लखनऊ: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सिराथू से चुनाव हारने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवत: उनको इस बार योगी कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री न बनाया जाए. लेकिन उत्तराखंड में हुए राजनीतिक फैसले के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि उन्हें एक बार फिर से डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. उत्तराखंड में पार्टी नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के बावजूद एक बार फिर से कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया है. हालांकि, उत्तराखंड में विधान परिषद की सीटें भी नहीं हैं. ऐसे में धामी को भाजपा के किसी विधायक की जगह चुनाव लड़ाकर 6 महीने के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी. अगर वह चुनाव हार गए तो उनको मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ेगा. ऐसे में विशेषज्ञों की मानें तो उत्तराखंड के फार्मूले पर ही यूपी में भी केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से सपा गठबंधन प्रत्याशी पल्लवी पटेल से 7000 से अधिक मतों से पराजित हो गए थे तो वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खटीमा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी से चुनाव हार गए थे. बावजूद इसके विधायक दल ने उनको ही अपना नेता चुना है और अब वे मुख्यमंत्री पद की शपथ भी लेंगे. भाजपा के इस निर्णय के बाद यूपी में भी इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
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उत्तराखंड के धामी फार्मूले के आधार पर ही केशव प्रसाद मौर्य को भी अब दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड में पुष्कर धामी के नेतृत्व में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की, बावजूद इसके वो स्वयं का चुनाव हार गए. हालांकि, पार्टी ने उनके समर्पण को देखते हुए फिर से उन्हें सीएम बनाने का निर्णय लिया है. यही वजह है कि अब यूपी में भी केशव प्रसाद मौर्य के पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है और हो सकता है उन्हें भी दोबारा उपमुख्यमंत्री बना दिया जाए.
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