टी के साथ आने से उत्तर प्रदेश में क्या सियासी समीकरण होंगे. दोनों के साथ गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी या सुभासपा को कितना राजनीतिक फायदा होगा. इसको लेकर ETV BHARAT से वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रतन मणिलाल ने बातचीत की.
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राजनीतिक विश्लेषक कहता हैं कि ओमप्रकाश राजभर के फैसले से सबसे अधिक नुकसान शिवपाल सिंह यादव की पार्टी को होगा. क्योंकि वह कई छोटी पार्टियों को साथ लेकर मोर्चा बनाकर अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे थे. समाजवादी पार्टी अपने आप में प्रदेश व्यापी जन समर्थन पाकर सरकार बना चुकी है तो उन्हें ओमप्रकाश राजभर के साथ आने से बहुत ज्यादा फायदा नहीं होगा. बल्कि यूं कहें उतना ही नुकसान या फायदा होगा जितना भाजपा के साथ लेने से हुआ था.
राजनीतिक विश्लेषक रतन मणिलाल कहते हैं कि 4 से 6 जिलों में राजभर कम्युनिटी का अच्छा प्रभाव और वोट बैंक है और इनका आधार भी है. ऐसे में 20 से 25 सीटों पर इनका साथ समाजवादी पार्टी के लिए लाभदायक हो सकता है. हालांकि यह संख्या बहुत सुनिश्चित तौर पर नहीं कही जा सकती. वैसे, समाजवादी पार्टी अपने आप में हर जगह पहुंचने और जनसमर्थन हासिल करने की मजबूत कोशिश कर रही है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अगर सपा के साथ बनी रहती है तो स्वभाविक बात है कि समाजवादी पार्टी को इसका लाभ जरूर मिलेगा.