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लखनऊ: लॉक डाउन में गरीब परिवारों की सूचना न देने वाला सचिव निलंबित - लखनऊ की ताजा खबर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लॉक डाउन के दौरान अपने काम में कोताही बरतने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ जिला प्राशासन सख्त हो गया है. प्रशासन ने लॉक के दौरान गरीब परिवारों तक सही सूचना नहीं पहुंचाने के आरोप में एक ग्राम विकास अधिकारी को सस्पेंड कर दिया.

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प्रेस विज्ञपप्ति
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Published : Apr 8, 2020, 11:45 PM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के दौर में भी कुछ अधिकारी सरकारी कामकाज में अपना योगदान नहीं दे रहे हैं. इस दौर में सरकारी कार्यों में योगदान न देने के साथ ही अपने उच्चाधिकारियों के निर्देशों की लगातार अवहेलना करने वाले ग्राम पंचायत अधिकारी को जिला पंचायत राज अधिकारी निरीश चंद्र साहू ने बुधवार को निलंबित कर दिया.

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राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब विकास खंड की ग्राम पंचायत कुनौर शाहपुर, ढिलवासी, शिवरी और गुलापुर चार ग्राम पंचायतों के ग्राम पंचायत अधिकारी सुधांशु सिंह सचिव हैं. खंड विकास अधिकारी डा अरुण कुमार सिंह द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिये लागू लॉक डाउन के दौरान इस ग्राम पंचायत अधिकारी (सचिव) से ऐसे परिवारों जो वास्तविक रूप से मजदूर गरीब परिवार हो समय पर राशन उपलब्ध न होने पर भुखमरी जैसी स्थित उत्पन्न न होने पाये ऐसे परिवारों की सूचना लगातार मांगी जा रही थी और विकास खंड कार्यालय पर बुलाया जा रहा था.

सचिव द्वारा अपने से बड़े अधिकारी को न तो मांगी गई सूचना दी गई और न ही खंड विकास कार्यालय पर पहुंच कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया. बीडीओ ने बताया 28 मार्च और एक अप्रैल को मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल को रिपोर्ट भेजी गई थी. बीडीओ द्वारा भेजी गई रिपोर्ट की जांच के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा बुधवार को सचिव सुधांशु को निलंबित कर दिया गया है. उसे जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. अब इन ग्राम पंचायतों का कार्यभार दूसरे सचिव को दिया जायेगा.


कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के दौर में भी गांवों में तैनात अधिकारी अपनी ड्यूटी करने में घोर लापरवाही बरत रहे हैं. गरीब मजदूर ऐसे परिवारों को चिन्हित करने के लिये न सिर्फ उनके आदेशों की लगातार अवहेलना कर रहे हैं बल्कि अपने से बड़े अधिकारी के बुलाने पर भी कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. राजधानी लखनऊ के जिला पंचायत राज अधिकारी निरीश चंद्र साहू द्वारा ऐसे ही एक लापरवाह ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित कर दिया है.

लखनऊ: कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के दौर में भी कुछ अधिकारी सरकारी कामकाज में अपना योगदान नहीं दे रहे हैं. इस दौर में सरकारी कार्यों में योगदान न देने के साथ ही अपने उच्चाधिकारियों के निर्देशों की लगातार अवहेलना करने वाले ग्राम पंचायत अधिकारी को जिला पंचायत राज अधिकारी निरीश चंद्र साहू ने बुधवार को निलंबित कर दिया.

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राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब विकास खंड की ग्राम पंचायत कुनौर शाहपुर, ढिलवासी, शिवरी और गुलापुर चार ग्राम पंचायतों के ग्राम पंचायत अधिकारी सुधांशु सिंह सचिव हैं. खंड विकास अधिकारी डा अरुण कुमार सिंह द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिये लागू लॉक डाउन के दौरान इस ग्राम पंचायत अधिकारी (सचिव) से ऐसे परिवारों जो वास्तविक रूप से मजदूर गरीब परिवार हो समय पर राशन उपलब्ध न होने पर भुखमरी जैसी स्थित उत्पन्न न होने पाये ऐसे परिवारों की सूचना लगातार मांगी जा रही थी और विकास खंड कार्यालय पर बुलाया जा रहा था.

सचिव द्वारा अपने से बड़े अधिकारी को न तो मांगी गई सूचना दी गई और न ही खंड विकास कार्यालय पर पहुंच कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया. बीडीओ ने बताया 28 मार्च और एक अप्रैल को मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल को रिपोर्ट भेजी गई थी. बीडीओ द्वारा भेजी गई रिपोर्ट की जांच के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा बुधवार को सचिव सुधांशु को निलंबित कर दिया गया है. उसे जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. अब इन ग्राम पंचायतों का कार्यभार दूसरे सचिव को दिया जायेगा.


कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के दौर में भी गांवों में तैनात अधिकारी अपनी ड्यूटी करने में घोर लापरवाही बरत रहे हैं. गरीब मजदूर ऐसे परिवारों को चिन्हित करने के लिये न सिर्फ उनके आदेशों की लगातार अवहेलना कर रहे हैं बल्कि अपने से बड़े अधिकारी के बुलाने पर भी कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. राजधानी लखनऊ के जिला पंचायत राज अधिकारी निरीश चंद्र साहू द्वारा ऐसे ही एक लापरवाह ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित कर दिया है.

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