लखनऊ. दिवाली के त्योहार में महंगाई (Dearness) ने आम आदमी (Common man) का बजट (budget) बिगाड़ दिया है. प्रदेश में लगातार हो रही बारिश का असर सब्जियों के उत्पादन पर पड़ा. इसके चलते मंडी और फुटकर बाजार में सब्जियों की आवक काफी कम हो गई है. इससे सब्जियों के दामों में अचानक बढ़ोत्तरी हो गई है. इसके अलावा त्योहारों के चलते सब्जियों के दाम (rates of vegetables) भी बढ़े हुए हैं.
गौरतलब है कि रोजाना की जरूरत के सामानों के साथ सब्जियों के भाव (Vegetable prices) भी आसमान छू रहे हैं. सब्जियों की कीमत में हुई बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है. व्यापारियों (merchants) का कहना है कि ज्यादा बारिश होने के कारण सब्जी की फसल बर्बाद हुई है. इसलिए सब्जी के दाम बढ़ गए हैं. सब्जी मंडी और फुटकर बाजार में भी सब्जियों की आवक एकदम से कम हो गई है. इससे मांग बढ़ने से सब्जियों के दाम एकदम से आसमान छु रहे हैं. दूसरी ओर से कुदरत की मार से परेशान किसानों की आमदनी का जरिया भी खत्म हो गया है. किसानों को त्योहार मनाने की फिक्र सता रही है.
सब्जियों के दाम : आलू रु 25 किग्रा, प्याज रु 30 किलो, टमाटर रु 80 किलो, नींबू रु 80 किलो, कद्दू रु 25 किलो, लौकी रु 40 किलो, पालक रु 50 किलो, भिंडी रु 45 किलो, मिर्च रु 80 किलो, गोभी रु 40 रु/पीस, तरोई रु 50 किलो, लहसुन रु 80 किलो, करेला रु 40 किलो, परवल रु 80 किलो, सेम रु 120 किलो, शिमला मिर्च रु 60 किलो, धनिया रु 140 किलो.
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