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पहाड़ों में हो रही बारिश से बढ़ा गंगा का जलस्तर, मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा

पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. जिसके कारण मैदानी इलाकों के लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक चौबंद कर दी है.

यूपी में बढ़ रहा गंगा का जलस्तर.
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Published : Aug 10, 2019, 8:15 AM IST

लखनऊ: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कई दिनों से लगातार हो रही बरसात एक बार फिर मुसीबत का सबब बन गई है. पहाड़ों पर हो रही बरसात के कारण मैदानी इलाकों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी के मैदानी क्षेत्रों में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. इस वजह से मैदानी इलाकों में लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं. प्रशासन ने इससे निपटने के लिए व्यवस्थाएं चाक चौबंद की है.

गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.

पढ़ें- आगरा: सपेरों की बस्ती में 'शिक्षा' की बीन


हरिद्वार का भीमगौड़ा बैराज वो बैराज है जहां टिहरी के बाद गंगा के बहाव को थामा जाता है. मैदानी इलाकों में जाने वाले पानी को यहीं से काबू किया जाता है. यदि यहां पर गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो इसका असर मैदानी इलाके पर पड़ता है, जो गंगा के किनारे बसा है.

पढ़ें- मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बकरीद पर सरकार से मांगी सुरक्षा


यूपी सिंचाई विभाग के एएक्सएन दिनेश कुमार का कहना है कि गंगा का जलस्तर 293.4 मीटर तक पहुंच गया है. इसका चेतावनी लेवल 293 मीटर है और डेंजर लेवल 294 मीटर है. उन्होनें कहा कि हम लगातार पहाड़ों पर हो रही बरसात को देखते हुए मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जैसे ही बेराज में पानी भरता है वैसे ही गेट खोल कर पानी निकाल दिया जाता है.

पढ़ें- लखनऊ: स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लोहिया अस्पताल में किया वृक्षारोपण


दिनेश कुमार का कहना है कि लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को देखते हुए सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है. जलस्तर बढ़ने की पल-पल की जानकारी अधिकारियों को दी जा रही है. उन्होंने बताया कि भारी मात्रा में सिल्ट आने के कारण गंगनहर को भी बंद कर दिया गया है. पहाड़ों पर जिस तरह से लगातार बारिश हो रही है, उसे देखते हुए सिंचाई विभाग चिंतित दिखाई दे रहा है. यही कारण है कि गंगा के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखने के लिए कर्मचारियों के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.


ऋषिकेश में कमोबेश यही हालात है. गंगा नदी के बढ़े जलस्तर के कारण आस-पास बसी बस्तियों पर खतरे की आशंका बनी हुई है. हालांकि, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर दी हैं. बता दें कि ऋषिकेश में अभी गंगा का जल स्तर 339.40 मीटर है जो कि चेतवानी रेखा से 10 सेंटीमीटर नीचे है. अगर बात की जाए खतरे के निशान की तो ये 340.50 मीटर है.

लखनऊ: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कई दिनों से लगातार हो रही बरसात एक बार फिर मुसीबत का सबब बन गई है. पहाड़ों पर हो रही बरसात के कारण मैदानी इलाकों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी के मैदानी क्षेत्रों में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. इस वजह से मैदानी इलाकों में लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं. प्रशासन ने इससे निपटने के लिए व्यवस्थाएं चाक चौबंद की है.

गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.

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हरिद्वार का भीमगौड़ा बैराज वो बैराज है जहां टिहरी के बाद गंगा के बहाव को थामा जाता है. मैदानी इलाकों में जाने वाले पानी को यहीं से काबू किया जाता है. यदि यहां पर गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो इसका असर मैदानी इलाके पर पड़ता है, जो गंगा के किनारे बसा है.

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यूपी सिंचाई विभाग के एएक्सएन दिनेश कुमार का कहना है कि गंगा का जलस्तर 293.4 मीटर तक पहुंच गया है. इसका चेतावनी लेवल 293 मीटर है और डेंजर लेवल 294 मीटर है. उन्होनें कहा कि हम लगातार पहाड़ों पर हो रही बरसात को देखते हुए मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जैसे ही बेराज में पानी भरता है वैसे ही गेट खोल कर पानी निकाल दिया जाता है.

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दिनेश कुमार का कहना है कि लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को देखते हुए सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है. जलस्तर बढ़ने की पल-पल की जानकारी अधिकारियों को दी जा रही है. उन्होंने बताया कि भारी मात्रा में सिल्ट आने के कारण गंगनहर को भी बंद कर दिया गया है. पहाड़ों पर जिस तरह से लगातार बारिश हो रही है, उसे देखते हुए सिंचाई विभाग चिंतित दिखाई दे रहा है. यही कारण है कि गंगा के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखने के लिए कर्मचारियों के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.


ऋषिकेश में कमोबेश यही हालात है. गंगा नदी के बढ़े जलस्तर के कारण आस-पास बसी बस्तियों पर खतरे की आशंका बनी हुई है. हालांकि, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर दी हैं. बता दें कि ऋषिकेश में अभी गंगा का जल स्तर 339.40 मीटर है जो कि चेतवानी रेखा से 10 सेंटीमीटर नीचे है. अगर बात की जाए खतरे के निशान की तो ये 340.50 मीटर है.

Intro:उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कई दिनों से लगातार हो रही बरसात एक बार फिर मुसीबत का सबब बनी हुई है लगातार पहाड़ों पर हो रही बरसात के कारण निचले इलाकों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है फिलहाल इस वक्त गंगा का जलस्तर 293.4 मीटर चल रहा है हरिद्वार के भीमगोडा बैराज पर तैनात कर्मचारियों को जल स्तर पर नजर रखने की हिदायत दी गई है सुरक्षा की दृष्टि से गढ़वाल के सभी जिलों में हो रही बरसात की जानकारी भीमगोडा विराज को दी जा रही है ताकि पल-पल बढ़ रहे जलस्तर से प्रशासन को अवगत कराया जा सके यूपी सिंचाई विभाग लगातार बढ़ रहे जलस्तर पर सीसीटीवी कैमरे से नजर बनाए हुए हैं




Body:हरिद्वार का भीमगोडा बैराज वो बैराज है जहाँ पर टिहरी के बाद गंगा के बहाव को थामा जाता है यही कारण है कि मैदानी इलाकों में जाने वाले जल को यहीं से काबू किया जाता है यदि यहां पर गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो उसका असर उस पूरे मैदानी इलाके में पड़ता है जो गंगा के तट पर स्थित है यूपी सिंचाई विभाग के एएक्सएन दिनेश कुमार का कहना है कि गंगा का जलस्तर 293.4 मीटर तक पहुंच गया है इसका चेतावनी लेवल 293 मीटर है और डेंजर लेवल 294 मीटर है हम लगातार पहाड़ों पर हो रही बरसात को देखते हुए मॉनिटरिंग कर रहे हैं और जैसे ही पानी भरता है वैसे ही हम गेटों को खोल कर पानी निकाल देते हैं दिनेश कुमार का कहना है कि लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को देखते हुए हमारे द्वारा सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है और पल-पल की जानकारी अधिकारियों को दी जा रही है वहीं भारी मात्रा में सीट आने की वजह से हमारे द्वारा गंग नहर को भी बंद किया गया है क्योकि सिल्ट की मात्रा 9.50 हजार पीपीएम हो गई थी जिसकी वजह से गंग नहर को बंद करना पड़ा है जब सिल्ट की मात्रा 7:50 हजार तक पहुंच जाएगी तब गंग नहर को खोल दिया जाएगा

बाइट-- दिनेश कुमार--एएक्सएन सिंचाई विभाग


Conclusion:पहाड़ों में जिस तरह से लगातार बरसात हो रही है उसे निचले इलाकों में गंगा चेतावनी लेवल से ऊपर बहने लगी है और इसी को देखते हुए सिंचाई विभाग पूरा सत्ता नजर आ रहा है और पहली बार सिंचाई विभाग सीसीटीवी कैमरे से गंगा के जलस्तर पर नजर बनाए हुए हैं और पल-पल की जानकारी उच्च अधिकारी को दे रहा हैं जिस तरह से पहाड़ों में बरसात हो रही है उससे लगता नहीं है कि आने वाले दिनों में गंगा अपना रौद्र रूप ना दिखाएं इसी को देखते हुए जिला प्रशासन और सिचाई विभाग गंगा के जलस्तर पर नजर बनाए बनाकर रख रहा है

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